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दो शिक्षक के भरोसे कक्षा 6 से 10 तक की पढ़ाई

मुंगेर: सरकार अन्य पिछड़ा वर्ग की बालिकाओं की शिक्षा के लिए जिले में आवासीय विद्यालयों की व्यवस्था कर रखी है. जिसके लिए सालाना करोड़ों रुपये खर्च किये जाते हैं. किंतु यहां न पर्याप्त मात्र में शिक्षक हैं और न ही विद्यालय को आजतक अपना भवन ही नसीब हो पाया है. राजकीय अन्य पिछड़ा वर्ग कन्या […]

मुंगेर: सरकार अन्य पिछड़ा वर्ग की बालिकाओं की शिक्षा के लिए जिले में आवासीय विद्यालयों की व्यवस्था कर रखी है. जिसके लिए सालाना करोड़ों रुपये खर्च किये जाते हैं. किंतु यहां न पर्याप्त मात्र में शिक्षक हैं और न ही विद्यालय को आजतक अपना भवन ही नसीब हो पाया है. राजकीय अन्य पिछड़ा वर्ग कन्या आवासीय उच्च विद्यालय ऐसे ही विद्यालयों में से एक है. यहां की छात्रएं बिना पढ़ाई किये ही पास हो रहे हैं. जबकि विभिन्न विषयों में छात्राओं को कुछ पढ़ाया ही नहीं गया है.
तीन कमरे में चलती है कक्षाएं : विद्यालय में कक्षा 6 से 10 तक कुल नामांकित छात्रओं की संख्या 120 है. जिसे पढ़ने के लिए तीन कमरे उपलब्ध कराये गये हैं. बांकी पांच कमरों में छात्रओं को आवासीय सुविधा के लिए उपलब्ध कराया गया है. वैसे तो इस विद्यालय को +2 की मान्यता मिल चुकी है. किंतु शिक्षकों के अभाव में आजतक यहां 11 वीं में छात्राओं में नामांकन ही नहीं लिया गया है.
शिक्षकों का है अभाव : विद्यालय में शिक्षकों के स्वीकृत पदों की संख्या 13 है. किंतु वर्तमान में मात्र 2 शिक्षक ही यहां पदस्थापित हैं. जिनमें से एक प्रधानाध्यापक हैं. शिक्षक के अभाव में कई विषयों की पढ़ाई नहीं हो पाती है. जिसके कारण छात्रएं संबंधित विषयों में जानकारी प्राप्त करने से वंचित रह जाती है.
विद्यालय को नहीं है अपना भवन : राजकीय अन्य पिछड़ा वर्ग कन्या आवासीय उच्च विद्यालय को आजतक अपना भवन नसीब नहीं हुआ है. वर्तमान समय में यह विद्यालय मूक बधिर विद्यालय के भवन में संचालित हो रहा है. किंतु यह भवन भी बिल्कुल जजर्र हो चुका है.
कहती हैं छात्राएं : छात्र मीना कुमारी, अंशु कुमारी, कुमकुम कुमारी, सुमन कुमारी, रुमन कुमारी, बबीता कुमारी, वर्षा कुमारी सहित अन्य ने बताया कि बीते दो वर्षो से उनलोगों को पोशाक नहीं दिया गया है. इस वर्ष कॉपी-किताब भी नहीं मिली है. समय पर कभी भी कोई सामग्री नहीं मिलने के कारण काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. छात्रओं ने बताया कि शिक्षक के अभाव में वे किसी तरह कक्षा तो पास कर लेती हैं किंतु संबंधित विषयों की जानकारी से वह वंचित रह जाती है.
कहते हैं प्रधानाध्यापक
प्रधानाध्यापक रामकिशोर सिंह ने बताया कि शिक्षकों के पदस्थापन के लिए विभाग को कई बार पत्र लिखा गया है. किंतु अबतक शिक्षकों का पदस्थापन नहीं किया जा सका है.

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