प्रतिनिधि, धरहरा पहाड़ की तराई में नक्सल प्रभावित आजिमगंज पंचायत के प्राथमिक विद्यालय पैसरा आज अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहा है. विद्यालय में मूलभूत सुविधाओं का घोर अभाव है. वहीं जर्जर छत के नीचे बच्चे पढ़ाई करने को विवश हैं. इस विद्यालय में आदिवासी क्षेत्र के बच्चे पढ़ते हैं. हाल यह है कि विद्यालय में पानी तक की व्यवस्था नहीं है और तीन किलोमीटर दूर जाकर रसोइया को पानी लाना पड़ता है. प्राथमिक विद्यालय पैसरा एक जर्जरनुमा हॉल में संचालित होता है. जिसका छत पूरी तरह जर्जर है जो कभी भी बड़े हादसा का गवाह बन सकता है. जबकि विद्यालय में नामांकित बच्चांे की संख्या लगभग 100 है. बेंच-डेस्क के अभाव में बच्चे जमीन पर ही बैठ कर पढ़ाई करते हैं. विद्यालय में शौचालय की व्यवस्था नहीं होने के कारण बच्चे खुले में शौच करते हैं. पानी पीने के लिए भी बच्चे घर जाते हैं. विद्यालय में एक भी चापाकल की व्यवस्था नहीं है. विद्यालय में एक ही शिक्षक अजय कुमार पदस्थापित है. वह भी 20 किलोमीटर की दूरी तय कर विद्यालय पहुंचते हैं और बच्चे को शिक्षा देते हैं. उनका कहना है कि इस दिशा में आजतक कोई अधिकारियों ने कोई पहल नहीं की. कुछ माह पूर्व इस विद्यालय में कुछ शिक्षक ने योगदान दिया लेकिन वे भी त्याग पत्र देकर चले गये. कहते हैं प्रधानाध्यापक प्रधानाध्यापक अजीत कुमार ने बताया कि विद्यालय की समस्या से विभाग को अवगत कराया जा चुका है. लेकिन इस दिशा में आजतक कुछ नहीं किया गया. कहते हैं प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी अरुण प्रकाश ने बताया कि कोई भी शिक्षक पहाड़ की तराई में नहीं जाना चाहता है. जिसके कारण पठन-पाठन प्रभावित हो रही है.
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एक शिक्षक के भरोसे चल रहा प्राथमिक विद्यालय
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