मुजफ्फरपुर: वर्ष 2006 से शुरू हुई शहर विस्तारीकरण की कवायद का पहला पड़ाव पूरा हो गया है. जिलाधिकारी अनुपम कुमार ने सोमवार की शाम विस्तारीकरण के प्रस्ताव पर अपनी मुहर लगा दी.
इसके बाद विस्तारीकरण की संचिका नगर-निगम को वापस कर दिया गया है, जिसे नगर आयुक्त हिमांशु शर्मा को अंतिम मंजूरी के लिए नगर विकास एवं आवास विभाग के पास भेजने का निर्देश दिया गया है. सोमवार की शाम डीएम ने नगर आयुक्त समेत अन्य पदाधिकारियों के साथ काफी देर तक इस मुद्दे पर मंथन की. इसमें कुछ
त्रुटियां थी, जिसे दूर करते हुए नगर आयुक्त को गूगल मैप से विस्तारीकरण में शामिल किये गये गांवों की स्थिति को देखते हुए पूरी रिपोर्ट सरकार को भेजने का निर्देश दिया.
आठ सालों से फंसा था मामला
आठ सालों से विस्तारीकरण की फाइल नगर-निगम से लेकर डीएम ऑफिस तक में घुम रही थी. इसमें कभी जनसंख्या के कारण पेच फंस रहा था, तो कभी आसपास के गांवों को शामिल किये जाने पर जनप्रतिनिधियों की आपत्ति के कारण यह मामला फंसा था. कई बार निगम ने संचिका में सुधार कर सशक्त स्थायी समिति एवं बोर्ड से पास कराया, फिर भी कुछ तकनीकी कारणों से यह फंसा हुआ था. जब इसकी जानकारी डीएम को हुई, तब वे त्वरित कार्रवाई करते हुए एसडीओ पूर्वी व पश्चिमी को रिपोर्ट तलब करते हुए इसकी मंजूरी देने में जुट गये थे.
अधूरी जानकारी पर विभाग ने लौटाया था प्रस्ताव
शहर का विस्तार करने की कवायद आठ सालों से चल रही है. नगर निगम के तत्कालीन प्रशासक सतीश तिवारी के कार्यकाल के दौरान 2006 में इसकी कवायद शुरू हुई थी, लेकिन तत्कालीन मेयर विमला देवी तुलस्यान ने पहली बार निगम बोर्ड से प्रस्ताव पर मुहर लगाया था. इसके बाद मंजूरी के लिए नगर विकास एवं आवास विभाग के पास भेजा था. इस पर विधायक व प्रस्तावित गांव के प्रतिनिधियों ने आपत्ति जतायी. इसके बाद विभाग ने प्रस्ताव को वापस कर दिया था. साथ ही विभाग की ओर से निगम से प्रस्तावित प्रस्ताव में शामिल कृषि क्षेत्र व 2011 में हुई जनगणना में इन इलाकों की आबादी के बारे में जानकारी मांगी गयी थी.