देर रात तक हुआ दुर्गा प्रतिमा का विसजर्न
झांकी रही आकर्षण का केंद्र
जमालपुर: जमालपुर की दुर्गा प्रतिमाओं का विसजर्न शुक्रवार की प्रात: तड़के तक मुंगेर के सोझी घाट पर जारी रहा. इस बीच मां दुर्गा की प्रतिमाओं को जमालपुर से ट्रॉलियों पर मुंगेर ले जाया गया. इन ट्रॉलियों को बिजली के छोटे-छोटे बल्बों द्वारा अत्यंत ही कारीगरी पूर्वक झांकी के रूप में सजाया गया था. जिस सजावट के पीछे एक संदेश छिपा हुआ था. इस वर्ष प्रशासन द्वारा कुछ झांकियों पर प्रतिबंध लगाया गया था. इसके बाद भी आठ किलोमीटर लंबे सड़क मार्ग पर जमालपुर की साज सज्जा व झांकी को देखने के लिए मुंगेर तक सड़क की दोनों ओर हजारों श्रद्धालु रात भर प्रतीक्षा करते दिखे. काली प्रतिमाओं की ट्रालियों में अधिकतर नारी उत्पीड़न पर केंद्रित झांकी थी. भ्रूण हत्या, नारी अत्याचार, दहेज हत्या और यौन शोषण पर ‘ मैं तुलसी तेरे आंगन की ’ शीर्षक की झांकी ट्रॉली नंबर-2 की थी. बड़ी आशिकपुर की झांकी ‘ चारा ने किया बेचारा ’ शीर्षक का था. बिहार पुलिस द्वारा भटकल की गिरफ्तारी को ‘ बिहार की तैयारी सब पर भारी ’’ द्वारा उकेरा गया था. एक झांकी का शीर्षक था ‘ हे ईश्वर मेरी रक्षा किसके हाथों सौंप दी ’ बगल में बड़ी सी कुरसी पर नेता जी बैठे थे. ‘ पटेल जैसा पूत और अन्ना जैसा सपूत ’, ‘ सच्ची बातें चबा गये, अच्छी बातें दबा गये ’, ‘मानवता बड़ा या पैसा ’ तथा ‘आत्मनाश या विकास’ शीर्षक की झांकी को भी खूब सराहा गया. राजनीतिक मुद्दे पर ‘‘ टूट गइल लाठी चल गइल तीर ’ तथा ‘ अंगरेजों से ज्यादा तो इस सरकार ने लूटा ’’ शहर में चर्चा का विषय बना वहीं धार्मिक मुद्दे पर उत्तराखंड की त्रसदी को जो भगवान को भुलोगे महाविनाश में फंसोगे तथा दुष्टों का विनाश करने आयेगी मां काली ने अमिट छाप छोड़ी. उल्लेखनीय है कि अंग्रेज के जमाने से ही दुर्गा प्रतिमा विसजर्न को लेकर जमालपुर प्रदेश में विशिष्ट स्थान रखता है.