बोले वक्ता. संकट में हैं देश के किसान
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गांधी और लोहिया के विचाराें से ही कल्याण
बोले वक्ता. संकट में हैं देश के किसान स्वराज अभियान के तहत सेमिनार का आयोजन मुजफ्फरपुर : पहले खेती की लागत कम होती थी. लेकिन अब खेती की लागत बढ़ गयी है. किसान आत्महत्या कर रहे हैं. कृषि समर्थन मूल्य को लेकर स्वामीनाथन समिति की सिफारिश भी लागू करने में सरकार नजरअंदाज कर रही है. […]
स्वराज अभियान के तहत सेमिनार का आयोजन
मुजफ्फरपुर : पहले खेती की लागत कम होती थी. लेकिन अब खेती की लागत बढ़ गयी है. किसान आत्महत्या कर रहे हैं. कृषि समर्थन मूल्य को लेकर स्वामीनाथन समिति की सिफारिश भी लागू करने में सरकार नजरअंदाज कर रही है. यह बातें मुख्य वक्ता शाहिद कमाल ने कही. वह विश्व विभूति पुस्तकालय में स्वराज अभियान की ओर से सरकार की किसान विरोधी नीति विषय पर आयोजित सेमिनार को संबाेधित कर रहे थे. कहा कि स्वराज अभियान मूल्य निर्धारण के लिए संघर्ष करेगी. जिला मंत्री मुकेश प्रसाद ठाकुर ने कहा कि देश की व्यवस्था स्वावलंबी थी. लेकिन किसान मशीनों पर आधारित हो गये.
देश में कृषि उपज तो बढ़ी, लेकिन दलहन व तिलहन किसानों के हाथ से चला गया. मौजूदा दौर में किसान सकंट में हैं. अध्यक्षता करते हुए डाॅ बीके प्रलयंकर ने कहा कि देश में जितनी भी सरकार आयीं हैं, किसी ने किसानों के बारे में नहीं सोचा. किसानों का कल्याण करने के लिए हमें गांधी व लोहिया के विचारों पर चलना होगा. धन्यवाद ज्ञापन करते हुए मनोज कुमार यादव ने कहा कि सरकार को कृषि लागत का लभगभ डेढ़ गुना ज्यादा मूल्य देना चाहिए. मौके पर अधिवक्ता भारण भूषण, संजय प्रधान, गोविंद वल्लभ, रमेश चंद्र, देवनारायण यादव, अरुणा चौधरी, सुरेश कुमार राय, राम कुमार मिश्रा, पवन कुमार आदि मौजूद थे.
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