हफ्ते भर से रोज टूट रहा गल्ला व किराना मंडी का कारोबार, बाजार में आयी गिरावट के कारण व्यवसायियों की चिंता बढ़ी
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जीएसटी के पहले दिन बाजार धड़ाम
हफ्ते भर से रोज टूट रहा गल्ला व किराना मंडी का कारोबार, बाजार में आयी गिरावट के कारण व्यवसायियों की चिंता बढ़ी मुजफ्फरपुर : जीएसटी के पहले दिन शहर का बाजार गिर गया. सभी ट्रेडों में ग्राहक नदारद थे. खुदरा किराना को छोड़ किसी भी दुकान में भीड़ नहीं दिखी. शहर के अधिकांश दुकान खाली […]
मुजफ्फरपुर : जीएसटी के पहले दिन शहर का बाजार गिर गया. सभी ट्रेडों में ग्राहक नदारद थे. खुदरा किराना को छोड़ किसी भी दुकान में भीड़ नहीं दिखी. शहर के अधिकांश दुकान खाली पड़े थे.
कपड़ा, रेडिमेड, इलेक्ट्रॉनिक, इलेक्ट्रिक, रेस्टोरेंट, दवा, मोबाइल, बर्तन, ऑटोमोबाइल, सर्राफा, रियल इस्टेट सहित अन्य सेक्टरों का यही हाल था. जीएसटी के पहले दिन सुबह में दुकानें भी देर से खुलीं. अधिकतर दुकानदार दिनभर खाली बैठे रहे.
बाजार सूत्रों की मानें, तो रोजाना 300 करोड़ का व्यवसाय शनिवार को 100 तक सिमटा. सभी ट्रेडों की 95 फीसदी दुकानों में जीएसटी के तहत बिलिंग की भी व्यवस्था नहीं थी. दुकानदारों का कहना था कि कंपनी ने 10 जुलाई तक बिलिंग पर रोक लगा दी है तो हमलोग कहां से देंगे. हमलोगों के पास सॉफ्टवेयर नहीं है. कुछ दुकानदारों का कहना था कि आवेदन दिये हुए हैं, लेकिन अभी जीएसटी का निबंधन नही मिला है.
वैट के हिसाब से होती रही बिलिंग. जिन दुकानों में ग्राहक पहुंच रहे थे, वहां भी जीएसटी के तहत बिलिंग की व्यवस्था नहीं थी. दुकानदार वैट के तहत ही बिलिंग कर रहे थे. उन लोगों ने स्वीकार किया कि जीएसटी को लेकर भ्रम की स्थिति है. अभी तक यह पता नहीं है कि किस सामान पर कितना टैक्स लगायेंगे. हमारे पास सॉफ्टवेयर नहीं है.
असमंजस में दिखे कपड़ा व्यवसायी. कपड़ा बेचने को लेकर व्यवसायी असमसंज में थे. दो फीसदी थोक व खुदरा कपड़ा व्यवसायियों ने ही जीएसटी का सॉफ्टवेयर अपलोड किया था. इनमें से भी एक-दो दुकानों को छोड़ कर कहीं बिलिंग नहीं की जा रही थी.सूतापट्टी कपड़ा मंडी की दुकानें तो खुली हुई थीं, लेकिन ग्राहक नहीं आ रहे थे.
आलम नोटबंदी के दूसरे दिन जैसा था. खुदरा कपड़ा बाजार की हालत ऐसी ही थी. दुकानें खुली थीं, लेकिन ग्राहक नहीं थे. उत्तर बिहार खुदरा वस्त्र विक्रेता संघ के भरत तुलस्यान ने कहा कि 30 फीसदी भी बाजार नहीं है.
टैक्स को लेकर दुकानों में भ्रम. टैक्स को लेकर दुकानों में भ्रम की स्थिति बनी है. विभिन्न सेगमेंट में अलग-अलग टैक्स निर्धारण होने से दुकानदार भ्रमित हैं कि वे किस प्रॉडक्ट पर कितना टैक्स लें. उन्हें कंपनी भी नहीं बता रही है कि कितना टैक्स लगाया गया है. रेडिमेड वस्त्र विक्रेता संतोष कुमार कहते हैं कि ब्रांडेड कंपनियों ने तो बिलिंग पर भी रोक लगा दी है. कहा गया है कि 10 जुलाई के बाद से ही वे बिलिंग करेंगे. इलेक्ट्रॉनिक उत्पाद बेचनेवाले सुकेश ने बताया कि मुझे अभी तक खुद नहीं पता है कि एसी व फ्रिज में कितना टैक्स लेंगे.
