मुंगेर : हर घंटे टन-टन की आवाज के साथ शहरवासियों को समय की जानकारी देने वाली मुंगेर किला की घड़ी एक बार फिर बंद हो गयी है. मुंगेर की धड़कन माने-जाने वाली इस घड़ी को वर्षो बाद मुंगेर के स्थापना दिवस पर चालू किया गया था. किंतु फिर यह घड़ी बंद हो गयी है.
घड़ी का बंद होना किसी के लिए शुभ संकेत नहीं माना जाता. प्राय: लोग अपने घर में किसी बंद घड़ी को नहीं रखते. चूंकि चलते रहना ही उसकी नियति है. समय का द्योतक घड़ी कभी नहीं रुकती. हर समय-हर वक्त वह चलती है न किसी का इंतजार और न ही किसी से कोई वास्ता. वह कालचक्र के अनुसार चलती है.
मुंगेर के ऐतिहासिक किले के पूर्वी द्वार पर लगी घड़ी पिछले कई दिनों से बंद है. जिसे चालू कराने की दिशा में अबतक कोई पहल नहीं की गयी. स्थानीय फुटकर दुकानदार बताते हैं कि घड़ी कभी चलती है तो कभी बंद हो जाती है. शहर के बुद्धिजीवियों ने जिला प्रशासन से अनुरोध किया है कि किला द्वार पर लगे घड़ी को शीघ्र चालू कराया जाय.