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व्यवहार न्यायालय में पानी की किल्लत

परेशानी. वकील व पक्षकारों को हो रही समस्या मधुबनी : जिले भर से न्याय के लिए पहुंचने वाले पक्षकार व न्यायालय कर्मचारियों के लिए न्यायालय परिसर में पेयजल का सुविधा नदारत है. परिसर में एक भी चापाकल नहीं होने से पक्षकारों को परेशानी होती है. हर दिन 16 इजलास पर मामलों की सुनवाई होने के […]

परेशानी. वकील व पक्षकारों को हो रही समस्या

मधुबनी : जिले भर से न्याय के लिए पहुंचने वाले पक्षकार व न्यायालय कर्मचारियों के लिए न्यायालय परिसर में पेयजल का सुविधा नदारत है. परिसर में एक भी चापाकल नहीं होने से पक्षकारों को परेशानी होती है. हर दिन 16 इजलास पर मामलों की सुनवाई होने के कारण जिले भर से सैकड़ों की संख्या में पक्षकार आते हैं. पर इन पक्षकारों को यहां परेशानी के अलावे कुछ भी नसीब नहीं होता. ना बैठने की उपयुक्त जगह और ना ही पेयजल की व्यवस्था. पक्षकार किसी तरह परिसर में चाय नाश्ते की दुकान पर जाकर अपनी प्यास बुझाते हैं.
कई माह से चापाकल खराब
जिला एवं सत्र न्यायाधीश परिसर में एक भी चापाकल नहीं है. न्यायालय भवन के सामने एक चापाकल था जो पिछले कई माह से खराब पड़ा है . न्यायालय परिसर में अपने मुकदमों के साथ अन्य कार्यों के लिए सैकड़ों की तादात में लोग आते है. लेकिन जिला सत्र न्यायाधीश परिसर में और न ही त्वरित न्यायालय भवन परिसर में एक भी चापाकल नहीं है.
एक चापाकल जो त्वरित न्यायालय भवन के सामने है भी जो पिछले कई महीनों से खराब पड़ा है. पेयजल के न्यायालय परिसर में समुचित व्यवस्था नहीं होने से पक्षकार चाय दुकानदार के भरोसे ही रहते है. इसलिए न चाहते हुए भी पक्षकार को जेब ढ़ीली करनी पड़ती है.
16 इजलास पर सुनवाई
जिला एवं सत्र न्यायाधीश, एडीजे सहित 16 इजलासों पर सुनवाई होती है. अपनी-अपनी मुकदमों को पैरवी करने के लिए सैकड़ों के संख्या में पक्षकार पहुंचते है. जिला सत्र न्यायाधीश परिसर में सिर्फ एक आरओ लगा है. लेकिन जो वहां पहुंचे लोगों के लिए
काफी नहीं है. वहीं त्वरित न्यायालय भवन परिसर स्थित एक भी चापाकल नहीं है.
चार सौ से अधिक अधिवक्ता आते हैं कोर्ट
अपने पक्षकारों को पैरवी को लेकर करीब चार सौ से अधिक अधिवक्ता, करीब ढाई सौ से तीन सौ अधिवक्ता लिपिक, करीब दो सौ कर्मी नियमित न्यायालय पहुंचते है. परिसर में समुचित व्यवस्था नहीं रहने के कारण संघ परिसर में स्थित चापाकल पर निर्भर रहना पड़ता है.

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