मुजफ्फरपुर: सीबीएसइ से संबंधित स्कूलों में गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा व परिसर में बेहतर व्यवस्था के लिए अब बच्चों की तरह स्कूलों को भी ग्रेड मिलेगा. ग्रेड देने के लिए पैमाना स्कूलों की क्वालिटी को माना जायेगा.
ग्रेडिंग के लिए स्कूल बोर्ड को जून तक आवेदन कर सकेंगे. इसके बाद बोर्ड की टीम स्कूल परिसर की जांच के बाद रिपोर्ट बनायेगी. इसमें एजूकेशन, इंफ्रास्ट्रक्चर व सिस्टम को जांचा जायेगा. जो स्कूल महत्वपूर्ण व जरूरी बिंदुओं पर खरा उतरते हैं, उन्हें ए, बी व सी ग्रेड दिया जायेगा. खरा नहीं उतरने पर स्कूल की मान्यता भी रद्द की जा सकती है. इसके लिये स्कूलों को तय समय में सुधार लाना आवश्यक होगा. सीबीएसइ स्कूलों में शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार लाने के लिए यह पहल की जा रही है. इससे स्कूल का स्तर भी सुधरेगा व सुविधाओं में भी सुधार होगा. ग्रेडिंग प्वाइंट में बालिकाओं की सुरक्षा पर भी जोर दिया गया है.
ए ग्रेड तो गुणवत्ता बेहतर: सीबीएसइ ने हर जिले में को-ऑर्डिनेटर तय किये हैं. इनके अधीन सभी को-ऑर्डिनेटर को जांच का जिम्मा दिया गया है. स्कूलों की गुणवत्ता के आधार पर सीबीएसइ ग्रेड देगा. ग्रेड ए का मतलब होगा स्कूल की गुणवत्ता अच्छी है. बी ग्रेड उन स्कूलों को मिलेगा, जो औसत अच्छे होंगे. सी ग्रेड का मतलब होगा कि स्कूल की क्वालिटी में सुधार की जरूरत है.
इन बिंदुओं पर मिलेगा ग्रेड: स्कूलों में सेमिनार या वर्कशॉप कराये जाते हैं या नहीं, स्टाफ व शिक्षक स्कूल में रहते हैं या नहीं, बालिकाओं की सुरक्षा के लिए कमेटी बनायी या नहीं,अभिभावक का स्कूल गतिविधियों में भागीदारी रहती है या नहीं, विकलांग बच्चों के लिए बुनियादी सुविधाएं हैं या नहीं, स्कूल में पीने के पानी का उचित प्रबंध है या नहीं, स्कूल परिसर में साफ सफाई है या नहीं, स्कूल परिसर का वातावरण इको फ्रेंडली है या नहीं आदि पर ग्रेड मिलेगा.