साहेबपुरकमाल : साहेबपुरकमाल-मुंगेर जमालपुर के बीच बना रेलवे हॉल्ट का नामकरण को लेकर तीन गांवों के बीच विवाद उत्पन्न हो गया है. सबदलपुर, शिवचंदपुर और मोहनपुर गांव के लोग अपनी-अपनी तरह से दावा पेश कर स्टेशन का नाम उसके गांव के नाम से करने पर अड़े हैं.
मोहनपुर गांव के नाम पर स्टेशन का निर्माण सबदलपुर, श्रीचंदपुर और मोहनपुर गांव के बीच में हुआ है. चूंकि रेल परियोजना में सबसे अधिक जमीन मोहनपुर गांव का अधिगृहीत हुआ है. इसलिए स्टेशन का नाम मोहनपुर होना चाहिए. श्रीचंदपुर गांव के लोगों का कहना है कि चूंकि स्टेशन शिवचंदपुर गांव की जमीन पर बना है इसलिए स्टेशन का नाम शिवचंदपुर होना चाहिए. जबकि सबदलपुर गांव के लोगों का कहना है कि रेलवे ने काफी सोच-समझ कर स्टेशन का नाम सबदलपुर रखा है. अब तक रेलवे का सभी कार्य सबदलपुर के नाम से ही हुआ है.
इसलिए स्टेशन के नाम में कोई परिवर्तन नहीं होना चाहिए. जबकि अधिकारियों का कहना है कि यह मामला रेलवे के उच्चाधिकारियों तक पहुंच चुका है. जांच के लिए जिलाधिकारी को निर्देश दिया गया है. जिलाधिकारी बेगूसराय ने शिवचंदपुर, सबदलपुर गांव के लोगों से पक्ष लिया है और जांच कार्य जारी है. फिलहाल तीनों गांव में इस मामले को लेकर विवाद की स्थिति बनी हुई है.
मुंगेर पुल के उद्घाटन के दौरान नेताओं के बोल
साहेबपुरकमल. मुंगेर रेल पुल का उद्घाटन कई मायने में ऐतिहासिक रहा. इस मौके पर विभिन्न नेताओं के द्वारा अलग-अलग प्रतिक्रिया व्यक्त की गयी है. कई प्रतिनिधियों ने उद्घाटन समारोह के आयोजन पर प्रश्नचिह्न लगाया.
मुंगेर रेल सह सड़क पुल का उद्घाटन समारोह को भाजपा ने निजी समारोह का स्वरूप दिया. चूंकि यह सरकारी कार्यक्रम था. इसलिए यूपीए के नेताओं को अामंत्रित करना चाहिए था, परंतु भाजपा ने जो विज्ञापन छपवाया. उसमें एनडीए को छोड़ कर किसी अन्य पार्टी के नेताओं का नाम तक नहीं था. रेलवे ने स्थानीय किसानों को न तो पर्याप्त मुआवजा दिया और न ही किसी को नौकरी दिया गया. इसलिए हम इस उद्घाटन समारोह का बहिष्कार कर रहे हैं.
श्रीनारायण यादव,विधायक सह सभापति, प्राकलन समिति, बिहार विधान सभा
आनन-फानन में मुंगेर रेल पुल को चालू कर दिया गया है. न तो पैसेंजर था और न ही एक्सप्रेस ट्रेन के परिचालन संबंधी कोई व्यवस्था थी. भाजपा ने पार्टी की लोकप्रियता को प्रसारित करने के लिए यह नाटक कर रही है. साथ ही जिले के किसी भी विधायक को आमंत्रित नहीं किया गया है. इसलिए इस उद्घाटन समारोह का विरोध करते हैं.
डॉ तनवीर हसन,पूर्व विधान पार्षद
पुल के उद्घाटन समारोह में विपक्षी दलों को आमंत्रित नहीं कर गलत परंपरा की शुरुआत की है. यह केवल भाजपा का कार्यक्रम था. जबकि हमने पुल निर्माण के क्रम में उत्पन्न होनेवाली बाधाओं को दूर करने में सहयोग करते रहे फिर भी आमंत्रण नहीं मिला.
सीताराम सहनी,प्रमुख, साहेबपुरकमाल