मुज़फ्फरपुर : आत्मसमर्पण करने के बावजूद पटना, अरवल व मुजफ्फरपुर के तीन नक्सलियों की गतिविधि संदिग्ध पाई गई है.राज्य के प्रत्यर्पण सह पुनर्वास समिति ने इनके संदिग्ध आचरण के कारण इन्हें प्रावधान के अनुसार आर्थिक सहायता देने से इनकार कर दिया है. वहीं मुजफ्फरपुर के दो व गया के प्रत्यर्पण करने वाले तीन नक्सलियों को न केवल आर्थिक सहायता को मंजूरी दी है, बल्कि स्वरोजगार के प्रशिक्षण को 4-4 हजार रुपये 36 महीने तक अनुदान भी स्वीकार किया है.
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सरेंडर करने वाले तीन नक्सली संदिग्ध, नहीं मिलेगी आर्थिक मदद
मुज़फ्फरपुर : आत्मसमर्पण करने के बावजूद पटना, अरवल व मुजफ्फरपुर के तीन नक्सलियों की गतिविधि संदिग्ध पाई गई है.राज्य के प्रत्यर्पण सह पुनर्वास समिति ने इनके संदिग्ध आचरण के कारण इन्हें प्रावधान के अनुसार आर्थिक सहायता देने से इनकार कर दिया है. वहीं मुजफ्फरपुर के दो व गया के प्रत्यर्पण करने वाले तीन नक्सलियों को […]
राज्य प्रत्यर्पण सह पुनर्वास समिति ने पिछले साल 10 जनवरी को पटना एसएसपी के सामने समर्पण करने वाले नक्सली कृष्णलाल उर्फ कबिया का आचरण संदिग्ध माना है. कबिया आत्मसमर्पण से पहले नक्सली संगठन में सब जोनल कमांडर था. उसने समर्पण के समय एक राइफल व 20 कारतूस जमा किये थे. इसी तरह संदिग्ध माने गए दूसरे नक्सली का नाम अरवल जिले के कुर्था थाना निवासी संजय तिवारी है. नक्सली संगठन में एरिया कमांडर था.
और पटना एसएसपी के सामने उसने एक थरनेट व पांच कारतूस के साथ 10 जनवरी को हो समर्पण किया था. संदिग्ध आचरण वाला तीसरा नक्सली विजय पासवान मुजफ्फरपुर के औराई थाना क्षेत्र का निवासी है. संगठन में वह दस्ता सदस्य था. 12 सितंबर 2015 को उसने देसी पिस्तौल व दो कारतूस के साथ अपर पुलिस अधीक्षक अभियान के सामने समर्पण किया था. विशेष शाखा का मानना है कि समर्पण के बावजूद इनका संबंध नक्सली संगठन से बना हुआ है.
गृह विभाग के विशेष सचिव जितेंद्र कुमार, पुलिस महानिरीक्षक अभियान कुंदन कृष्णन, नियोजन एवं प्रशिक्षण विभाग के संयुक्त निदेशक विवेक कुमार व सीआरपीएफ के पुलिस उपमहानिरीक्षक इस समिति के सदस्य हैं. समिति ने मुजफ्फरपुर के औराई निवासी पूर्व नक्सली रामराजी साहनी, बोचहां निवासी राधेश्याम पासवान व गया के मोहनपुर निवासी पूर्व नक्सली वीरेंद्र यादव को आर्थिक सहायता देना स्वीकार कर लिया है.इसके तहत इन पूर्व नक्सलियों को डेढ़ लाख रुपये अनुदान दिए जाएंगे.
स्वालंबन को प्रशिक्षण के लिये 36 माह तक चार चार हजार नगद सहायता दी जाएगी. उल्लेखनीय है कि प्रत्यर्पण सह पुनर्वास समिति जी स्क्रीनिंग कमिटी के अनुशंसा के बाद सहायता का निर्णय लेती है.
प्रत्यर्पण सह पुनर्वास समिति ने आर्थिक सहायता देने से किया इनकार
मुजफ्फरपुर व गया के तीन नक्सलियों के पुनर्वास की मंजूरी
पिछले दो साल में आत्मसमर्पण करने वाले छह नक्सलियों पर निर्णय
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