बैक डेट से बिल पर पेनाल्टी. जीएसटी के नियम के तहत बैक डेट से बिल बनानेवालों की पेनाल्टी का भी प्रावधान है. कर्मिशयल टैक्स की नजर में आने पर यह दंड निर्धारित कर सकता है. सीए आदित्य तुलस्यान कहते हैं कि जीएसटी लागू होने के बाद अब कोई भी सामान वैट में नहीं बेचा जा सकता. व्यवसायियों को सॉफ्टवेयर अपडेट करना ही होगा. जिन व्यवसायियों ने निबंधन नहीं लिया है, उन्हें निबंधित होना होगा. इसके बिना वे व्यापार नहीं कर पायेंगे.
कारोबार पर असर, 30 से 40 फीसदी तक गिरावट
100 करोड़ पर सिमटा 300 करोड़ का कारोबार
95 फीसदी प्रतिष्ठानों में जीएसटी की बिलिंग नहीं
खाली रहीं दुकानें, बाजार में पसरा रहा सन्नाटा
सूतापट्टी थोक कपड़ा मंडी में नहीं पहुंचे व्यापारी
इलेक्ट्राॅनिक 30 फीसदी
ब्रांडेड कपड़ा 40 फीसदी
इलेक्ट्रिक 60 फीसदी
कॉस्मेटिक 70 फीसदी
रेस्टोरेंट 40 फीसदी
दवा 65 फीसदी
मेाबाइल 30 फीसदी
बरतन 60 फीसदी
ऑटोमोबाइल्स
सर्राफा
किराना दुकान 80 फीसदी
खुदरा कपड़ा बाजार 30 फीसदी
गल्ला व्यवसाय 70 फीसदी
मुजफ्फरपुर. अहियापुर स्थित बाजार समिति में जीएसटी लागू होने के पहले दिन कारोबार पर कोई खास असर नहीं दिखा. यहां उतरने वाले अधिकतर खाद्य पदार्थ पर जीएसटी नहीं लगने से व्यापार आम दिनों की तरह ही चल रहा था. दिन के 10 बजे के करीब व्यापारी सामान खरीदने में व्यस्त रहे. आलू प्याज व्यवसायी विजय चौधरी कहते हैं कि सरकार ने उन खाद्य सामग्रियों पर जीएसटी नहीं लगाया है जो ब्रांडेड नहीं हैं. उन्होंने कहा कि बाजार समिति में उतरने वाले अधिकतर माल ऐसे हैं, जिन पर जीएसटी नहीं लगाया गया है. उन्होंने कहा कि बाजार समिति से प्रतिदिन पांच करोड़ से अधिक का व्यवसाय होता है.
मुजफ्फरपुर : जीएसटी लागू होने के बाद पहला दिन था. इसलिए थोड़ी चहल-पहल व उत्सुकता की उम्मीद थी. लेकिन दोपहर 12 बजने को हैं, और हर तरफ सुस्ती दिख रही है. गोला रोड स्थित गल्ला व किराना मंडी में कोई दुकानदार कुछ स्पष्ट नहीं बता पा रहा था. कुछ का तर्क था कि लगन बीतने के बाद ऑफ सीजन है, तो किसी ने रात में हुई जोरदार बारिश व उसके बाद बिगड़े मौसम को भी वजह बताया. दुकानदारों ने बताया कि गल्ला व किराना मंडी का कारोबार जीएसटी की आहट के बाद हफ्ते भर से रोज टूट रहा है. एक सप्ताह से किसी ने बाहर से माल नहीं मंगाया. यहां से बिक्री भी पूरी तरह प्रभावित है.
गल्ला कारोबारी अरविंद कुमार ने बताया कि बाजार लगभग टूट चुका है. कुछ व्यापारियों का कहना था कि नोटबंदी के बाद बाजार महीनों तक प्रभावित रहा था. लगन का सीजन शुरू होने पर कुछ ढर्रे पर आया, लेकिन जीएसटी लागू होने से फिर से बाजार बेपटरी हो गया. नयी टैक्स प्रणाली को लेकर पूरी तरह असमंजस की स्थिति है.
उम्मीद है कि 10 से 15 दिनों में ही सबकुछ स्पष्ट हो सकेगा. अभी तक यह भी साफ नहीं हो पाया है कि स्टॉक कैसे तैयार करना है, या रिटर्न किस तरह से दाखिल करना है. अनाज पर टैक्स को लेकर भी अभी तक कई तरह की बातें सामने आने से कुछ व्यवसाई चिंतित दिखे. कहा, अभी रात से जीएसटी लागू हुआ है. कुछ दिन समझने में लगेगा, उसके बाद सबकुछ ठीक हो जायेगा.
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