मुजफ्फरपुर: बीआरए बिहार विवि में पुराने शोधार्थियों को पीएचडी के लिए यूजीसी के रेगुलेशन 2009 का लाभ देने का फैसला दो दर्जन से अधिक छात्र-छात्राओं के लिए परेशानी का सबब बना हुआ है. ये सभी एजुकेशन विषय से शोध कर रहे हैं.
विशेष क्लास छह महीने का होना था, जिसमें शोधार्थियों को तीन पेपर पढ़ने थे, जिसमें एक संबंधित विषय से, दूसरा रिसर्च मेथडलॉजी व तीसरा कंप्यूटर अप्लीकेशन शामिल है. विवि के फैसले के बाद अधिकांश विभागों में विशेष कोर्स की कक्षा समाप्त हो चुकी है. पर छह माह बीत जाने के बावजूद एजुकेशन के शोधार्थियों के लिए विशेष कक्षा शुरू नहीं हो सकी है. इसके कारण दो दर्जन से अधिक शोधार्थियों का शोध कार्य रू का हुआ है. मामला विशेष कक्षा के स्थल को लेकर फंसा है.
विवाद इस वर्ष फरवरी में आयोजित सिंडिकेट की बैठक में शुरू हुई. एजुकेशन के डीन डॉ एआर खान ने विशेष कोर्स एलएन मिश्र कॉलेज ऑफ बिजनेस मैनेजमेंट में कराने की मांग की. पर तुर्की बीएड कॉलेज प्राचार्या कोर्स अपने यहां कराने पर अड़ गयी. डॉ खान का आरोप था कि तुर्की बीएड कॉलेज में सुविधाओं का अभाव है. ऐसे में वहां कोर्स कराने से शोधार्थियों को कोई लाभ नहीं होगा. विवाद बढ़ता देख कोर्स स्थल को लेकर फैसला टाल दिया गया. विवि में एजुकेशन का कोई अलग विभाग नहीं है. इसे मनोविज्ञान विभाग के साथ टैग किया गया है. पिछले दिनों एजुकेशन विभाग की ओर से विशेष कोर्स मनोविज्ञान विभाग में ही कराने का प्रस्ताव कुलानुशासक के समक्ष रखा गया है. पर फिलहाल इस पर कोई फैसला नहीं लिया गया है.