मुंगेर: अनुसूचित जाति-जनजाति, पिछड़ा एवं अतिपिछड़ा छात्रों के नाम पर तकनीकी एवं व्यावसायिक शिक्षा के छात्रवृत्ति में एक बड़े घोटाले का परदाफाश हुआ है. राज्य के बाहर के तकनीकी व व्यावसायिक प्रतिष्ठानों एवं शिक्षा माफियाओं की मिलीभगत से इन छात्रों के नाम पर मिलने वाले करोड़ों रुपये की छात्रवृत्ति का फर्जीवाड़ा किया जा रहा है.
कागज पर चल रहे देश के कई तकनीकी व व्यावसायिक शिक्षण संस्थानों एवं शिक्षा माफियाओं के नेटवर्क ने जहां एक ओर समाज के पिछड़े वर्ग के बच्चों के भविष्य पर ग्रहण लगाया है तो दूसरी ओर सरकार का करोड़ों रुपया हजम किया जा रहा.
मुंगेर में लगभग दो दर्जन ऐसे मामले पकड़े गये हैं जिसमें शिक्षा माफियाओं ने मुंगेर के बच्चों के नाम पर कल्याण विभाग से प्रवेशिकोत्तर तकनीक एवं व्यावसायिक पाठ्यक्रम के अंतर्गत फर्जीवाड़ा किया है. जो बच्चे मुंगेर में पढ़ रहे उनका नाम गलत ढंग से बाहर के तकनीकी संस्थान में दर्ज कर राशि की निकासी की गयी है. अगर वित्तीय वर्ष 2012-13, 2013-14 की जांच की जाय तो करोड़ों रुपये का फर्जीवाड़ा सामने आयेगा.
क्या है मामला
अनुसूचित जाति/जनजाति कल्याण विभाग एवं पिछड़ा /अतिपिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग द्वारा तकनीकी सह व्यावसायिक शिक्षा के लिए छात्रवृत्ति राशि देती है. ताकि राशि के अभाव में इस समुदाय से आने वाले बच्चों को उच्च शिक्षा से वंचित नहीं होना पड़े. कल्याण विभाग को उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, उड़ीसा जैसे कई राज्यों में स्थित तकनीकी कॉलेजों व इस्टीच्यूट ने दर्जनों छात्र-छात्रओं को अपने यहां नामांकित बताते हुए छात्रवृत्ति की राशि की डिमांड की. जब एकाएक दर्जनों छात्र-छात्रओं के नाम पर राशि की डिमांड आयी तो विभाग को शंका हुआ. कई छात्र के पते पर जब संपर्क किया गया तो पाया गया कि उन छात्रओं को यह भी पता नहीं था कि उसके नाम से आवेदन कैसे भरा गया. छात्रों को यह भी पता नहीं है कि इस नाम का कॉलेज कहां है और कैसा है. तब विभाग को फर्जीवाड़ा की सत्यता का पता चला और विभाग सकते में आ गयी.
फरजी है नामांकन
कल्याण विभाग के अधिकारियों ने जब जांच प्रारंभ की तो पता चला कि वैसे छात्र-छात्राओं के नाम पर राशि की डिमांड तकनीकी कॉलेज कर रहे हैं जो मुंगेर के कॉलेज में पढ़ते हैं.
हवेली खड़गपुर के शामपुर निवासी सूरज कुमार सिंह, शिवपुर लौगाय के श्याम रजक की पुत्री सुधा कुमारी, पुत्र शत्रु दास, खुशबू कुमारी हरि सिंह कॉलेज, खड़गपुर में पढ़ते हैं. जिनका नाम दूसरे राज्य के तकनीकी कॉलेज में दिखाया जा रहा है. शिवपुर लौगाय के ही प्रियदर्शी कुमार रेलवे की तैयारी करते हैं. जानकीनगर के प्रियांशु सागर केआरएस कॉलेज में पढ़ते है और पैर टूटने के कारण पिछले एक वर्ष से अपने घर पर ही है, जबकि इसी गांव के प्रेम सागर बिहार से बाहर कभी भी पढ़ने नहीं गया.
