मुंगेर : जिले में वाहनों की रफ्तार अनियंत्रित हो गयी है और सड़कों पर अनियंत्रित वाहन मौत का संदेश बांट रही है. पिछले तीन दिनों के अंदर जिले में सड़क दुर्घटनाओं में पांच लोगों की जहां मौत हो गयी. वहीं आधे दर्जन लोग घायल हुए हैं. लेकिन न तो पुलिस प्रशासन और न ही परिवहन विभाग अनियंत्रित वाहनों पर लगाम लगा पा रही है.
एक ओर जहां जिले में बिना लाइसेंस के ही सैकड़ों वाहनों का परिचालन हो रहा तो दूसरी ओर इन दिनों लहेडि़या वाहनों से आम लोगों की समस्याएं बढ़ी है. चिकनी सड़कों पर जिस प्रकार गति सीमा का उल्लंघन करते हुए वाहन को चलाया जाता वह दुर्घटना का मुख्य कारण बन रहा है. सोमवार की सुबह मुंगेर नौवागढ़ी मुख्य मार्ग में बांक गांव के समीप लहेडि़या स्टाइल में वाहन चलाने से जहां वाहन चालक मो. नजफ की जान चली गयी.
वहीं मोटर साइकिल के धक्के से एक किसान योगेंद्र यादव की भी मौत हो गयी. शनिवार को तारापुर-खड़गपुर मुख्य मार्ग में माहपुर पुल के समीप अनियंत्रित ऑटो के पलटने से वाहन पर सवार 70 वर्षीय अंबिका देवी की मौत हो गयी थी. इस घटना में आधे दर्जन अन्य यात्री भी घायल हो गये थे. उसी दिन मुंगेर शहर के लाल दरवाजा में अनियंत्रित डंफर ने गंगा तट श्मशान जाते हुए अधेड़ गोरख सहनी को रौंद डाला था. जिससे घटनास्थल पर ही उसकी मौत हो गयी थी.
वह अपने भाई के अंतिम संस्कार में लाल दरवाजा श्मशान घाट जा रहा था. उसी दिन शहर के एक नंबर ट्रैफिक के समीप राहुल कुमार नामक युवक की मौत भी सड़क दुर्घटना में हुई थी. शहर के लल्लू पोखर निवासी राहुल कुमार देर रात अपने दोस्त के साथ बाइक लेकर निकला था और पटेल चौक एक नंबर ट्रैफिक के समीप उसका बाइक दुर्घटनाग्रस्त हो गया था.
इसके अतिरिक्त मुंगेर-बरियारपुर मुख्य मार्ग राष्ट्रीय उच्च पथ 80 रामपुर कलान के मसीप मैजिक वाहन व मोटर साइकिल की आमने सामने की टक्कर में तूफान कुमार नामक युवक बुरी तरह घायल हो गया था. लगातार हो रही सड़क दुर्घटना को रोकने के लिए पुलिस, जिला परिवहन विभाग द्वारा कोई ठोस पहल नहीं की जा रही.-
युवक की मौत से परिजनों में मचा कोहराम मुंगेर : मुफस्सिल थाना क्षेत्र के बांक गांव में सोमवार को हुई सड़क दुर्घटना में हाजी सुभान निवासी एसएम तारीक का 20 वर्षीय पुत्र मो. नजफ की मौत के बाद परिजनों में कोहराम मच गया है. माता-पिता का रो-रो कर बुरा हाल था. वह अपने दस भाई-बहन में सबसे छोटा था.
एक ओर जहां नजफ के सिर्फ घायल हाने की खबर सुनते ही परिजनों के बीच अफरा- तफरी मच गयी थी. वहीं जैसे ही उनके पिता एसएम तारीक को पुत्र के मौत की खबर मिली कि वे बेसुध हो कर जमीन पड़ गिर पड़े. वे बिना कुछ बोले सिर्फ रोये जा रहे थे. परिजनों के करुण क्रंदन से आस-पड़ोस के लोगों का भी कलेजा दहल उठा.
वैसे तो नजफ को छह भाई व चार बहन थे. किंतु उन सबों में वह सबसे छोटा था. जिसके कारण उन्हें सबका दुलार मिलता था. पिता हाल ही में शिक्षक की नौकरी से सेवा निवृत्त हुए थे. आस- पड़ोस के लोग परिजनों को दिलासा देने में लगे हुए थे. किंतु परिजन नजफ के चेहरे को अपने आंखों से ओझल नहीं कर पा रहे थे.