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नीतीश नहीं चाहते दलित की राजनीति में बने पहचान : उपेंद्र

मुंगेर: केंद्रीय मानव संसाधन विकास राज्य मंत्री उपेंद्र कुशवाहा ने राज्य के राजनीतिक घटनाक्रम पर अपनी टिप्पणी देते हुए कहा कि इसका एक मात्र उपाय है कि विधानसभा को भंग कर राज्य में चुनाव कराये जाय. वे जिला परिसदन में शनिवार को पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे. उन्होंने कहा कि कोई दलित राजनीति में […]

मुंगेर: केंद्रीय मानव संसाधन विकास राज्य मंत्री उपेंद्र कुशवाहा ने राज्य के राजनीतिक घटनाक्रम पर अपनी टिप्पणी देते हुए कहा कि इसका एक मात्र उपाय है कि विधानसभा को भंग कर राज्य में चुनाव कराये जाय. वे जिला परिसदन में शनिवार को पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे.

उन्होंने कहा कि कोई दलित राजनीति में आये और स्थान बना ले यह नीतीश कुमार को कतई बरदाश्त नहीं है. दरअसल में वे चाहते हैं कि दलित या महादलित उनके पिछलग्गू बन कर रहे. मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने पिछलग्गू और रबड़ स्टांप बनना स्वीकार नहीं किया तथा एक स्थान बनाया.

यह नीतीश कुमार को नागवार लगा और इसी का नतीजा पूरा घटनाक्रम है. दरअसल में उन्होंने राज्य की जनता के साथ विश्वासघात किया और अपने त्याग और बलिदान की झूठी दुहाई दी कि उन्होंने कुरसी का मोह त्याग कर एक महादलित को कुरसी पर बैठाया और जब यह महादलित अपनी पहचान बनाने की कोशिश करने लगा तो उनका त्याग और बलिदान हासिये पर चल गया तथा फिर से मुख्यमंत्री बनने के लिए सारा नाटक रचा. बिहार में जो खेल चल रहा है वह किसी भी कीमत पर राज्य हित में नहीं है.

एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि पंकज वर्मा और एलआइसी एजेंट के परिजनों को सरकार पर्याप्त सहायता दे. सरकार उसकी मदद करने में सक्षम है. मौके पर कार्यकारिणी अध्यक्ष ललन पासवान, मालती कुशवाहा, रालोसपा के प्रदेश महासचिव सह जिला परिषद उपाध्यक्ष संजय कुमार सिंह, जिलाध्यक्ष रणधीर सिंह, जवाहर कुशवाहा मुख्य रूप से मौजूद थे.

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