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अस्पताल में एंबुलेंस की जगह ऑटो से पहुंच रहीं प्रसूता

मुजफ्फरपुर : सरकार गर्भवती महिलाओं को घर से अस्पताल तक लाने व उन्हें बच्चे के साथ घर तक छोड़ने के लिए 102 नंबर एंबुलेंस अस्पताल में उपलब्ध करायी थी, लेकिन ये एंबुलेंस केवल कागज पर ही जच्चा व बच्चा ढोते दिख रहे हैं. हकीकत में प्रसूता ऑटो से अस्पताल पहुंच रही हैं. कई बार प्रसूता […]

मुजफ्फरपुर : सरकार गर्भवती महिलाओं को घर से अस्पताल तक लाने व उन्हें बच्चे के साथ घर तक छोड़ने के लिए 102 नंबर एंबुलेंस अस्पताल में उपलब्ध करायी थी, लेकिन ये एंबुलेंस केवल कागज पर ही जच्चा व बच्चा ढोते दिख रहे हैं. हकीकत में प्रसूता ऑटो से अस्पताल पहुंच रही हैं. कई बार प्रसूता ऑटो में ही बच्चे को जन्म दे रही है, जिससे बच्चे की मौत भी हो जा रही है.

एंबुलेंस से प्रसूता को अस्पताल लाने और नवजात समेत उसे घर तक पहुंचाने के आंकड़े पर नजर डालें, तो यह साफ हो जा रहा है कि प्रसूता को इसका लाभ नहीं मिल रहा है. वर्ष 2017 में जिले के सरकारी अस्पतालों में कुल 34,872 बच्चों का जन्म हुआ. इनमें से मात्र 7,730 प्रसूता को ही एंबुलेंस से घर से अस्पताल तक लाया, जबकि इसी वर्ष 11,172 जच्चा व बच्चा को अस्पताल से घर तक छोड़ा गया. सदर अस्पताल से एंबुलेंस ने 623 मरीजों को घर तक पहुंचाया है.

इस अनुपात में 15,347 प्रसूता अस्पताल ऑटो या अन्य वाहनों से अस्पताल पहुंचीं. एंबुलेंस चालक की मानें, तो जिले में 30 एंबुलेंस उपलब्ध हैं. इनमें से 14 काफी पुरानी हो चुकी हैं. ये आये दिन खराब हो जाती हैं. चालकों को दैनिक मजदूरी पर रखा गया है. उन्हें मात्र 225 रुपये प्रतिदिन के हिसाब से मजदूरी मिलती है. सदर अस्पताल के महिला वार्ड के पास एंबुलेंस की जगह ऑटो का जमावड़ा रहता है.

34,872 बच्चों का जिले के सरकारी अस्पतालों में हुआ जन्म
18,902 मरीजों को मिली एंबुलेंस की सेवा
30 एंबुलेंस हैं जिले में
– 14 की हालत खराब
प्रसव के बाद एंबुलेंस उपलब्ध कराना है. अगर नहीं हो रहा है, तो यह गंभीर बात है. इसकी जांच करायी जायेगी. अगर किसी बच्चे को किराये की गाड़ी से अस्पताल लाया जाता है, तो अस्पताल प्रबंधन को ही किराया देगा. पीएचसी में भी एंबुलेंस सेवा उपलब्ध है. कुछ एंबुलेंस खराब हैं, जिन्हें ठीक कराने की प्रक्रिया चल रही है.
डॉ ललिता सिंह, सिविल सर्जन
अस्पताल में तीन तरह की एंबुलेंस सेवा की व्यवस्था
सरकार ने मरीजों को घर से अस्पताल लाने, फिर घर पहुंचाने के लिए तीन तरह की एंबुलेंस सेवा की व्यवस्था की है. जिले से बाहर रेफर मरीज के लिए 1099 नंबर पर कॉल करने पर एंबुलेंस मिलती है. यह बीपीएल परिवार, वरिष्ठ नागरिकों के लिए नि:शुल्क सेवा है. यह एंबुलेंस वेंटिलेटर समेत कई अन्य आधुनिक सुविधा से युक्त है. दूसरी सुविधा 108 नंबर डायल करने पर मिलती है. इसके तहत सड़क दुर्घटना में घायल लोगों को अस्पताल पहुंचाने के लिए एंबुलेंस उपलब्ध करानी है. तीसरी सुविधा 102 की है. इस नंबर पर डायल करने पर एंबुलेंस गर्भवती महिला, डेढ़ वर्ष तक के छोटे बच्चे व वरिष्ठ नागरिकों को घर से अस्पताल लाने और इलाज के बाद घर पहुंचाने के लिए नि:शुल्क उपलब्ध है.
मुजफ्फरपुर. मेंटेनेंस को लेकर रविवार को 11 फीडरों को अलग-अलग समय में 3 से 5 घंटे के लिए बंद किया जायेगा. इस कारण सदर अस्पताल, विवि क्षेत्र, दामुचक, बेला, बियाडा, नारायणपुर, जिला स्कूल रोड, अमर सिनेमा रोड, चैपमैन स्कूल रोड, अघोरिया बाजार, रामदयालु रोड, कच्ची पक्की, नरसंडा सहित दो दर्जन से अधिक मोहल्ले में बिजली संकट की स्थिति रहेगी. विवि क्षेत्र, दामुचक, शिवपुरी, अघोरिया बाजार, सादपुरा,बैरिया, बटलर रोड, एसकेएमसीएच, जीरोमाइल, अहियापुर, शेखपुर सहित एक दर्जन से अधिक इलाकों में शनिवार को करीब चार से पांच घंटे बिजली गुल थी. लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ा. दामुचौक निवासी विजय, अविनाश ने बताया कि बीते करीब दस दिनों से दिनभर मेनटेनेंस के नाम पर बिजली बंद रहती है.

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