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गाड़ी पर तकरार, बैठक में बाइक से पहुंचे मेयर

मुजफ्फरपुर : शहर के विकास व निगम की आमदनी बढ़ाने के मुद्दे पर शनिवार को आयोजित निगम बोर्ड की बैठक में मेयर की गाड़ी का किराया कम देने व भ्रष्टाचार का मुद्दा छाया रहा. प्रतिमाह 29 हजार के बदले करीब 19 हजार रुपये किराया मिलने से नाराज मेयर सुरेश कुमार अपनी गाड़ी छोड़ बाइक से […]

मुजफ्फरपुर : शहर के विकास व निगम की आमदनी बढ़ाने के मुद्दे पर शनिवार को आयोजित निगम बोर्ड की बैठक में मेयर की गाड़ी का किराया कम देने व भ्रष्टाचार का मुद्दा छाया रहा. प्रतिमाह 29 हजार के बदले करीब 19 हजार रुपये किराया मिलने से नाराज मेयर सुरेश कुमार अपनी गाड़ी छोड़ बाइक से बैठक में पहुंचे. बैठक जैसे ही शुरू हुई कि पार्षद सीमा झा ने इस मुद्दे को उठाया. मेयरने भी इसे सही बताते हुए कहा कि मैं पार्षदों को यह बताना चाहता हूं कि नगर आयुक्त ने मेरी गाड़ी छिन ली है. इसके बाद पार्षद राकेश कुमार सिन्हा ने इसका समर्थन करते हुए नगर आयुक्त पर भड़क गये.
नगर आयुक्त संजय दूबे जब कुछ बोलते इससे पहले उनके खिलाफ राकेश कुमार सिन्हा बाेर्ड के समक्ष निंदा प्रस्ताव रख दिया. पार्षद नंद कुमार साह उर्फ नंदू बाबू, संजय केजरीवाल, केपी पप्पू आदि ने इसका विरोध कर दिया. इसके बाद नगर आयुक्त व राकेश कुमार सिन्हा के बीच तू-तू, मैं-मैं होने लगी. हालांकि,
बाद में उप मेयर मानमर्दन शुक्ला ने हस्तक्षेप कर मामला को शांत कराया. इसके बाद ड्राइवर व ईंधन को छोड़ निगम जब तक नयी गाड़ी खरीद नहीं लेती है, तब तक प्रतिमाह 24 हजार रुपये गाड़ी का किराया देने का निर्णय लिया गया. ऐसे में बोर्ड ने महापौर, उप महापौर, नगर आयुक्त व निगम में खुली स्थायी पुलिस पोस्ट के लिए एक नयी गाड़ी खरीदने के प्रस्ताव को पारित कर दिया.
विज्ञापन व टंकी सफाई महंगा
मुजफ्फरपुर. नगर निगम की आमदनी बढ़ाने के लिए निगम बोर्ड ने शहर में लगे बिजली के पोल समेत अन्य जगहों पर प्रचार-प्रसार के लिए लगनेवाले विज्ञापन बोर्ड व फ्लैश के रेट को चार गुना बढ़ा दिया है. शौचालय की टंकी सफाई शुल्क में भी दोगुना राशि की वृद्धि हुई है. पहले आवासीय का 500 व कॉमर्शियल का एक हजार रुपये था. अब 1000 व 1500 रुपये हो गया है.
पानी टैंकर तीन सौ के बदले अब 500 रुपये में मिलेगा. बाइक सर्विसिंग सेंटर से प्रतिवर्ष 12 हजार व चारपहिया वाले सर्विसिंग सेंटर से प्रतिवर्ष 20 हजार रुपये की वसूली की जायेगी.
एलइडी स्ट्रीट लाइट पर करार पारित
नगर निगम व एनर्जी इंफिसियंसी सर्विस लिमिटेड (इइएसएल) के बीच शहर में एलइडी स्ट्रीट लाइट लगाने के लिए हुए करार को निगम बोर्ड ने पारित कर दिया है. बोर्ड ने नगर आयुक्त को अधिकृत करते हुए जल्द से जल्द कंपनी के अधिकारियों से बात कर एलइडी लाइट लगाने की प्रक्रिया को शुरू कराने को कहा है. इस पर जो भी लागत आयेगी, एग्रीमेंट के मुताबिक निगम उसका भुगतान कंपनी को करेगा.
इसके लिए बोर्ड में रखे गये प्रस्ताव को सामूहिक रूप से पास कर दिया गया.
भ्रष्टाचार के मुद्दे पर बरसे उप मेयर
