सुखाड़. अब तक 10 फीसदी ही लग पाया है बिचड़ा
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धान की खेती पर संकट
सुखाड़. अब तक 10 फीसदी ही लग पाया है बिचड़ा जिले के 33 हजार हेक्टेयर भूमि में धान आच्छादन का लक्ष्य, 10 प्रतिशत ही लग पाया है बिचड़ा मुंगेर : जिले में कमजोर पड़ चुके मॉनसून को देख अब किसानों की चिंता काफी बढ़ गयी है़ 15 जुलाई से जहां धान की रोपाई आरंभ हो […]
जिले के 33 हजार हेक्टेयर भूमि में धान आच्छादन का लक्ष्य, 10 प्रतिशत ही लग पाया है बिचड़ा
मुंगेर : जिले में कमजोर पड़ चुके मॉनसून को देख अब किसानों की चिंता काफी बढ़ गयी है़ 15 जुलाई से जहां धान की रोपाई आरंभ हो जाती है, वहां अब तक जिले भर में सिर्फ 10 प्रतिशत ही धान का बिचड़ा लग पाया है़ जबकि इस बार जिले के 33 हजार हेक्टेयर भूमि में धान आच्छादन का लक्ष्य निर्धारित किया गया है़ समय पर बिचड़ा तैयार नहीं होने के कारण इस बार धान की खेती पर संकट के बादल मंडराने लगे हैं. जून की तरह यदि जुलाई का महीना भी सूखा रह गया तो जिले को सुखाड़ ग्रस्त घोषित करना पड़ सकता है़ वैसे तो सरकार सुखाड़ से निबटने के डीजल अनुदान देने की बात कर रही है, किंतु डीजल अनुदान को प्राप्त करने में किसानों को खासी परेशानियों का सामना करना पड़ेगा.
33 हजार हेक्टेयर का है लक्ष्य: इस साल जिले में 33 हजार हेक्टेयर भूमि में धान की रोपनी करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है़ इसके लिए लगभग 300 हेक्टेयर में धान का बिचड़ा लगाया जाना है़ किंतु अब तक मात्र 30 हेक्टेयर भूमि में ही धान का बिचड़ा लग पाया है़ जहां पर सिंचाई की थोड़ी-बहुत साधन है, वहीं के किसान किसी प्रकार धान के बिचड़े को लगा चुके हैं, बाकी किसान बारिश के इंतजार में आसमान को निहार रहे हैं. आसमान में प्रतिदिन काले-काले बादल छाते तो हैं, किंतु वह किसानों को छका कर निकल जाते है़ं जिससे धान की खेती को लेकर किसानों की परेशानी बढ़ती ही जा रही है़
कठिन है डीजल अनुदान की राह: सुखाड़ की स्थिति को देखते हुए सरकार धान का बिचड़ा, धान रोपनी, मक्का सहित अन्य खरीफ फसलों को डीजल चालित पंप सेट से पटवन करने के लिए अनुदान देने की व्यवस्था की है़ किंतु डीजल अनुदान पाने की राह किसानों के लिए काफी पेचीदा है़ इस योजना का लाभ 2 जून से 31 अक्तूबर तक खरीफ फसलों की सिंचाई के लिए 30 रुपये प्रति लीटर की दर से 300 रुपये प्रति एकड़, प्रति सिंचाई डीजल अनुदान दिये जाने का प्रावधान तय किया गया है़ किंतु अधिकांश किसानों को इसकी पूरी जानकारी नहीं है़ इसके अलावा अनुदान भुगतान की प्रक्रिया को पूरा करने में भी किसानों को खासे परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है़
कहते हैं डीएअो
जिला कृषि पदाधिकारी केके वर्मा ने बताया कि इस बार मॉनसून थोड़ा कमजोर पड़ गया है, जिसके कारण सभी किसान धान का बिचड़ा नहीं लगा पाये हैं. ऐसी स्थिति में किसान डीजल अनुदान का लाभ ले सकते हैं.
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