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बनायी गयी रणनीति
शुक्रवार को स्मार्ट सिटी के मापदंडों को पूरा करने के लिए नगर निगम की महत्वपूर्ण बैठक हुई. इसमें निगम प्रशासन के अधिकारियों के साथ ही बहुराष्ट्रीय कंपनी आइटीसी के प्रतिनिधि व वार्ड पार्षदों ने भाग लिया. मुंगेर : स्मार्ट सिटी के तीसरे फेज में शामिल होने के लिए मुंगेर नगर निगम प्रशासन ने अपनी रणनीति […]
शुक्रवार को स्मार्ट सिटी के मापदंडों को पूरा करने के लिए नगर निगम की महत्वपूर्ण बैठक हुई. इसमें निगम प्रशासन के अधिकारियों के साथ ही बहुराष्ट्रीय कंपनी आइटीसी के प्रतिनिधि व वार्ड पार्षदों ने भाग लिया.
मुंगेर : स्मार्ट सिटी के तीसरे फेज में शामिल होने के लिए मुंगेर नगर निगम प्रशासन ने अपनी रणनीति बनानी प्रारंभ कर दी है. इसके तहत जहां स्मार्ट सिटी के निर्धारित मापदंडों को शीघ्र पूरा करने का निर्णय लिया गया.
वहीं इस ऐतिहासिक शहर को विकसित व खुबसूरत बनाने के लिए हर हाल में स्मार्ट सिटी योजना में शामिल होने पर चर्चा हुई. बैठक की अध्यक्षता महापौर कुमकुम देवी ने की. जबकि नगर आयुक्त डॉ एसके पाठक ने वार्ड पार्षदों को योजना की विस्तार से जानकारी दी. नगर आयुक्त ने स्मार्ट सिटी क्या है इसके बारे में बताते हुए कहा कि विकास किस लेवल का है, संसाधन क्या है, नागरिक की आकांक्षाएं एवं आधारभूत संरचना क्या है. साथ ही सामाजिक, आर्थिक एंव भौतिक स्तर की क्या स्थिति है इसका मूल्यांकन जरूरी है. उन्होंने बताया कि जीवन स्तर में गुणवत्ता, रहन-सहन की स्थिति, वातावरण, पर्यावरण को स्वच्छ रखना एवं आधुनिक सुविधा से लैस रहना ही स्मार्ट सिटी है. स्मार्ट सिटी के लिए प्रकाश स्तंभ के रूप में कार्य करना होगा और इसमें सबों की सहभागिता जरूरी है.
स्मार्ट पार्किंग व लाइटिंग की व्यवस्था
नगर आयुक्त ने कहा कि स्मार्ट सिटी के तहत स्मार्ट लाइटिंग एवं स्मार्ट पार्किंग होना अनिवार्य है. इसके लिए रिक्त जमीन को प्रयोग करना, अंडर ग्राउंड वायरिंग करना एवं तकनीकी सपोर्ट की जरूरत होगी. यदि स्मार्ट सिटी में सेलेक्शन हो जाता है तो इसकी निविदा तैयार की जायेगी. इसके लिए केंद्र सरकार से नोटिफिकेशन होना चाहिए. इसमें 15 प्रकार के फंड का प्रावधान है.
उन्होंने बताया कि ऑनलाइन की सुविधा, मासिक ई पत्रिका, म्युनिसिपल बजट, प्रत्येक वार्ड में वार्डसभा, जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र 21 दिन में निर्गत करना, दंड का प्रावधान, वेतन का भुगतान ससमय करना भी मुख्य उद्देश्य है.
मिलेंगे पांच सौ करोड़
स्मार्ट सिटी के लिए 500 करोड़ की राशि का प्रावधान है. इसके लिए स्पेशल पर्पस वेल्यू के तहत एक टीम गठित किया जाता है जो राज्य स्तर पर लीड होता है. जिसमें मिलने वाली राशि नगर निगम के खाते में नहीं बल्कि गठित कमेटी के खाते में जाती है.
इस संदर्भ में वार्ड पार्षदों से एक माह के अंदर रिपोर्ट तैयार प्रस्तुत करने का अनुरोध किया. ताकि मुंगेर शहर को स्मार्ट सिटी में शामिल किया जा सके. नगर आयुक्त ने मिलजुल कर करें प्रयास, मुंगेर सिटी बने स्मार्ट का स्लोगन देते हुए सबों को अपने दायित्व का बोध कराया.
मौके पर वार्ड पार्षद गोविंद मंडल, राजेश ठाकुर, रवीश चंद्र वर्मा, राजेश ठाकुर, तूफानी राउत, मो. शाकिर, मो. शाहिद, मो. फैसल अहमद रूमी, अनिल सिंह, रामानंद यादव, नीलू सिंह, आइटी के पामिश सहित विभिन्न वार्डों पार्षद मौजूद थे.
स्मार्ट सिटी के लिए इ-गवर्नेंस, वेस्ट मनैजेमेंट, वाटर मैनेजमेंट, एनर्जी सहित अन्य सुविधा का होना जरूरी है. ई-गवर्नेस के क्षेत्र में मुंगेर नगर निगम बेहतर कार्य कर रहा और यहां ऑनलाइन जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र, ऑनलाइन जनशिकायत की व्यवस्था चालू है. जबकि बायोमिटरिक एटेंडेंस प्रणाली की व्यवस्था शुरू की जायेगी. इसके साथ ही नगर निगम के सभी ट्रैक्टर व टीपर में जीपीएस लगाने की कार्रवाई भी अंतिम चरण में है. उन्होंने कहा कि 24 घंटे विद्युत आपूर्ति के साथ ही 10 प्रतिशत सोलर एनर्जी की भी आवश्यकता है.
ट्रांसपोर्ट, यातायात व्यवस्था, शिक्षा, स्वास्थ्य, व्यापार को विकसित करना जरूरी है. यदि स्मार्ट सिटी में सेलेक्शन हो जाता है तो आगे की कार्रवाई के लिए नगर विकास एवं आवास विभाग द्वारा कनसलटेंट उपलब्ध कराया जायेगा. साथ ही निगम क्षेत्र में जो भी खाली पड़ी जमीन है उसे उपयोग में लाने की जरूरत है. इसके लिए प्लानिंग के तहत कार्य करना होगा. रोड को इस प्रकार बनाना होगा कि साइकलिंग, वाहन पार्किंग एवं फुटपाथ की भी व्यवस्था हो.
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