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इस अभियान से कहीं खुशी, कहीं गम

मुंगेर: क्लीन मुंगेर की कल्पना को साकार करने के उद्देश्य से जिला प्रशासन ने गुरुवार से प्रारंभ किया अतिक्रमण मुक्ति अभियान. यह तो सत्य है कि जब भी कोई अभियान चलता है तो कुछ इसे अच्छा मानते है तो कुछ अभियान की बुराई में लग जाते है. लेकिन इन सबसे इतर जिला प्रशासन ने इस […]

मुंगेर: क्लीन मुंगेर की कल्पना को साकार करने के उद्देश्य से जिला प्रशासन ने गुरुवार से प्रारंभ किया अतिक्रमण मुक्ति अभियान. यह तो सत्य है कि जब भी कोई अभियान चलता है तो कुछ इसे अच्छा मानते है तो कुछ अभियान की बुराई में लग जाते है. लेकिन इन सबसे इतर जिला प्रशासन ने इस बार यह ठान कर अभियान चालू किया किया कि मुंगेर शहर की सड़कों को अतिक्रमण मुक्त करा कर ही रहेंगे.

जेसीबी मशीन के साथ निकले अधिकारी

अतिक्रमण अभियान में शामिल एसडीओ डॉ कुंदन कुमार, नगर आयुक्त एसएन झा, कार्यपालक दंडाधिकारी सुबोध कुमार, कोतवाली इंस्पेक्टर संतोष सिंह जेसीबी मशीन एवं दलबल के साथ अतिक्रमण हटाने शहर में निकले. अभियान निकलने के साथ ही अतिक्रमणकारी अपने जगहों से छतरी व चूल्हा हटाने लगे. जिसने नहीं हटाया उसे जेसीबी से कहा दिया गया.

कहां-कहां हटाये गये अतिक्रमण

जिला प्रशासन द्वारा गठित टीम ने एक नंबर ट्रैफिक से अभियान का शुभारंभ किया. एक नंबर ट्रैफिक के चारों और सड़क किनारे अवैध रुप से छतरी देकर दुकान चला रहे अतिक्रमणकारियों को हटा दिया गया. वहीं दुकान के आगे डाला गया शेड भी हटवा दिया गया. बस स्टैंड से जहां गैराज संचालकों को हटाया गया. वहीं प्राइवेट बस स्टैंड से 30 वर्षो से अतिक्रमण कर बैठे लोगों को हटाया गया. स्टैंड से जहां गैराज संचालक को हटाया गया. वहीं घर बना कर रह रहे लोगों को भी हटाया गया. स्टैंड में अवैध रुप से चल रहे सब्जी के थोक विक्रेताओं को हटा दिया गया. अस्पताल रोड में चल रहे गैराज को भी हटाया गया. साथ ही नगर निगम प्रशासन द्वारा बनाये गये स्टॉलों को भी अतिक्रमण मुक्त कराया गया. साथ ही इधर-उधर लगें कठरे की गुमटी व बांस बल्लों को भी हटाया गया.

हुई तीखी नोक-झोंक

टॉउन हाल के किनारे एवं बस स्टैंड में अतिक्रमण हटाने के दौरान अतिक्रमणकारियों एवं अधिकारियों के बीच तीखी नोक -झोंक हुई. जिसके कारण अतिरिक्त पुलिस बल को बुलाना पड़ा. उसके बाद अतिक्रमणकारी शांत हुए.

ठेला-रिक्शा पर ढोया जा रहा समान

अतिक्रमण का बुलडोजर चलते ही अतिक्रमणकारियों पर सामत आन पड़ी. रिक्शा एवं ठेला पर बड़े-बड़े कठरे के दुकान व लोहे का चदरा व अन्य समान दुकानदार सुरक्षित स्थान पर ले जाते देखे गये. शहर में पूरे दिन गहमा-गहमी का माहौल रहा.

खुद ब खुद हटने लगा अतिक्रमण

अतिक्रमण अभियान अभी शहर के एक नंबर ट्रैफिक पर ही प्रारंभ हुआ. लेकिन इसका असर पुरबसराय, शीतला स्थान, कोड़ा मैदान सहित अन्य स्थानों पर देखने को मिला. दुकानदार अपने-अपने दुकान के आगे लगे चदरे एवं अस्थायी दुकान को हटाते देखे गये. चोरों और अतिक्रमण अभियान का असर देखा गया.