मुजफ्फरपुर. भ्रष्टाचार के मुद्दे पर उप मेयरमानमर्दन शुक्ला फिर से बरसे. उन्होंने बैठक के दौरान नगर आयुक्त से कहा कि आप कहते हैं हम भ्रष्टाचार रोकने में लगे हैं, लेकिन आपके अधीन काम करनेवाला जो कर्मचारी है, वह बिना पैसा लिये कोई काम नहीं कर रहा है. उन्होंने शिक्षण कोषांग प्रभारी विजय कुमार का नाम बताया. कहा, एक शिक्षिका से मातृत्व अवकाश की स्वीकृति दिलाने के नाम पर आठ हजार रुपये की वसूल की गयी. मेयरने पैसा लौटवाया. आवास व शौचालय योजनाओं में भी रिश्वत ली जा रही है. नगर आयुक्त ने बचाव की कोशिश की. तब उन्होंने कहा कि लगता है मुझे भ्रष्टाचार के खिलाफ फिर से मुहिम छेड़ना होगा. बाद में अधिकतर पार्षदों ने उप मेयरका समर्थन करते हुए लंबे समय से एक ही जगह तैनात रहने वाले तमाम वरीय कर्मचारी को इधर-उधर करने का प्रस्ताव पारित कर दिया. वहीं घूस लेने वाले कर्मचारी विजय कुमार को निलंबित कर कार्रवाई करने का आदेश बोर्ड ने नगर आयुक्त को दिया.
कंपाेस्ट पिट के भुगतान पर रोक
चंदवारा में बिना टेंडर एक ही जगह पर बने 300 कंपोस्ट पिट के भुगतान पर निगम बोर्ड ने रोक लगा दी है. इसके अलावा पूर्व नगर आयुक्त के कार्यकाल में जितने भी विभागीय काम हुए हैं, उनका भुगतान अभी लंबित है. पार्षद नंद कुमार साह उर्फ नंदू बाबू ने कहा कि इसकी पहले जांच करायी जाये. इसके बाद भुगतान की प्रक्रिया शुरू होनी चाहिए.
पार्षदों ने निकाला मन का गुबार, नंदू बाबू ने किया बीच बचाव
मुजफ्फरपुर. निगम बोर्ड की मीटिंग के दौरान खूब राजनीति भी हुई. एक खेमे के कुछ पार्षद आक्रोशित होकर नगर आयुक्त को घेरने की कोशिश में लगे थे. स्थिति को भांपते हुए मीटिंग शुरू होने के साथ दूसरे खेमा के किंगमेकर (उप महापौर) ने राजनीतिक चाल चल दी. उन्होंने पार्षदों के आक्रोश को शांत करने के लिए महापौर से कहा कि सभी पार्षदों को तीन-तीन मिनट का समय दिया जाये, ताकि वे अपने-अपने वार्ड की समस्याएं खुलकर बोर्ड के समक्ष रख सकें. पार्षदों ने ताली बजाकर इसका स्वागत किया.
पहली बार पार्षदों को बोर्ड में खुलकर बोलने का मौका मिला था. कई पार्षद तीन की बजाये पांच से दस मिनट तक बोलते रहे. यानी करीब चार घंटे तक पार्षद बोलते रहे. उन्होंने नाला, पेयजल व गंदगी की समस्याएं उठायीं. जब मेयर के प्रत्याशी रहे नंद कुमार साह उर्फ नंदू बाबू की बारी आयी, तो पहले नगर आयुक्त का बचाव किया, फिर उन्हें नसीहत देने से भी नहीं चूके.
उन्होंने बायोमिट्रिक सिस्टम को बंद कर दस खास पार्षदों के यहां हाजिरी बनाने की महापौर सुरेश कुमार की तरफ से बनाये गये सिस्टम के विरुद्ध प्रस्ताव लाकर इसे सभी पार्षदों के समर्थन से पास करा दिया. जल संकट से निजात दिलाने के लिए 49 वार्डों से चयनित 130 योजनाओं का एस्टिमेट तैयार किया जा रहा है. बोर्ड ने योजनाओं के चयन में हेराफेरी का आरोप लगा. उसे फिलहाल रद्द कर दिया है.
होल्डिंग टैक्स वृद्धि का प्रस्ताव खारिज
सरकार के आदेश पर फिर से होल्डिंग टैक्स की समीक्षा कर उसे बढ़ाने के प्रस्ताव को निगम बोर्ड ने उसे खारिज कर दिया है.
सीओ, सीडीपीओ समेत कई अधिकारियों का कटेगा वेतन
पीएचइडी के सहायक अभियंता को छोड़ मीटिंग में कोई भी विभाग के अधिकारी नहीं पहुंचे. बोर्ड ने नाराजगी जाहिर करते हुए अनुपस्थित पदाधिकारियों के खिलाफ सरकार को पत्र लिख एक दिन का वेतन काटने का निर्देश दिया है. उप महापौर कहा कि सीनियर सीटीजन्स के लिए कहीं कोई मनोरंजन हॉल व पार्क नहीं है. निगम कर्मियों के लिए अस्पताल होनी चाहिए. उनके बच्चे की बेहतर पढ़ाई हो. निगम को एक स्कूल भी बनवाना चाहिए.

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