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जिले में समग्र गव्य विकास योजना टांय-टांय फिस

जिले में समग्र गव्य विकास योजना टांय-टांय फिस * 2015-16 में अबतक नहीं मिली स्वीकृति, 2014-15 के आवेदन लंबित * 2013-14 से नहीं मिली राशि, पशुपालक सब्सिडी के लिए मुहताज फोटो संख्या : 1फोटो कैप्सन : जिला गव्य विकास पदाधिकारी कार्यालय, मुंगेर प्रतिनिधि, मुंगेर समग्र गव्य विकास योजना मुंगेर जिले में टांय-टांय फिस हो रही […]

जिले में समग्र गव्य विकास योजना टांय-टांय फिस * 2015-16 में अबतक नहीं मिली स्वीकृति, 2014-15 के आवेदन लंबित * 2013-14 से नहीं मिली राशि, पशुपालक सब्सिडी के लिए मुहताज फोटो संख्या : 1फोटो कैप्सन : जिला गव्य विकास पदाधिकारी कार्यालय, मुंगेर प्रतिनिधि, मुंगेर समग्र गव्य विकास योजना मुंगेर जिले में टांय-टांय फिस हो रही है. वित्तीय वर्ष 2015-16 समाप्त होने पर है और विभाग द्वारा अबतक चालू वित्तीय वर्ष के लिए न तो योजना की स्वीकृति हुई है और न ही राशि आवंटित की गयी. अलबत्ता यह गत वित्तीय वर्ष 2014-15 के लिए जिन 35 लोगों के आवेदन को स्वीकृति मिली उन्हें राशि भी नहीं मिली है. फलत: पशुपालक योजना से वंचित हो रहे. क्या है समग्र गव्य विकास योजना समग्र गव्य विकास योजना के तहत पशुपालकों को अनुदान उपलब्ध कराया जाता है. जिसके माध्यम से पशुपालक यूनिट के अनुसार अनुदान प्राप्त कर गाय खरीदते हैं. इसके एक यूनिट में दो गाय एवं दूसरे यूनिट में पांच गाय खरीदने का प्रावधान है. जिससे पशुपालक अपनी आर्थिक स्थिति को सुदृढ़ कर अपने आय में वृद्धि कर सकते हैं. इस योजना का लाभ लेने के लिए पशुपालकों को एक बीघा जमीन, जमीन का एलपीसी, बैंक खाता एवं बैंक से एनओसी की आवश्यकता है. पशुपालकों को मिलता है अनुदान इस योजना के तहत किसानों को दो गाय के लिए 1 लाख 30 हजार 400 रुपये एवं पांच गाय के लिए 3 लाख 26 हजार रुपये दिया जाता है. जिसमें दो गाय के लिए सामान्य वर्ग को 50 प्रतिशत एवं अनुसूचित जनजाति वर्ग को 75 प्रतिशत अनुदान मिलना है. पांच गाय के लिए केवल सामान्य वर्ग को 50 प्रतिशत अनुदान दिये जाने का प्रावधान है. ये अनुदान बैंक के माध्यम से मिलता है. 2014-15 का फाइल है लंबित विभागीय उदासीनता के कारण वर्ष 2014-15 के लगभग 35 पशुपालकों के आवेदन को स्वीकृति मिली. जिसके फाइल को जांच के लिए जिला पदाधिकारी कार्यालय भेजा गया. लेकिन आजतक फाइल की जांच नहीं हो पायी है और किसी भी पशुपालक को इसका लाभ नहीं मिल पाया. इतना ही नहीं वित्तीय वर्ष 2014-15 में विभाग द्वारा राशि भी नहीं उपलब्ध करायी गयी. 2015-16 में नहीं मिला योजना वित्तीय वर्ष 2015-16 समाप्त होने में तीन माह शेष है और गव्य विकास योजना के लिए अबतक पशुपालकों से आवेदन तक नहीं लिया गया है. बताया जाता है कि इस वित्तीय वर्ष में अबतक विभाग द्वारा योजना ही नहीं दिया गया. जिसके कारण पशुपालकों से आवेदन नहीं लिया जा रहा है. शहरी क्षेत्र के पशुपालकों को नहीं मिलेगा लाभ नगर निगम, नगर परिषद जमालपुर, नगर पंचायत हवेली खड़गपुर के शहरी क्षेत्रों के पशुपालकों को इस योजना का लाभ नहीं दिया जाता है. इसमें केवल ग्रामीण क्षेत्र के ही पशुपालकों को लाभ मिलता है. इसमें जिले के नौ प्रखंडों के पशुपालकों के लिए योजना है. पशुपालकों को नहीं दिया गया प्रशिक्षण बताया जाता है कि वित्तीय वर्ष 2014-15 में जिले के कुल 200 पशुपालकों को प्रशिक्षण भी दिया गया था. लेकिन इस वर्ष किसी भी पशुपालकों को प्रशिक्षित नहीं किया गया. इस प्रशिक्षण में पशुपालकों को गाय के संदर्भ में विस्तार पूर्वक जानकारी दी जाती है. जिसमें गाय के आहार, दुग्ध एवं उसके स्वास्थ्य संबंधी जानकारी दी जाती है. पशुपालकों को सरकारी खर्च पर हरियाणा, गुजरात एवं पटना प्रशिक्षण के लिए भेजा जाता है. कहते हैं गव्य विकास पदाधिकारी गव्य विकास पदाधिकारी अशोक कुमार ने कहा कि 2014-15 के 35 लाभुकों को अनुदान देने की स्वीकृति मिल चुकी है. लेकिन जिला पदाधिकारी कार्यालय में फाइल लंबित है. जिसके कारण पशुपालकों को इसका लाभ नहीं मिल पा रहा है. वित्तीय वर्ष 2015-16 में तो प्रोजेक्ट ही नहीं दिया गया है.

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