मुजफ्फरपुर: पुलिस मुख्यालय एक ओर अपराध नियंत्रण पर लगाम लगाने के लिए दिशा निर्देश जारी करती है. वही दूसरी ओर जिले में कई ऐसे थाने है, जहां पर गश्ती करने के लिए मोबाइल गाड़ी उपलब्ध नहीं है. यहीं नहीं, आधा दर्जन से अधिक थानों की मोबाइल गाड़ियों की स्थिति जजर्र है. लेकिन इस ओर जिले के वरीय अधिकारी ध्यान नहीं जा रहा है. हाल में ही पुलिस मुख्यालय ने जिले के सात थानों को इंस्पेक्टर ग्रेड के थानों में तब्दील किया है, जिसमें सदर, अहियापुर, बेला, विश्वविद्यालय, मोतीपुर, कांटी व मीनापुर थाना शामिल है.
लेकिन थानों को तब्दील करने के बाद भी सुविधा नगण्य है. शहरी क्षेत्र के विश्वविद्यालय थाना में गश्ती के लिए मोबाइल जीप भी उपलब्ध नहीं है. आये दिन महीने में दो से तीन बार विश्वविद्यालय में विधि व्यवस्था की समस्या उत्पन्न हो जाती है. उसके बाद भी थाने को पुलिस बल व जीप उपलब्ध नहीं कराया गया.
पुलिस मुख्यालय से इंस्पेक्टर ग्रेड में थाना तब्दील होने के बाद एक दरोगा की तैनाती कर खानापूर्ति की गयी. तत्कालीन एसएसपी राजेश कुमार ने विवि थाना को जीप उपलब्ध कराने का निर्देश दिया था, लेकिन उनके आदेश को भी ताक पर रख दिया गया.
हत्था ओपी में भी यहीं हाल है. डकैती व नक्सल क्षेत्र होने के बाद भी यहां जीप उपलब्ध नहीं थी. दस दिन पूर्व थाने को जीप उपलब्ध करायी गयी है. दोनों थानों को हाल में एक-एक बाइक भी दी गयी है.
बिना हाजत के थाने
शहरी क्षेत्र के मिठनपुरा व बेला थाने में अभी तक हाजत का निर्माण नहीं किया गया है. इससे अपराध नियंत्रण भी प्रभावित हो रहा है. हर माह मासिक अपराध समीक्षा के दौरान प्रत्येक थानेदार को अपराधियों की गिरफ्तारी करने का टारगेट दिया जाता है. लेकिन मिठनपुरा व बेला में हाजत नहीं होने से अपराधियों की गिरफ्तारी भी प्रभावित हो रही है.
जिला स्कूल के प्राचार्य आवास से जेल के पास थाना शिफ्ट होने के समय ही हाजत बनाने का निर्देश दिया गया था. लेकिन उसके बाद भी हाजत का निर्माण नहीं हो पाया. मिठनपुरा थाने में अभियुक्तों की गिरफ्तारी करने के बाद सिरिस्ता कक्ष के चौकी पर उसे बैठा कर रखा जाता है. चारों तरफ से खुला होने के कारण अभियुक्त के भागने का खतरा भी बना रहता है. बेला में कई साल से थाना कुक्कुट विभाग के मकान में चल रहा है. बरसात के दिनों में थाने के अंदर पानी भी घुस जाता है.
अभियुक्त की गिरफ्तारी करने के बाद नगर या काजी मोहम्मदपुर थाने के हाजत में रखा जाता है. महिला थाना, एससी/एसटी व मोतीपुर थानों में हाजत नहीं है.
आधा दर्जन थानों की जीप जजर्र
शहरी क्षेत्र के अपराध नियंत्रण में लगी पुलिस थानों की जीप की हालत जजर्र है. बेला थाना के मोबाइल गाड़ी की स्थिति ऐसी है कि एक साथ पांच सिपाही जीप पर बैठ जाये, तो गाड़ी लोड नहीं लेती है. हाल में ही मनियारी में विधि व्यवस्था की समस्या उत्पन्न होने पर बेला थाने के मोबाइल जीप को घटनास्थल पर जाने का निर्देश दिया गया था. लेकिन विवि व बेला थानाध्यक्ष सहित पुलिस बल के बैठने के बाद जीप चलने में हांफने लगी थी.
थक हार कर दोनों थानेदार बाइक से मौके पर पहुंच पाये थे. कमोवेश यही हाल बरियारपुर ओपी, पानापुर ओपी, सदर बी इंस्पेक्टर सहित कई थानों की मोबाइल जीप की है. नाम न छापने की शर्त पर एक पुलिस अधिकारी बताते है कि मोबाइल जीप मरम्मत करने की जिम्मेवारी पुलिस लाइन के अधिकारियों को है. लेकिन शायद ही कभी किसी थाने की जीप मरम्मत होती है, जबकि पुलिस लाइन के अधिकारियों के इस्तेमाल में आने वाली गाड़ियां चकाचक रहती है.