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बुद्धिजीवियों ने कहा: समाज के प्रति भी होना होगा जिम्मेवार

मुंगेर: ऑपरेशन के दौरान एक महिला रोगी की मौत के बाद नर्सिग होम में तोड़-फोड़ व चिकित्सक के विरुद्ध आपराधिक मुकदमा दर्ज किये जाने का मामला गहरा गया है. इस मामले को लेकर जहां कुछ राजनीति दलों द्वारा अपनी राजनीतिक रोटी सेकी जा रही. वहीं दूसरी ओर इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने गुरुवार को इस मामले […]

मुंगेर: ऑपरेशन के दौरान एक महिला रोगी की मौत के बाद नर्सिग होम में तोड़-फोड़ व चिकित्सक के विरुद्ध आपराधिक मुकदमा दर्ज किये जाने का मामला गहरा गया है. इस मामले को लेकर जहां कुछ राजनीति दलों द्वारा अपनी राजनीतिक रोटी सेकी जा रही. वहीं दूसरी ओर इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने गुरुवार को इस मामले के विरोध में एक दिवसीय हड़ताल किया.

जिसके कारण जिले के सभी निजी नर्सिग होम, क्लिनिक तथा पैथोलॉजी बंद रहे. चिकित्सक पर आपराधिक मुकदमा व नर्सिग होम में तोड़-फोड़ की घटना की समाज के विभिन्न वर्ग के लोगों ने निंदा की है. लेकिन उनका यह भी कहना है कि चिकित्सक को भी समाज के प्रति जिम्मेदार बनना होगा. आज परिस्थिति ऐसी हो गयी है जहां चिकित्सक व रोगी के बीच सेवा भाव नहीं बल्कि ग्राहक का रूप हो गया है. पेश है समाज के विभिन्न तबके के लोगों के विचार.

