मुंगेर : जमालपुर थाना क्षेत्र के डीह निवासी 21 वर्षीय मोनू कुमार अपनी बहन रेखा देवी के घर कासिम बाजार थाना के नौलक्खा में रहता था. वह केटरिंग का काम करता था. 14 जून 19 को वह सब्जी लाने के लिए घर से निकला.
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14 जून से ही लापता था जमालपुर डीह का मोनू, 17 को भागलपुर में हुई थी मौत
मुंगेर : जमालपुर थाना क्षेत्र के डीह निवासी 21 वर्षीय मोनू कुमार अपनी बहन रेखा देवी के घर कासिम बाजार थाना के नौलक्खा में रहता था. वह केटरिंग का काम करता था. 14 जून 19 को वह सब्जी लाने के लिए घर से निकला. जो लौट कर घर नहीं आया. जांच के दौरान पता चला […]
जो लौट कर घर नहीं आया. जांच के दौरान पता चला कि उसी रात सफियासराय पेट्रोल पंप के पास किसी वाहन के धक्के से मोनू दुर्घटना में घायल हो गया था. उसे कुछ युवक ने उठा कर सदर अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में भरती कराया था.
लेकिन सदर अस्पताल में इलाज करने वाले चिकित्सा पदाधिकारी ने पुलिस को ओडी स्लिप जारी नहीं किया और दूसरे दिन उसे इलाज के लिए भागलपुर मेडिकल कॉलेज अस्पताल रेफर कर दिया. 17 जून को भागलपुर मेडिकल कॉलेज अस्पताल में इलाज के दौरान उसकी मृत्यु हो गई. बताया गया कि मेडिकल कॉलेज अस्पताल भागलपुर के चिकित्सक द्वारा बरारी थानाध्यक्ष को ओडी स्लिप जारी किया गया.
परंतु बरारी थानाध्यक्ष एवं पुलिस पदाधिकारी द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की गयी. बहन के आवेदन पर डीआईजी ने गठित किया था टीम भाई के लापता होने के बाद रेखा देवी ने सफियासराय ओपी, जमालपुर थाना में शिकायत दर्ज कराने गयी. लेकिन पुलिसिया चक्कर में चार दिनों तक वह घुमती रही.
अंतत: 18 अगस्त को उसने कासिम बाजार थाना में आवेदन दिया. ढाई माह बाद भी जब मोनू का कहीं अता-पता नहीं लगा तो रेखा देवी एवं अन्य परिजन अनहोनी की आशंका से दहशत में आ गये.
लापता भाई को ढूढ़ने में पुलिस से सहयोग नहीं मिलने पर परिजन डीआईजी मनु महाराज को आवेदन दिया. जिसके बाद डीआइजी के आदेश पर डीएसपी यातायात मनोज कुमार सिन्हा के नेतृत्व में एक टीम का गठन किया गया. जो मोनू को ढूढ़ने में लग गयी. जांच के दौरान जो मामले सामने आये वह पुलिस प्रशासन व मुंगेर सदर अस्पताल की कुव्यवस्था की पोल खोल दी है.
बताया जाता है कि इलाज के दौरान 17 जून 2019 को मोनू की मायागंज स्थित मेडिकल कॉलेज अस्पताल में मृत्यु हो गई थी और उसकी मृत्यु के बाद अस्पताल द्वारा अंत परीक्षण (पोस्टमार्टम) व अन्य कार्रवाई के लिए बरारी थानाध्यक्ष को ऑडी स्लिप (पुलिस इंफॉरमेशन) जारी किया गया था. परंतु बरारी थानाध्यक्ष ने कोई कार्रवाई नहीं की और अस्पताल प्रशासन द्वारा बिना पोस्टमार्टम कराये ही शव को डिस्पोजल कर दिया गया था.
प्रभात खबर ने प्रमुखता से मामले को उठाया
मुंगेर. लापता मोनू मामले में प्रभात खबर ने पूरे प्रमुखता के साथ खबरें प्रकाशित की थी. भाई की तालाश में भटक रही बहन रेखा देवी जब मुंगेर सदर अस्पताल में रो रही थी तब प्रभात खबर की टीम वहां पहुंची. रेखा ने रोते हुए मामले की जानकारी दी
2 सितंबर के अंक में प्रभात खबर के पहले पन्ने पर ” 16 जून से ही नहीं मिल रहा मोनू का सुराग, अनहोनी की आशंका ”शीर्षक से खबर प्रकाशित किया. पुन: प्रभात खबर ने अपने 3 सितंबर के अंक में तीसरे पन्ने पर ”लापता 21 वर्षीय मोनू के मामले में सदर अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही उजागर ” शीर्षक से खबर प्रकाशित किया था.
मुंगेर व भागलपुर के पांच पुलिस पदाधिकारी निलंबित
मुंगेर डीआईजी सह भागलपुर के प्रभारी डीआईजी मनु महाराज ने मोनू प्रकरण में लापरवाह मुंगेर एवं भागलपुर के पांच पुलिस पदाधिकारियों को निलंबित कर दिया है.
डीआईजी ने भागलपुर जिला के बरारी थाना के थानाध्यक्ष सुनील कुमार झा, ओडी पदाधिकारी एसआई सुरेंद्र प्रसाद यादव, एसआई पूरेंद्र शर्मा एवं एएसआई शैलेश कुमार सिंह को निलंबित करते हुए विभागीय कार्यवाही का आदेश दिया है. वहीं अनुसंधान में बरती गयी लापरवाही के लिए कासिम बाजार थाना में तैनात तत्कालीन एसआई एवं वर्तमान में शामपुर ओपी प्रभारी लालबहादुर सिंह को निलंबित कर दिया है. जबकि कासिम बाजार थानाध्यक्ष से स्पष्टीकरण पूछा है.
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