मुंगेर : अमृता लाल सिन्हा एक ऐसा नाम है जिन्हें पहचान की जरूरत नहीं है. लेकिन उसे न तो बिहार सरकार ही पहचान सकी और न ही जिला प्रशासन पहचाने का प्रयास कर रही है. बावजूद लक्ष्य पर निशाना साधते हुए सीढ़ी दर सीढ़ी निशानेबाजी में छलांग लगाती जा रही है. झारखंड के धनबाद में शौकिया तौर पर शूटिंग की शुरुआत करने वाली अमृता आज शूटिंग में एक मुकाम पर पहुंच चुकी है. जिसमें उनके पति जीतेंद्र लाल का योगदान काफी सराहनीय है.
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अपने संसाधन पर निशानेबाजी में शीर्ष पर पहुंची अमृता
मुंगेर : अमृता लाल सिन्हा एक ऐसा नाम है जिन्हें पहचान की जरूरत नहीं है. लेकिन उसे न तो बिहार सरकार ही पहचान सकी और न ही जिला प्रशासन पहचाने का प्रयास कर रही है. बावजूद लक्ष्य पर निशाना साधते हुए सीढ़ी दर सीढ़ी निशानेबाजी में छलांग लगाती जा रही है. झारखंड के धनबाद में […]
* अमृता का संक्षिप्त परिचय : झारखंड धनबाद कोल फिल्ड में कार्यरत राजेंद्र कुमार सिन्हा की बेटी अमृता लाल सिन्हा की शूटिंग का शौक धनबाद में जगी. शूटिंग के साथ ही उसने पटना से मैट्रिक एवं आइएससी की. जबकि इतिहास प्रतिष्ठा की पढ़ाई विनोबा भावे यूनिवर्सिटी हजारीबाग से पढ़ाई पूरी की. वर्ष 2012 में उनकी शादी मुंगेर शहर के बेकापुर निवासी जीतेंद्र लाल से हुई. इस दरम्यान उनकी निशानेबाजी भी प्रारंभ रही. शादी के बाद पति एवं ससुरालवालों ने उसकी प्रतिभा को आगे बढ़ाने का काम किया. जिसके कारण वह एक के बाद एक प्रतियोगिता में मुंगेर का नाम रौशन करती चली गयी. पढ़ाई के दौरान उसने कई निशानेबाजी प्रतियोगिता में भाग लिया और कई गोल्ड मेडल भी हासिल की.
* पीके आचार्या से ले चुकी हैं प्रशिक्षण
अमृता ने बताया कि वह पश्चिम बंगाल के मेदनापुर खड़गपुर, दिल्ली डॉ कर्नी सिंह शूटिंग रेंज में प्रशिक्षण प्राप्त कर चुकी है. उसने बताया कि कोलकाता में उसने प्रशिक्षण पीके आचार्या से भी प्रशिक्षण प्राप्त किया है.
* इंडिया के लिए पांच ट्रायल
अमृता लाल सिन्हा इंडिया टीम के ट्रायल मैच में भाग लिया. जिसमें वर्ष 2014 में नयी दिल्ली में उसने पांच ट्रायल दे दिया है. चयन से मात्र वह 4 से 5 प्वाइंट पीछे चल रही है. उसने कहा कि यह अंक वह अर्जित कर लेंगी और इंडिया टीम में अपना स्थान सुरक्षित कर लेंगी.
* उपलब्धियों से भरी है झोली
अमृता की झोली में उपलब्धियां ही उपलब्धियां है. शादी के बाद वह मुंगेर राइफल एसोसिएशन से जुड़ गयी और अपनी प्रैक्टिस जारी रखा. उसने कई प्रतियोगिता में प्रथम स्थान प्राप्त कर गोल्ड मेडल प्राप्त किया.
* सरकार से हैं शिकायत
अमृता को सरकार से काफी शिकायत है. उसने कहा कि कला संस्कृति एवं युवा विभाग के राज्य खिलाड़ी कल्याण कोष में मदद के लिए आवेदन किया. लेकिन कार्रवाई कुछ नहीं हुआ. नौकरी की बात तो छोड़ ही दिजीएं. अगर दूसरे राज्य में रहती तो मदद भी मिलती और नौकरी भी मिलती. लेकिन मैं लक्ष्य तय कर लिया है कि मदद मिले अथवा न मिले मैं बिहार का नाम निशानेबाजी में देश और दुनिया रौशन करूंगी.
* मदद की है दरकार
राष्ट्रीय निशानेबाजी टीम के लिए ट्रायल मैच में 5 ट्रायल दे चुकी अमृता को मदद की दरकार है. उसने बताया कि मुंगेर राइफल एसोसिएशन ने एक प्लेटफॉर्म दिया है. जिसके बल पर वह प्रतियोगिता खेल रही है. लेकिन जिला प्रशासन से आज तक न तो किसी प्रकार की मदद मिली और न ही सम्मान मिला. उसने बताया कि बिहार सरकार की तरफ से भी कोई मदद आज तक नहीं मिली. महंगाई के इस युग में वह अपनी राशि से बुलेट खरीद कर प्रैक्टिस करती है. उसने कहा कि अगर मदद मिलेगी तो मुंगेर और बिहार का नाम पूरे विश्व में लहराउंगी.
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