इसी गांव के प्रति राज ने बताया कि वह प्रतियोगिता परीक्षा की तैयारी करती है. इन छात्र-छात्रओं को कुछ भी नहीं पता है कि उनके नाम पर कैसे आवेदन भरा गया और कैसे इंजीनियरिंग कॉलेज में नामांकित बताया जा रहा है.
कभी भी एटेंड नहीं किया क्लास
नौवागढ़ी मनियाचक सिल्हा निवासी भूपेंद्र कुमार, सौरभ कुमार, अजीत कुमार, विकास कुमार, रोहित राज, मनिकांत कुमार, शंभु कुमार गांव में रहते है. इन छात्रों ने कल्याण विभाग के अधिकारी को बताया कि चौधरी चरण सिंह कॉलेज उत्तर प्रदेश में वर्ष 2013-14 के लिये नामांकित किये गये थे. लेकिन आज तक न तो परीक्षा दिया और न ही हमलोग कभी क्लास भी एटेंड किया. फिर कॉलेज कैसे राशि का डिमांड विभाग से कर रही है उसे इस संबंध में कुछ भी पता नहीं है.
लाखों-करोड़ों का हो रहा खेल
योजना के तहत कल्याण विभाग द्वारा जिले से बाहर तकनीकी शिक्षा ग्रहण करने वाले को ट्यूशन फीस, लाइब्रेरी एवं हॉस्टल मद में राशि दी जाती है. एक छात्र पर लगभग 1 लाख रुपये विभाग को दिया जाता है. इस तरह शिक्षा माफिया दूसरे राज्य के तकनीकी कॉलेजों से साठ-गांठ कर विभाग को प्रत्येक वित्तीय वर्ष में लाखों-करोड़ों रुपये का बारा-न्यारा किया जा रहा है.
प्रधान सचिव ने भी किया आगाह
एससी/एसटी कल्याण विभाग के प्रधान सचिव एसएम राजू ने भी कहा कि प्रवेशिकोत्तर छात्रवृत्ति योजना के तहत ऑन लाइन आवेदन भी लिए जा रहे हैं. योजना में गड़बड़ी की शिकायतों पर 131 संस्थानों की जांच की गयी थी. इनमें छह को फर्जी पाया गया है.
शिक्षा माफिया कर रहा फर्जीवाड़ा
सूत्रों की अगर माने तो मुंगेर में शिक्षा माफिया का सक्रिय गिरोह संचालित है. जो ग्रामीण एवं सुदूरवर्ती गांव के छात्र-छात्राओं का सर्टिफिकेट लेकर फर्जी तरीके से दूसरे राज्य के तकनीकी कॉलेज से संपर्क करते हैं और उन्हें वहां नामांकित कराते हैं. फिर उस कॉलेज द्वारा कल्याण विभाग को डिमांड भेज कर योजना के तहत छात्रवृत्ति राशि का डिमांड किया जाता है. इतना ही नहीं कुछ छात्रों को लोभ देकर उनका नामांकन तकनीकी कॉलेज में दर्शा कर छात्रवृत्ति की राशि लूट रहे हैं.
जिलाधिकारी ने बनायी जांच कमेटी
जिलाधिकारी अमरेंद्र प्रसाद सिंह ने बताया कि छात्रवृत्ति में फर्जीवाड़ा के मामला सामने आने पर एक जांच दल का गठन किया है. जिसमें डीडीसी नागेंद्र प्रसाद सिंह, अपर समाहर्ता ईश्वर चंद्र शर्मा, सामाजिक सुरक्षा कोषांग के निदेशक विजय कुमार एवं जिला कल्याण पदाधिकारी कुमार प्रेमनाथ को शामिल किया है. जांच रिपोर्ट प्राप्त होने के बाद आगे की कार्रवाई की जायेगी.