पैसे के खेल में पेशा हुआ लांछित
मुंगेर चैंबर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष राजेश जैन ने कहा कि सुरिम्स नर्सिग होम में रोगी की मौत के बाद एक खास तबके के द्वारा उपद्रव व प्राथमिकी दर्ज कराना पूरी तरह निंदनीय है. लेकिन समाज के प्रति चिकित्सक को भी जिम्मेदार होना होगा. आज जनता एवं चिकित्सक के बीच का भावनात्मक लगाव खत्म होता जा रहा है. क्योंकि चिकित्सकीय पेशा में जिस प्रकार बड़े पैमाने पर पैसे का खेल चल रहा उससे यह पवित्र पेशा लांछित हो रहा है. कई स्तर पर तो रोगियों का आर्थिक शोषण भी हो रहा. जिसे समझने की जरूरत है.
जनता ही डॉक्टर को दे सकती है सुरक्षा
द टैंपुल ऑफ हेनीमैन होमियोपैथिक कॉलेज के प्राचार्य डॉ सरयुग प्रसाद ने कहा कि आज चिकित्सकों में असुरक्षा की भावना बढ़ती जा रही है. निश्चित रूप से कुछ मामलों में चिकित्सक को अनावश्यक रूप से कटघरे में खड़ा किया जाता है. डॉ सुनील सिंह के मामले में भी एक रोगी की मौत के बाद जिस प्रकार की स्थिति पैदा की गयी, उससे चिकित्सा सेवा से जुड़े लोग भयभीत हैं. लेकिन हमें यह भी समझना होगा कि हमारी सुरक्षा जनता ही कर सकती है. जाहिर है कि चिकित्सक के प्रति जनता का विश्वास बढ़ाने की जरूरत है. जिस चिकित्सक को समाज भगवान का दूसरा रूप मानता है उस चिकित्सक का भी यह दायित्व है कि वे रोगी के प्रति जिम्मेवार बनें. अनावश्यक पैथोलॉजिकल जांच न करायें और अनावश्यक दवाएं न लिखें.
लोकतांत्रिक ढंग से होनी चाहिए विरोध
भारतीय रेडक्रॉस सोसाइटी के सचिव जयकिशोर संतोष ने कहा है कि रोगी की मौत पर नर्सिग होम में तोड़-फोड़ की घटना पूरी तरह निंदनीय है. हर किसी को लोकतांत्रिक तरीके से ही अपनी बातों को रखनी चाहिए. किसी को भी कानून में हाथ में लेने की इजाजत नहीं है. चिकित्सकों को भी यह सोचने की जरूरत है कि कहां कमी हो रही जिससे समाज डॉक्टर के भगवान रूप को नकार रहा है. अल्ट्रासाउंड, पैथोलॉजिकल जांच एवं दवा कंपनियों के पैसों की खेल ने गरीब जनता को दो राह पर खड़ा कर दिया है. यदि इस दिशा में गंभीरता से नहीं सोचा गया तो डॉक्टर व समाज के बीच खाई और चौड़ी हो जायेगी.
रोगी की मौत पर बंद हो राजनीति
मुंगेर केमिस्ट एंड ड्रगिस्ट एसोसिएशन के दीपक जालान ने कहा कि इलाज के दौरान रोगी की मौत पर राजनीति अत्यंत ही निंदनीय है. कोई भी चिकित्सक यह कदापि नहीं चाहता कि उसके रोगी की जान जाये. वे तो शत-प्रतिशत अपनी क्षमता रोगियों को बचाने में लगाते हैं. बावजूद यदि रोगी की मौत हो गयी तो उसके लिए चिकित्सक पर आपराधिक मुकदमा पूरी तरह गलत है. उन्होंने कहा कि चूंकि वर्तमान समय में समाज व चिकित्सक के बीच दूरी बढ़ रही. इसलिए इस प्रकार की घटनाओं के बाद कुछ लोग अपनी रोटी सेंकने लगते हैं. यह बात सत्य है कि यदि चिकित्सक चाहे तो दवा से लेकर मेडिकल जांच का दर कम हो सकता है और समाज को इसका लाभ मिल सकता. जरूरत है इस दिशा में चिकित्सकों को भी सोचना चाहिए.
नर्सिग होम में हिंसक घटना निंदनीय
मुंगेर नागरिक मंच के कार्यकारी सचिव प्रदीप सुरेका ने कहा कि नर्सिग होम में तोड़-फोड़ की घटना निंदनीय है. निश्चित रूप से समाज के हर वर्ग के लोगों को सुरक्षा मिलना चाहिए. जिसमें चिकित्सक भी शामिल हैं. लेकिन चिकित्सा जगत में जो बदलाव होता जा रहा है उसके तहत डॉक्टर एवं आम लोगों के बीच संवेदनशीलता का अभाव हो रहा. फलत: एक दूसरे के प्रति जो भावनात्मक लगाव था उसमें भी गिरावट हो रही. इसलिए चिकित्सक को भी यह सोचना होगा कि इस दूरी को खत्म किया जाय. तभी बेहतर व्यवस्था बन सकती है.
भयरहित वातावरण में ही चिकित्सा संभव
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन मुंगेर के प्रवक्ता डॉ सुधीर कुमार ने कहा कि भय रहित वातावरण में ही रोगियों का इलाज हो सकता है. जिस प्रकार हाल के दिनों में डॉक्टर के प्रति आपराधिक घटनाएं बढ़ी है वह चिंताजनक है. समाज के प्रबुद्ध लोगों को आगे आना चाहिए. उन्होंने स्वीकार किया कि कुछ मामले में समाज एवं डॉक्टर के बीच दूरी बढ़ी है. जिसे पाटने की जरूरत है. दोनों ही एक दूसरे के पूरक हैं. चिकित्सक अपनी सेवा आम जनता को ही उपलब्ध कराती है. इसलिए समाज का भी दायित्व है कि वे चिकित्सक के प्रति सम्मान भाव रखें.

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