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दो-तिहाई निजी स्कूलों को नहीं मिले 25 फीसदी बच्चे

धनंजय पांडेय मुजफ्फरपुर : बीपीएल परिवार के बच्चों को मुफ्त व अनिवार्य शिक्षा उपलब्ध कराने का सपना निजी स्कूलों की मनमानी के कारण दम तोड़ता दिख रहा है. एक तरफ संसाधन के अभाव में हजारों बच्चे स्कूल तक नहीं पहुंच पा रहे हैं, वहीं जिले के दो-तिहाई निजी स्कूलों को आरटीइ के तहत निर्धारित 25 […]

धनंजय पांडेय

मुजफ्फरपुर : बीपीएल परिवार के बच्चों को मुफ्त व अनिवार्य शिक्षा उपलब्ध कराने का सपना निजी स्कूलों की मनमानी के कारण दम तोड़ता दिख रहा है. एक तरफ संसाधन के अभाव में हजारों बच्चे स्कूल तक नहीं पहुंच पा रहे हैं, वहीं जिले के दो-तिहाई निजी स्कूलों को आरटीइ के तहत निर्धारित 25 प्रतिशत कोटा फुल करने के लिए बच्चे ही नहीं मिले. इस सत्र में आठ महीने बाद पिछले महीने तक 296 स्कूलों ने आरटीइ के तहत एडमिशन की सूची बिहार शिक्षा परियोजना कार्यालय को उपलब्ध करायी.

जिला कार्यालय से यह रिपोर्ट इस महीने राज्य कार्यालय को भेजी जा सकी है, जबकि अप्रैल से ही लिस्ट उपलब्ध मांगा जा रहा था. जिले में सीबीएसइ व बिहार सरकार की मान्यता से 314 स्कूल शहर सहित विभिन्न प्रखंडों में चल रहे हैं. इनमें केवल 89 स्कूलों ने ही 25 प्रतिशत सीट पर बीपीएल परिवार के बच्चों का नामांकन किया है. 20 से 24 प्रतिशत के बीच एडमिशन करने वाले 176 स्कूल हैं, जबकि 31 स्कूलों में 15 से 19 प्रतिशत एडमिशन ही हो सका है.

प्रबंधन को निर्देशों की परवाह नहीं : निजी स्कूलों के प्रबंधक शिक्षा विभाग के अधिकारियों के निर्देशों की परवाह नहीं करते.

25 प्रतिशत कोटे पर एडमिशन की लिस्ट मांगने के लिए बिहार शिक्षा परियोजना कार्यालय से डीपीओ एसएसए के स्तर से कई बार पत्र व रिमाइंडर जारी किया गया. डीएम की अध्यक्षता में निजी स्कूलों के प्रधानाचार्यों की बैठक बुलायी गयी थी, जिसमें करीब तीन दर्जन प्रधानाचार्य या उनके प्रतिनिधि ही पहुंचे थे.

जिले में चलते हैं करीब 1000 निजी स्कूल

एडमिशन की लिस्ट केवल 296 स्कूलों ने ही दी है, जबकि जिले में एक हजार से अधिक स्कूल संचालित होते हैं. इनमें से 314 स्कूल सीबीएसइ व बिहार सरकार से मान्यता प्राप्त हैं. वहीं कई स्कूलों ने मान्यता के लिए आवेदन जमा किया है. मानक पूरा नहीं करने के कारण उन्हें मान्यता नहीं मिल सकी है. विभाग की ओर से स्कूल प्रबंधन को कमियां दूर करने के लिए कहा गया है.

जिले में चलते हैं करीब 1000 निजी स्कूल : एडमिशन की लिस्ट केवल 296 स्कूलों ने ही दी है, जबकि जिले में एक हजार से अधिक स्कूल संचालित होते हैं. इनमें से 314 स्कूल सीबीएसइ व बिहार सरकार से मान्यता प्राप्त हैं. वहीं कई स्कूलों ने मान्यता के लिए आवेदन जमा किया है. मानक पूरा नहीं करने के कारण उन्हें मान्यता नहीं मिली है.विभाग की ओर से स्कूल प्रबंधन को कमियां दूर करने के लिए कहा गया है.

इन स्कूलों में 20% से कम एडमिशन

मुशहरी : आनंद प्रेप पब्लिक स्कूल, रेजोनेंस इंटरनेशनल स्कूल, एंगली संस्कृत स्कूल, कृष्णा शिक्षा निकेतन प्रेप स्कूल, गीतांजलि पब्लिक स्कूल, सृजन पब्लिक स्कूल, गॉड फादर सीनियर जूनियर पब्लिक स्कूल, नॉर्थ बिहार पब्लिक स्कूल, शैमफोर्ड फ्युचरिस्टिक स्कूल, मैरिट मिशन स्कूल, उज्ज्वल विद्यापीठ

मुरौल : कृष्णा विद्यापीठ टोली बाजार, रेड रोज स्कूल, द्रौपदी मिश्रा अकादमी

साहेबगंज : रेजिडेंसियल प्राइमरी एजुकेशन प्वाइंट

मीनापुर : जीवन ज्योति विद्यालय

बोचहां : पेंग्विन पब्लिक स्कूल, दिल्ली पब्लिक स्कूल, लिटिल फ्लॉवर चिल्ड्रेन स्कूल

सरैया : अंबिका भवानी पब्लिक स्कूल, आभा प्रेप स्कूल

कांटी : मदरसा तेगिया मेराजुल उलूम, नेशनल पब्लिक स्कूल

सकरा : शिवालय शिशु सरस्वती शिशु मंदिर, ज्ञान दर्शन पब्लिक स्कूल, उत्कर्ष पब्लिक स्कूल

कटरा : श्री सरस्वती आवासीय विद्यालय, गायत्री विद्या मंदिर

मड़वन : स्टडी प्वाइंट स्कूल

पारू : माउंट हर्व मिशन स्कूल, पार्थ विद्यापीठ

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