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जिले में ओपीडी की उपलब्धि काफी निराशाजनक

जिले में ओपीडी की उपलब्धि काफी निराशाजनक जिला स्वास्थ्य समिति की बैठक में सामने आयी चिकित्सकों की नाकामीफोटो संख्या : 5फोटो कैप्सन : बैठक में उपस्थित अधिकारीगण प्रतिनिधि, मुंगेरसमाहरणालय सभाकक्ष में शुक्रवार को जिला स्वास्थ्य समिति की मासिक बैठक आयोजित की गयी. उसकी अध्यक्षता प्रभारी जिलाधिकारी डॉ ईश्वर चंद्र शर्मा ने की. बैठक में जिले […]

जिले में ओपीडी की उपलब्धि काफी निराशाजनक जिला स्वास्थ्य समिति की बैठक में सामने आयी चिकित्सकों की नाकामीफोटो संख्या : 5फोटो कैप्सन : बैठक में उपस्थित अधिकारीगण प्रतिनिधि, मुंगेरसमाहरणालय सभाकक्ष में शुक्रवार को जिला स्वास्थ्य समिति की मासिक बैठक आयोजित की गयी. उसकी अध्यक्षता प्रभारी जिलाधिकारी डॉ ईश्वर चंद्र शर्मा ने की. बैठक में जिले के विभिन्न अस्पतालों व प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर चल रही लाभकारी योजनाओं की समीक्षा की गयी. साथ प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश दिये गये. मौके पर उपविकास आयुक्त रामेश्वर पांडेय, सिविल सर्जन डॉ श्रीनाथ, एसीएमओ डॉ योगेंद्र प्रसाद रजक एवं सदर अस्पताल के उपाधीक्षक डॉ राकेश कुमार सिन्हा मुख्य रूप से मौजूद थे.चालू वर्ष में ओपीडी सेवा बेहतर नहींजिला स्वास्थ्य प्रबंधक मो. नसीम ने जानकारी देते हुए बताया कि वित्तीय वर्ष 2015-16 में जिले के ओपीडी की सेवा बेहतर नहीं है. वित्तीय वर्ष 2013-14 व 2014- 15 के अनुसार इस वर्ष काफी कम मरीजों का इलाज ओपीडी के माध्यम से हुआ है. इस पर प्रभारी जलाधिकारी ने बांकी के तीन महीने में स्थिति को बेहतर कर पिछले वर्ष के आंकड़ों को पार करने का निर्देश दिया.सिजेरियन प्रसव की गति मंथर जिले में सिजेरियन प्रसव की गति काफी मंथर है. चालू वित्तीय वर्ष में सदर अस्पताल में सिर्फ 25 सिजेरियन प्रसव कराये गये हैं. वहीं अनुमंडलीय अस्पताल तारापुर में मात्र दो प्रसव कराये गये हैं. तारापुर में सिजेरियन प्रसव के लिए पांच चिकित्सक को पदस्थापित किया गया है. किंतु वहां पर पदस्थापित चिकित्सक डॉ नाज बानो, डॉ ज्योति रजवार एवं डॉ प्रमोद कुमार ने चालू वित्तीय वर्ष में एक भी सिजेरियन प्रसव नहीं कराया है. इस पर प्रभारी जिलाधिकारी ने कड़ी फटकार लगायी. साथ ही निर्देश दिया कि ऐसे चिकित्सकों को आगामी बैठक में निश्चित रूप से बुलाया जाय.आरबीएसके कार्यक्रम को करें सफलीभूतप्रभारी जिलाधिकारी ने कहा कि जिले में चल रहे आरबीएसके ( राष्ट्रीय बाल सुरक्षा कार्यक्रम ) प्रोग्राम को सफलीभूत किया जाय. इसके लिए आंगनबाड़ी केंद्रों पर बच्चे की उपस्थिति को सुनिश्चित करने के लिए सीडीपीओ को निर्देश दिया गया. जिससे कि बच्चों का नियमित स्वास्थ्य जांच किया जा सके.दम तोड़ रही है आदर्श दंपति योजना जिले में आदर्श दंपति योजना दम तोड़ती नजर आ रही है. समीक्षा के दौरान बताया गया कि चालू वित्तीय वर्ष में जिले भर में इस योजना के तहत अब तक मात्र 141 लोगों का ही बंध्याकरण हो पाया है, जो काफी कम है. इस योजना के तहत वैसे लोगों का बंध्याकरण किया जाता है, जिन्हें सिर्फ दो बच्चे ही हैं. जिलाधिकारी ने इसकी गति तेज करने का निर्देश दिया.जमीन पर नहीं उतर पा रहा अर्श कार्यक्रमअर्श कार्यक्रम के तहत 14- 18 वर्ष तक के बच्चों को यौन संबंधी जानकारी दिये जाने का प्रावधान है. इसके साथ ही यौन से संबंधित बीमारियों की जानकारी भी दी जानी है. किंतु समीक्षा के दौरान बताया गया कि बरियारपुर व धरहरा में यह कार्यक्रम जमीन पर नहीं उतर पा रहा है. जिसके कारण कई बार बच्चे व बच्चियां जानकारी के अभाव में गलतियां कर बैठते हैं.

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