प्रशासन के कदम को सराहा

शहर वासियों ने जिला प्रशासन के इस कदम की सराहना की. उन्होंने कहा कि मुंगेर विश्व योग नगरी के साथ-साथ ऐतिहासिक नगरी भी है. यहां देश विदेश से सैलानी आते हैं. ऐसे में इस शहर को सुसज्जित बनाना ही चाहिए. आनंद कुमार, विजय कुमार, धर्मेद्र कुमार ने कहा कि मुंगेर शहर को 1934 के भुकंप के बाद काफी मशक्कत के बाद सुसज्जित रूप से बसाया गया था. यहां की सड़कें काफी चौड़ी रखी गई थी, लेकिन अतिक्रमणकारियों की वजह से इसकी सूरत बिगड़ गई थी. प्रशासन ने सराहनीय कदम उठाया है और इसे आगे भी जारी रखना होगा.

हो वैकल्पिक व्यवस्था

युवा जदयू नेता सुबोध वर्मा ने प्रशासन के इस कदम की सराहना करते हुए कहा कि प्रशासन को विस्थापितों के लिए वैकल्पिक व्यवस्था करनी चाहिए. राजद नेता संजय पासवान ने कहा कि अतिक्रमण किसी भी शहर के लिए सही नहीं है, लेकिन प्रशासन को सड़क पर लगने वाली मंडियों के लिए अलग से मंड़ी बनानी चाहिए. ताकि लोगों का रोजगार नहीं छिने. सपा नेता जफर अहमद ने कहा कि प्रशासन को अपने अभियान से पूर्व ऐसे जगहों पर रोजगार करने वालों के लिए वैकल्पिक व्यवस्था करनी चाहिए थी.

अभियान बन गयी शामत

वर्षो से सरकारी जमीन का अतिक्रमण कर आशियाना बना कर रहे लोगों के लिए यह अभियान शामत बन कर आयी. सदर अस्पताल के समीप वर्षो से रह रही विधवा गीता देवी के लिए तो यह अभियान मानो दुखों का पहाड़ लेकर आया. वर्षो से वह झोपड़ी बना कर अपना जीवन यापन कर रही थी. इस अभियान ने एक झटके में ही उसका आशियाना उजाड़ कर रख दिया. गरीब छात्र दीपक कुमार भी उसी के समीप एक कुटिया बना कर अपनी पढ़ाई करता था. दीपक सुबह पेपर बेच किसी तरह अपना पेट पालता है और पढ़ाई करता है. प्रशासन के इस कदम से इस भीषण ठंड में नये आशियाने की तलाश की समस्या आन पड़ी.

रोजगार की हुई समस्या

अभियान के बाद अब रोजगार की समस्या आन पड़ी है. कुछ लोग सड़क के किनारे दुकान लगा कर अपने तथा अपने परिवार का भरण पोषण किया करते थे. इस अभियान के बाद अब उनके समक्ष रोजी रोटी की समस्या आ गयी है.

कहते हैं अधिकारी

सदर अनुमंडल पदाधिकारी ने कहा कि स्टैंड में पिछले 30 वर्षो से अतिक्रमणकारियों का कब्जा था. जिला प्रशासन ने पूर्व में ही नोटिस भेज कर एवं प्रचार कराकर शहर के अतिक्रमणकारियों को आगाह कर दिया था कि वे स्वयं अतिक्रमण हटा ले. नहीं तो प्रशासन 15 जनवरी से अतिक्रमण हटायेगी. उन्होंने कहा कि टाउन हॉल के समीप से मालवाहक वाहन को हटा कर सोझीघाट एवं स्टैंड से माल चढ़ाने एवं उतारने का निर्देश दिया गया है. उन्होंने कहा कि फुटपाथ दुकानदार आवेदन करे तो उनके लिए वैकल्पिक व्यवस्था की जायेगी.

देखते-देखते चौड़ी हो गयी सड़कें

अतिक्रमण अभियान के पहले ही दिन मुंगेर की सड़कें चौड़ी दिखने लगी. क्योंकि पहले तो दुकानदार ने सड़क को अतिक्रमित कर लिया था और बाद में फुटपाथी दुकानदारों ने सड़कों पर अवैध रुप से कब्जा जमा लिया था. जो सड़क पहले गली लग रही थी वह अब चौड़ी हो गयी है.

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