उन्होंने प्रसिद्ध तीर्थ स्थल पीर पहाड़ पर विश्व की प्रसिद्ध पुस्तक गीतांजलि के कुछ छंद की रचना की थी जो यह साबित करता है कि उनका लगाव मुंगेर से था. परिषद के अध्यक्ष जेपी पाल, सचिव तापोस मोइत्र ने कहा कि उद्यन परिषद सौ वर्षो से अधिक पुराना सांस्कृतिक मंच है. जिसका नामाकरण कवि गुरु रविंद्र नाथ ठाकुर के नाम से करने का निर्णय लिया गया है.
साथ ही सांस्कृतिक मंच के जीर्णोद्धार के लिए स्थानीय प्रशासन एवं सरकार से मिल कर प्रस्ताव दिया जायेगा. मौके पर मुकुल चक्रवर्ती, अशोक सिन्हा, सुमित, शंकर दत्ता, सुभाषीन मुखर्जी, अशोक कुमार भट्टाचार्य, अभिजीत चटर्जी, सुधी दत्ता, प्रतिम मैत्र, डालीम गांगुली सहित अन्य मौजूद थे.