आज भी शहरी क्षेत्र में खास महाल की जमीन का सौदा किया जा रहा है. जिसमें दलालों की चांदी कट रही है. लेकिन सरकार को इससे किसी प्रकार के राजस्व की प्राप्ति नहीं हो रही. खास महाल पदाधिकारी कुमार प्रशांत ने बताया कि मुंगेर में 1647 लोग है जो खास महाल की जमीन पर बसे हुए है. जिसमें 18 लोगों के पास लीज है. वर्ष 2035 तक के लिए 1 एवं 2022 तक के लिए 17 लोगों के पास लीज है. जबकि अन्य बचे हुए लोगों को लीज के लिए नोटिस भेजा जा रहा है. अब तक एक हजार लोगों को नोटिस भेजा जा चुका है.
उन्होंने कहा कि विभाग में लीज के लिए खास महाल की जमीन पर रहने वाले लोग आवेदन भी कर रहे हैं. उन्होंने एक सवाल के जवाब में कहा कि मई 2008 के पहले जो लोग खास महाल की जमीन पर बसे हुए है. वैसे लोग भी आवेदन कर रहे हैं. जिनके आवेदन पर विचार की जा सकती है. लेकिन मई 2008 के बाद जो भी लोग खास महाल की जमीन को पहले से रह रहे लोग से खरीदा है अथवा एग्रीमेंट करा कर रह रहे हैं. वैसे लोग लीज के लिए वैध नहीं है. अगर वर्तमान में खास महाल की जमीन की खरीद-बिक्री कर रहे हैं तो वह पूरी तरह से अवैध है.