मुजफ्फरपुर : मुजफ्फरपुर आरएफएसएल में अब बिसरा जांच होगी. इसके लिए पुलिस मुख्यालय से करीब एक करोड़ की लागत से लैब में एचपीटीएलसी माइक्रोस्कोप लगाया गया है. जांच के लिए आरएफएसएल के सहायक निदेशक व वरीय वैज्ञानिक समेत आधा दर्जन वैज्ञानिकों की टीम बनायी गयी है.
आर्म्स , हत्या, रेप संबंधी मामलों की वैज्ञानिक जांच शुरू होने के बाद अब विषैले जहर से होनेवाली मौत में आइओ को पटना के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे. चार-पांच दिनों में लैब से जांच शुरू कर दी जायेगी. इसके अलावा भी मुजफ्फरपुर आरएफएसएल में कई अत्याधुनिक उपकरण लगाये गये हैं. इससे मुजफ्फरपुर, पूर्वी चंपारण, पश्चिमी चंपारण, छपरा, गोपालगंज, शिवहर, सीतामढ़ी, दरभंगा, मधुबनी, सीवान, वैशाली, समस्तीपुर समेत 13 जिलों के पुलिस पदाधिकारियों को जांच में मदद मिलेगी. पहले जांच के लिए केस के आइओ को पटना का चक्कर लगाना पड़ता था.
अब सात दिनों में होगी जांच :
आरएफएसएल के एक वैज्ञानिक ने बताया कि पहले बिसरा संबंधी मामले की मैनुअली जांच में 30 से 45 दिन लग जाते थे. इसमें 32 तरह की जांच की जाती थी. लैब में उपकरण लग जाने के बाद अब सात दिनों के अंदर जांच को पूरा कर लिया जायेगा.
जांच रिपोर्ट की कोर्ट में है अधिक प्रासंगिकता : एचपीटीएलसी माइक्रोस्कोप से विषैले जहर, नारकोटिक्स, ड्रग्स से संबंधित मौत मामले में वैज्ञानिक जांच की जायेगी. इसकी जांच रिपोर्ट की न्यायालय में अधिक प्रासंगिकता मानी जाती है.
पेंडिंग मामलों में आयेगी तेजी :
खबड़ा के प्रॉपर्टी डीलर दिलीप अोझा हत्याकांड में बिसरा रिपोर्ट के लिए आइओ मनोज कुमार निराला को पांच महीने तक इंतजार करना पड़ा था. काजीमोहम्मदपुर थाने के सादपुरा में होम्योपैथ डॉक्टर की पत्नी की मौत के मामले में अभी तक पोस्टमार्टम रिपोर्ट नहीं आयी है. इस कारण जांच प्रभावित हो रही है. सूत्र बताते हैं कि एक माह में 13 जिलों से करीब 50-60 केस आते हैं. मैन्युअली जांच व अन्य जांच पूरे होते-होते चार से पांच माह लग जाते हैं. वर्तमान में करीब 300 केस पेंडिंग हैं. मुजफ्फरपुर आरएफएसएल में जांच शुरू होने के बाद इसे जल्द ही पूरा कर लिया जायेगा.
विस्फोटक की होगी वैज्ञानिक जांच : पुलिस मुख्यालय की ओर से मुजफ्फरपुर आरएफएसएल को आनेवाले दिनों में विस्फोटक, नारकोटिक्स, ड्रग्स की सटीक जांच के लिए लैब में एफटीआइआर माइक्रोस्कोप, तालाब या चापाकल में जहर, गोली के अंदर बारूद की वैज्ञानिक जांच के लिए आयन क्रोमोटोग्राफ, करेंसी नोट, नकली स्टाम्प, नकली डॉक्यूमेंट व हस्ताक्षर जांच के लिए भीएससी उपकरण लगाया जायेगा. साथ ही घटनास्थल पर जाने के लिए अत्याधुनिक उपकरणों से लैस वाहनों को लगाने की तैयारी की जा रही है.
एचपीटीएलसी माइक्रोस्कोप से हुआ लैस
13 जिलों के पुलिस पदाधिकारियों को जांच में मिलेगी मदद
एक करोड़ की लागत से लगा एचपीटीएलसी माइक्रोस्कोप
पहले जांच के लिए अनुसंधानक को पटना का लगाना पड़ता था चक्कर
बिसरा जांच के लिए एचपीटीएलसी उपकरण लगाया गया है. अगले चार-पांच दिनों में यह उपकरण काम करना शुरू कर देगा. इससे पेंडिंग खत्म हो जायेगा. जांच में तेजी आयेगी.
चंदन कुमार, सहायक निदेशक
17 कार्टन शराब के साथ आठ कारोबारी को पुलिस ने दबोचा
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आधे घंटे तक केबिन में फंसा रहा चालक
मोतीझील के जाम को कंट्रोल नहीं कर पा रही पुलिस
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सोनू गुप्ता के आवेदन पर नहीं हो सकी सुनवाई
जिला जज हरेंद्र नाथ तिवारी की अदालत में पत्रकार राजदेव हत्याकांड में जेल में बंद सोनू कुमार के आरोपमुक्ति आवेदन पर सुनवाई होनी थी, लेकिन सीबीआइ के पीपी के नहीं पहुंचे. इस पर न्यायालय में सीबीआइ की ओर से उपस्थित इंस्पेक्टर विनय कुमार को जिला जज ने फटकार लगाते हुए पीपी को 16 जनवरी को सुनवाई के दौरान उपस्थित रहने का आदेश दिया. वहीं अजहरुद्दीन बेग उर्फ लड्डन मियां की ओर से उनके अधिवक्ता शरद सिन्हा ने आरोपमुक्ति का आवेदन दाखिल किया. अब सोनू कुमार गुप्ता एवं लड्डन मियां के आवेदन पर 16 जनवरी को सुनवाई होगी.
इस मामले में तिहाड़ जेल से पूर्व सांसद शाहबुद्दीन एवं सीवान जेल से अजहरुद्दीन बेग उर्फ लड्डन मियां की पेशी वीडियो कॉन्फ्रेंसिग के माध्यम से करायी गयी. वहीं शहीद खुद्दीराम बोस केंद्रीय कारा में बंद आरोपित सोनू कुमार गुप्ता, रिशु कुमार जायसवाल, राजेश कुमार, विजय कुमार गुप्ता एवं रोहित कुमार सोनी को कोर्ट में पेश किया.