मुजफ्फरपुर: बीआरए बिहार विवि के विभिन्न कॉलेजों में राजभवन की मंजूरी के बिना पूर्व से चल रहे पांच कोर्स पर संकट टल गया है. इसमें एलएस कॉलेज का बैचलर इन जर्नलिज्म एंड मास कम्यूनिकेशन (बीजेएमसी) व बैचलर इन लाइब्रेरी एंड इन्फॉर्मेशन साइंसेज (बीलिस), एमडीडीएम कॉलेज का फूड एंड क्वालिटी कंट्रोल, एमएसकेबी का फैशन डिजाइनिंग एवं एसएनएस कॉलेज मोतिहारी का कम्पाउंड एक्वाक्लचर कोर्स शामिल है. ये सभी एड ऑन कोर्स हैं. यूजीसी के गाइड लाइन के तहत एड ऑन कोर्स के संचालन के लिए राजभवन की मंजूरी जरू री नहीं है.
यूजीसी से मंजूरी मिलने के बाद इसका संचालन खुद विवि या कॉलेज अपने स्तर से कर सकते हैं. कोर्स पूरा करने के बाद प्रमाण पत्र भी विवि व कॉलेज अपने स्तर से जारी कर सकते हैं. राजभवन ने भी इस पर अपनी सहमति जता दी है.
इससे पूर्व इन कोर्स के संचालन के लिए राजभवन की मंजूरी आवश्यक मानी जा रही थी. राजभवन की ओर से विवि व कॉलेजों में बिना अनुमति चल रहे कोर्स को बंद करने का आदेश दिया था. इसके बाद आनन-फानन में सिंडिकेट की बैठक बुलाकर अठारह वोकेशनल कोर्स के रेगुलेशन को मंजूरी दी गयी व उसका प्रस्ताव राजभवन भेजा गया. इसमें ये पांच कोर्स भी शामिल थे. राजभवन के फैसले के बाद अब इन कोर्स पर छाया संकट टल गया है.
क्या है एड ऑन कोर्स
दो या दो से अधिक कोर्स को जोड़ कर बने कोर्स को एड ऑन कोर्स कहा जाता है. बीजेएमसी, बीलिस, फूड एंड क्वालिटी कंट्रोल, फैशन डिजाइनिंग व कम्पाउंड एक्वाकल्चर कोर्स तीन वर्षीय कोर्स है. पर यह तीन अलग-अलग कोर्स से मिल कर बना है. पहला वर्ष पूरा करने के बाद पढ़ाई छोड़ने पर छात्रों को सर्टिफिकेट कोर्स, दूसरे वर्ष के बाद डिप्लोमा व तीसरे वर्ष के बाद एडवांस डिप्लोमा कोर्स की डिग्री दी जाती है.