मधुबनी : जैसे-जैसे नगर परिषद चुनाव की तिथि नजदीक आती जा रही है. वैसे ही संभावित प्रत्याशी मतदाताओं को अपने पाले में में खींचने की हर जुगत में लग गये हैं. मई माह में नगर निकाय की संभावित चुनाव में प्रत्याशी कथित तौर पर धार्मिक रूप से जुड़ने लगे है. जिस वार्ड क्षेत्र से प्रत्याशी […]
मधुबनी : जैसे-जैसे नगर परिषद चुनाव की तिथि नजदीक आती जा रही है. वैसे ही संभावित प्रत्याशी मतदाताओं को अपने पाले में में खींचने की हर जुगत में लग गये हैं. मई माह में नगर निकाय की संभावित चुनाव में प्रत्याशी कथित तौर पर धार्मिक रूप से जुड़ने लगे है. जिस वार्ड क्षेत्र से प्रत्याशी अपनी उम्मीदवारी देगें.
वह किसी भी धार्मिक आयोजन में अपनी उपस्थिति दर्ज करा रहे हैं. वही कई ऐसे प्रत्याशी है जो धार्मिक आयोजन से अधिक राजनीतिक गुरुओं के यहां पहुंच रहे हैं. ये राजनीतिक गुरुओं के दायरे मे ही सुरक्षित होने का नुस्खा सीख रहे है.
खासकर शहर के वर्तमान व पूर्व जनप्रतिनिधियों के दरबार इन दिनों नप चुनाव के संभावित प्रत्याशियों से गुलजार रहने लगे है. वहीं मुख्य पार्षद पद के लिए आरक्षण रोस्टर जारी होने के बाद कई प्रत्याशी राजनीतिक गलियारों में मुख्य पार्षद पद की भी तैयारी शुरू कर दी है. कई ऐसे लोग है जो चुनाव नही लड़ने का मन बनाया था. पर मुख्य पार्षद पद के आरक्षण को लेकर अब चुनावी जंग में दो – दो हाथ करने का मन बनाया है. आधा दर्जन से अधिक ऐसे वार्ड होगे जहां चुनावी घमसान होगा. ये सभी को धार्मिक अनुष्ठानों एवं राजनीतिक गुरुओं के यहां अधिक दौड़ लगा रहे हैं.
वोटरों को रिझाने लगे. नप चुनाव को लेकर प्रत्याशी समर्थक मतदाताओं को रिझाने के लिए कड़ी मेहनत कर रहे है. वार्ड में चुनाव लड़ने के इच्छुक प्रत्याशी किसी को आवास एवं चापाकल तो किसी को शौचालय एवं सड़क तथा नाला बनवाने का प्रलोभन देने लगे हैं. इसमें वर्तमान पार्षद जहां अपनी उपलब्धि को जनता के बीच रख कर दुबारा वोट लेने की कोशिश कर रहे हैं तो अन्य संभावित प्रत्याशी वर्तमान पार्षद के कार्यकाल की विफलता को लोगों के बीच रख रहे हैं. खास बात यह है कि मतदाता प्रत्याशी के प्रलोभन पर चुप्पी साधे हुए है. पर जनता के सामने प्रत्याशी आशीर्वाद लेने की होड़ में लगे हुए है.
जनता किसे वोट देगी इसकी भनक धीरे-धीरे चुनावी फिजा में महसूस की जाने लगी हैं.