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बंदूक फैक्टरी के बंद यूनिट होंगे चालू, बहुरेंगे दिन

मुंगेर में स्थापित बंदूक फैक्टरी में कुल 35 कंपनियों व एक को-ऑपरेटिव सोसाइटी के माध्यम से बंदूक का निर्माण होता रहा है मुंगेर : मुंगेर बंदूक फैक्टरी के बंद यूनिट को चालू करने एवं इसके उत्पादन क्षमता को बढ़ाने के लिए राज्य सरकार की ओर से पहल की जा रही है. इसके लिए उद्योग विभाग […]

मुंगेर में स्थापित बंदूक फैक्टरी में कुल 35 कंपनियों व एक को-ऑपरेटिव सोसाइटी के माध्यम से बंदूक का निर्माण होता रहा है

मुंगेर : मुंगेर बंदूक फैक्टरी के बंद यूनिट को चालू करने एवं इसके उत्पादन क्षमता को बढ़ाने के लिए राज्य सरकार की ओर से पहल की जा रही है. इसके लिए उद्योग विभाग के महाप्रबंधक से विस्तृत रिपोर्ट मांगी गयी है. ताकि सरकार बेहतर संसाधन व व्यवस्था उपलब्ध कराकर इस बंदूक फैक्टरी की रौनक पुन: वापस ला सके.
मुंगेर में स्थापित बंदूक फैक्टरी में कुल 35 कंपनियों व एक को-ऑपरेटिव सोसाइटी के माध्यम से बंदूक का निर्माण होता रहा है. लेकिन हाल के वर्षों में जहां बंदूक फैक्टरी के छह यूनिट विभिन्न कारणों से बंद हो गये. वहीं को-ऑपरेटिव सोसाइटी के माध्यम से होने वाले बंदूक निर्माण को जिला प्रशासन द्वारा बंद कर दिया गया था.
इस बंदूक कारखाना के यूनिटों को सन 1959 में नये सिरे से बंदूक का लाइसेंस दिया गया और 1979 में आखिरी बार इसके कोटे का निर्धारण करते हुए लाइसेंस का नवीकरण किया गया था. इसके तहत यहां प्रतिवर्ष 12 हजार 352 बंदूक का निर्माण किया जाना है. किंतु एक ओर जहां बंदूक का बाजार रायफल व पिस्टल ने लील लिया.
वहीं दूसरी ओर प्रशासनिक स्तर पर बंदूक का लाइसेंस भी काफी कम दिया जाने लगा. फलत: इस उद्योग को बड़ा धक्का लगा तथा आज महज ढ़ाई हजार बंदूकें यहां बन रही है. छह कंपनी विभिन्न कारणों से बंद हो गये.
कई कंपनी के पास मजदूर हैं तो संसाधन नहीं और कहीं संसाधन है तो बाजार नहीं. लेकिन राज्य सरकार ने मुंगेर बंदूक फैक्टरी को पुन: गुलजार करने का फैसला लिया है. इसके तहत उद्योग विभाग के महाप्रबंधक से विस्तृत रिपोर्ट मांगी गयी है. महाप्रबंधक इंजीनियर सत्येंद्र कुमार ने इस संदर्भ में अपने रिपोर्ट तैयार कर रही है जो शीघ्र ही सरकार को भेजी जायेगी.

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