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आस्था के महापर्व को लेकर बाजारों में उमड़ी भीड़

आस्था के महापर्व को लेकर बाजारों में उमड़ी भीड़ बाजार की बढ़ी रौनक, पैर रखने की जगह नहीं फोटो संख्या : 8,8 ए फोटो कैप्सन : बाजार में उमड़ी भीड़ प्रतिनिधि : मुंगेर आस्था का महापर्व छठ पूजा को लेकर सोमवार को बाजारों में खरीदारों का सैलाब उमड़ पड़ा. शहर का एक भी सड़क ऐसा […]

आस्था के महापर्व को लेकर बाजारों में उमड़ी भीड़ बाजार की बढ़ी रौनक, पैर रखने की जगह नहीं फोटो संख्या : 8,8 ए फोटो कैप्सन : बाजार में उमड़ी भीड़ प्रतिनिधि : मुंगेर आस्था का महापर्व छठ पूजा को लेकर सोमवार को बाजारों में खरीदारों का सैलाब उमड़ पड़ा. शहर का एक भी सड़क ऐसा नहीं, जहां छठ पर्व का सामग्री न बिक रहा हो. मुंगेर शहर के मुख्य बाजार पटेल चौक से लेकर पूरबसराय तक सड़क के बीचोबीच दुकानें लगी है और पूजन सामग्रियों का बिक्री हो रहा है. जिसके कारण इस मार्ग में वाहन का चलना तो दूर पैदल भी चलने में लोगों को भारी परेशानी हो रही है. 200 से 500 रुपये में बिका केला खानी मुंगेर : शहर के तोपखाना बाजार चौक स्थित केला की मंडी में सुबह से लेकर शाम तक डाक का सिलसिला चलते रहा. लोग 200 रुपये से लेकर 500 रुपये तक केला खानी के लिए बोली लगाये. खरीदारी के लिए सुबह से ही लोगों की भीड़ लगी हुई थी. जिसके कारण दिन भर अब्दलु हमीद चौक से लेकर किला गेट तक जाम की स्थिति बनी रही. फलों की दुकान से पटा है शहर फोटो संख्या : 6,7फोटो कैप्सन : फल की खरीदारी करते श्रद्धालु मुंगेर : महापर्व छठ प्रकृति का पर्व माना जाता है. यही कारण है कि इस पर्व में प्रकृति द्वारा उत्पन्न फल व अन्य सामग्री को लोग सूप पर चढ़ा कर अर्ध दान करते हैं. इस पर्व में जहां सेब, केला, नारियल, ईख, नीबू, नारंगी जैसे फलों को चढ़ाया जाता है. वहीं हल्दी, अदरख, सांचा, सुथनी, शकरकंद, पनियाला, सिंघाड़ा, मूली को भी सूप पर चढ़ा कर पूजा की जाती है. इसलिए बाजार में इन समानों की बिक्री परवान पर है. लोग अपने सामर्थ्य के अनुसार डाला पर फल रख कर भगवान भास्कर को अर्ध देते हैं. इस बार में मुंगेर में जहां नारियल 60-80 रुपये जोड़ा बिका. वहीं सेब 50-70 रुपये किलो, नारंगी 40-60 रुपये किलो की बिक्री हुई. सबसे अधिक महंगा पनियाला रहा जो 300-400 रुपये प्रति किलो की दर से बेचा गया. सड़क बना दुकान फोटो संख्या : 5फोटो कैप्सन : बीच सड़क पर सजी दुकान मुंगेर : मुंगेर शहर में अस्थायी दुकानों के लिए कोई व्यवस्था नहीं है. जिसके कारण हर पर्व-त्योहारों के मौके पर शहर की सड़कें दुकानों में तब्दील हो जाती है. सड़कों पर पैर रखने की जगह नहीं रहती है और जिला प्रशासन मूकदर्शक बनी देखती रह जाती है. जिसके कारण लोगों को आवागमन में खासे परेशानियों का सामना करना पड़ता है. अस्थायी दुकानों की बात तो दूर शहर में आजतक मंडी की व्यवस्था नहीं हो पायी है. जिससे प्राय: शहर की सूरत बिगड़ी रहती है. घंटों लगा रहा जाम महापर्व को लेकर शहर की सड़कें काफी तंग रही. बात चाहे किला गेट से अब्दुल हमीद चौक जाने वाली सड़क की हो या पटेल चौक से पूरबसराय जाने वाली सड़क हो. वहीं गोला रोड में भी दिन भर जाम की स्थिति बनी रही. जाम में जहां आम राहगीरों को खासे परेशानियों का सामना करना पड़ा. वहीं निजी व सवारी वाहनों को घंटों जाम में फंसना पड़ा. इतना ही नहीं कई प्रशासनिक वाहन भी जाम में फंसे दिखे. जाम को हटाने के लिए जिला प्रशासन की व्यवस्था नाकाफी दिखी. ————————–बॉक्स————————–भीख मांग कर व्रती कर रहे छठ मुंगेर : आस्था के महापर्व छठ पूजा को लोग बड़का पर्व के रूप में मनाते हैं. इस पर्व में व्रती तनिक भी अभिमान नहीं जताते हैं. व्रत को करने के लिए श्रद्धालु भीख तक मांगते हैं. छठी मैया के महान महिमा को लेकर श्रद्धालुओं के बीच अटूट आस्था देखी जाती है. तोपखाना बाजार निवासी व्रती रामव्रती देवी ने बताया कि छठ मैया ने मेरी मनोकामना को पूरा कर दिया. इसलिए इस बार से मैं लोगों से भीख मांग कर हर साल छठ व्रत करूंगी. भीख मांग कर व्रत करने वालों की होड़ में बच्चों की संख्या अधिक देखने को मिल रही है.

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