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समान काम-समान वेतन: सुप्रीम कोर्ट में सरकार को घेरेंगे शिक्षक

मुजफ्फरपुर : समान काम के बदले समान वेतन के मामले में हाइकोर्ट का फैसला आने के बाद जहां नियोजित शिक्षकों में जश्न का माहौल है, वहीं सरकार के रुख ने उन्हें चिंता में डाल दिया है. राज्य के शिक्षा मंत्री के बयान के बाद यह माना जा रहा है कि नियोजित शिक्षकों को समान वेतन […]

मुजफ्फरपुर : समान काम के बदले समान वेतन के मामले में हाइकोर्ट का फैसला आने के बाद जहां नियोजित शिक्षकों में जश्न का माहौल है, वहीं सरकार के रुख ने उन्हें चिंता में डाल दिया है. राज्य के शिक्षा मंत्री के बयान के बाद यह माना जा रहा है कि नियोजित शिक्षकों को समान वेतन का लाभ मिलना आसान नहीं है. ऐसे में यदि सरकार हाइकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देती है, तो शिक्षक उसे एडमिशन लेबल पर ही खारिज कराने का प्रयास करेंगे. इसके लिए अगले दो-तीन दिनों में सुप्रीम कोर्ट के वकील से कानूनी राय लेंगे.
परिवर्तनकारी प्रारंभिक शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष वंशीधर ब्रजवासी ने कहा कि राज्य सरकार को न्यायादेश का पालन करना पड़ेगा. अभी हाइकोर्ट ने तीन महीने में एक्ट बनाने का आदेश दिया है, इसलिए शिक्षक तीन महीने तक इंतजार करेंगे. बजट सत्र में समान वेतन पर सरकार सहमत नहीं हुई, तो राज्य के सभी नियोजित शिक्षक सड़क पर उतर कर विरोध करेंगे. उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने पहले ही समान वेतन का आदेश जारी कर दिया है. ऐसे में यदि राज्य सरकार सुप्रीम कोर्ट जाती है, तो हम वहां भी घेरेंगे. इस मामले में जल्द ही सुप्रीम कोर्ट के वकील से कानूनी राय लेकर अगली रणनीति तैयार करेंगे. ब्रजवासी ने कहा कि सरकार के पास बचने का कोई बहाना नहीं है.

हाइकोर्ट ने कह दिया है कि यदि सरकार के पास फंड नहीं है, तो इस कारण से किसी के संवैधानिक अधिकार की कटौती नहीं की जा सकती. इसके लिए आय के स्रोत जेनरेट करें. परिवर्तनकारी प्रारंभिक शिक्षक संघ की बैठक बुधवार को खुदीराम बोस स्मारक स्थल पर हुई. शिक्षकों ने समान काम के लिए समान वेतन देने के उच्च न्यायालय के आदेश को सरकार द्वारा सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देने की तैयारी पर आक्रोश जताया. कहा कि तीन महीने में न्यायादेश लागू नहीं किया गया, तो पूरे बिहार में शिक्षक सड़क पर उतरने को बाध्य होंगे.प्रदेश अध्यक्ष वंशीधर ब्रजवासी ने कहा कि 26 अक्तूबर 2016 को ही सुप्रीम कोर्ट समान वेतन का न्यायादेश जारी कर चुका है.

इसके बाद भी सरकार सुप्रीम कोर्ट में अपील करके शिक्षकों का समय बर्बाद करने की कोशिश कर रही है. बैठक में प्रमंडलीय प्रभारी लखनलाल निषाद, जीतन सहनी, हिमांशु शेखर, शरद कुमार, मायाशंकर कुमार, राजेश यादव, ताजुल आरफीन, अनीता कुमारी, रामजन्म भक्त, मेराजुल हक साबरी, रविशंकर सिंह, विपिन कुमार आदि थे. बिहार राज्य प्रारंभिक शिक्षक संघ की बैठक बुधवार को सदर अस्पताल रोड स्थित संघ भवन में हुई, शिक्षक नेताओं ने कहा कि शिक्षा मंत्री के बयान से ऐसा लग रहा है कि सरकार अपने वादे से मुकरना चाहती है.

जिलाध्यक्ष जितेंद्र कुमार यादव व प्रमंडलीय अध्यक्ष उमाशंकर प्रसाद ने कहा कि हाइकोर्ट के फैसले का पालन सरकार को करना ही होगा. मीडिया प्रभारी सैयद अली इमाम, श्रीकांत राय, शंकर पंडित, विनय कुमार विपिन ने कहा कि प्रदेश अध्यक्ष के आह्वान पर सात नवंबर को सभी जिला मुख्यालयों पर प्रदर्शन किया जायेगा. बैठक में राजेश कुमार राय, मनोज यादव, विनय द्विवेदी, रमेश कुमार, पंकज कुमार, मुन्ना कुमार, दिनेश रजक, मो गुफरान, अनिल चौरसिया, प्रियदर्शी कुमार, अनिल सिंह, शंकर राय, ददन यादव, मुकेश कुमार, राकेश कुमार, रत्नेश कुमार, विनोद राम, सुबोध राय, सुधीर कुमार, उमाशंकर सिंह, अनिल यादव थे.

औराई. समान काम के लिए समान वेतन पर हाइकोर्ट के फैसले को लेकर बुधवार को नियोजित शिक्षकों ने स्वागत किया. प्रखंड अध्यक्ष संजय कुमार यादव, अमरेश सहनी, सुबोध प्रसाद, कन्हाई सहनी, श्रवण कुमार, लक्ष्मी सहनी, अजय झा, पप्पू राम, विभाष चंद्र, रेवती रमण, भारतेंदु, विनीता ने एक-दूसरे को बधाई दी.

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