जीएसटी. संयुक्त सचिव ने की समीक्षा, कहा
मुजफ्फरपुर : छोटे कारोबारियों को अब जीएसटी का रिटर्न भरने के लिए सीए व वकीलों को मोटी फीस नहीं देनी पड़ेगी. सेल टैक्स व वस्तु व सेवा कर के अधिकारी कारोबारियों को रिटर्न भरना सिखायेंगे. इसके लिए चेंबर का भी सहयोग लिया जायेगा. यह निर्देश गुरुवार को वस्तु व सेवा कर की संयुक्त सचिव डॉ वंदना कुमार ने दोनों विभागों के अधिकारियों को दिया. वे वस्तु व सेवा कर विभाग में जीएसटी की समीक्षा के लिए पहुंची थीं.
उन्होंने कहा कि छोटे कारोबारियों को रिटर्न की जानकारी नहीं है. इसके लिए वे एक्सपर्ट पर निर्भर हैं. इसके एवज में उन्हें मनमानी राशि चुकानी पड़ रही है. यदि वे खुद प्रशिक्षित हो जायें तो राशि की बचत होगी. उन्होंने अधिकारियों से जीएसटी की प्रगति रिपोर्ट की जानकारी ली. साथ ही समस्याओं के बारे में भी पूछा. अधिकारियों ने कहा कि उत्तर बिहार में डाटा अपलोड की समस्या अधिक आ रही है. इंटरनेट स्पीड धीमा होने के कारण डाटा अपलोड होने में अधिक वक्त लगता है.
डॉ वंदना ने कहा कि सिस्टम अपडेट होने में थोड़ा समय लग रहा है. जल्दी ही यह ठीक हो जायेगा. अधिकारियों ने कहा कि ऑनलाइन आवेदन में तकनीकी परेशानी हाेती है. संयुक्त सचिव ने कहा कि वे इस समस्या को सुलझाने की कोशिश करेंगी. इस मौके पर वस्तु व सेवा कर के सहायक आयुक्त संतोष कुमार, अधीक्षक पीके शांडिल्य, सेल टैक्स के संयुक्त आयुक्त शंभु कुमार सिंह, पश्चिमी अंचल प्रभारी अच्छे लाल प्रसाद मौजूद थे.
चेंबर ने कराया मांगों से अवगत :
चेंबर के अध्यक्ष पुरुषोत्तम लाल पोद्दार के नेतृत्व में एक शिष्टमंडल संयुक्त सचिव डॉ वंदना कुमार से मिल कर मांगों से अवगत कराया. री पोद्दार ने कहा कि कपड़ों पर एचएसएम कोड को दो या तीन भागों में ही रखा जाये. कंपोजीशन स्कीम के तहत 75 लाख वार्षिक कारोबार को बढ़ा कर डेढ़ करोड़ किया जाये. संयुक्त सचिव ने उनकी मांगों को सुनकर इस पर विचार करने का आश्वासन दिया.
उ बिहार में नहीं हुआ 20 हजार कारोबारियों का निबंधन
प्रभात खबर से बातचीत में संयुक्त सचिव ने दी जानकारी
कहा, निबंधन के लिए अधिकारी चलायेंगे जागरूकता
उत्तर बिहार में डाटा अपलोड नहीं होने की आ रही समस्या