मुजफ्फरपुर: निगम सरकार की पहली वर्षगांठ में उस समय माहौल गरम हो गया, जब कुछ वार्ड पार्षदों ने वार्षिक रिपोर्ट कार्ड में पार्षदों के नाम नहीं होने पर सवाल खड़ा कर दिया. पार्षदों की आपत्ति थी कि रिपोर्ट कार्ड में सिर्फ मेयर व उपमेयर का नाम है.
नियमानुसार नगर निगम बोर्ड के सभी सदस्यों का नाम होना चाहिए. इधर, पार्षदों के तेवर देख आनन-फानन में पार्षदों के बीच वितरित किये गये रिपोर्ट कार्ड को एक सफेद पोश के इशारे पर निगम कर्मचारी उनसे वापस लेने लगे. इस पर कुछ पार्षदों ने आपत्ति जाहिर की.
पार्षद जूही आरा ने बिफरते हुए कहा कि निगम में लाचारी व मजबूरी का सरकार है. पार्षदों के विचार से निगम का काम नहीं हो रहा है. यहां तो एक अलग राजनीति चल रही है. इसका प्रमाण आज पेश किया रिपोर्ट कार्ड है. इसमें पार्षदों की उपेक्षा की गयी है. पार्षद के वार्ड के नाम के साथ योजनाओं व खर्च हुई राशि को तो बताया गया है, लेकिन पार्षद के नाम मुनासिब नहीं समझा गया है.