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भाड़े की गाड़ी पर चलते हैं, तो निगम की गाड़ी किसके लिए

मुजफ्फरपुर : नगर आयुक्त व डिप्टी मेयर के बीच विवाद अभी शांत भी नहीं हुआ था कि अब मेयर व नगर आयुक्त में ठन गयी है. मेयर ने नगर आयुक्त को मिली सुविधाओं पर सवाल खड़ा किया है. उधर, मेयर ने शहर के लिए खरीदे गये डस्टबिन की गुणवत्ता जांच का निर्देश दिया, तो नगर […]

मुजफ्फरपुर : नगर आयुक्त व डिप्टी मेयर के बीच विवाद अभी शांत भी नहीं हुआ था कि अब मेयर व नगर आयुक्त में ठन गयी है. मेयर ने नगर आयुक्त को मिली सुविधाओं पर सवाल खड़ा किया है. उधर, मेयर ने शहर के लिए खरीदे गये डस्टबिन की गुणवत्ता जांच का निर्देश दिया, तो नगर आयुक्त ने तर्क दिया है कि यदि डस्टबिन का भुगतान दस दिनों के भीतर नहीं किया गया तो आपूर्तिकर्ता कंपनी को ब्याज का भुगतान करना होगा.
मेयर सुरेश कुमार ने नगर आयुक्त संजय दूबे को पत्र लिख कर पूछा है कि जब उन्हें भाड़े की लग्जरी गाड़ी सफारी मिली है, तो फिर उनके आवास में पड़ी निगम की कार का इस्तेमाल कौन कर रहा है‍? किसके आदेश से कार के लिए ड्राइवर की प्रतिनियुक्ति हुई है‍? सात माह में कार में कितने रुपये का ईंधन भरवाया गया है? नगर आयुक्त आवास पर कितने कर्मियों की ड्यूटी लगी है? मेयर ने नगर आयुक्त को इसकी जानकारी लिखित रूप में देने को कहा है.
मेयर ने जांच को कहा
मेयर ने डोर-टू-डोर कूड़ा कलेक्शन के लिए खरीदे गये नीले व हरे डस्टबिन की गुणवत्ता जांच का निर्देश दिया था. खरीदारी जेम पोर्टल से हुई है. मेयर ने दोबारा नगर आयुक्त को पत्र लिख कहा है कि समय-सीमा निर्धारित कर अपनी जिम्मेदारी से भागना उचित नहीं है.
नगर आयुक्त बोले ब्याज देना होगा
नगर आयुक्त ने कमेटी का गठन किया है, लेकिन साथ ही कहा है कि डस्टबिन का भुगतान दस दिनों के अंदर करना आवश्यक है. विलंब होने पर ब्याज के साथ राशि भुगतान करना होगा. जांच कमेटी तीन दिनों के अंदर अपनी रिपोर्ट जमा करे. ऐसा नहीं करने पर ब्याज की राशि के साथ आपूर्तिकर्ता कंपनी को भुगतान करना पड़ेगा, जिसकी जिम्मेदारी हमारी (नगर आयुक्त) नहीं होगी.
मेयर ने पूछा
नगर आयुक्त संजय दूबे शुक्रवार को निगम में मौजूद नहीं थे. कर्मियों ने बताया कि वे छुट्टी पर चले गये हैं. मेयर ने नगर आयुक्त को पत्र लिख नगरपालिका एक्ट का हवाला देते हुए पूछा कि आप बार-बार क्यों मेयर को बिना सूचित किये मुख्यालय छोड़ रहे हैं.
नगर आयुक्त ने कहा था
पिछले दिनों भी मेयर ने नगर आयुक्त के मुख्यालय से बाहर रहने पर कड़ा पत्र लिखा था. नगर आयुक्त ने जवाब दिया था कि वे प्रधान सचिव के मीटिंग में शामिल होने के लिए बिहारशरीफ गये थे. हालांकि, मेयर नगर आयुक्त के जवाब से संतुष्ट नहीं हैं. दोबारा पत्र लिख उन्हें स्पष्ट जवाब देने को कहा है.

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