मधुबनी : छठ पर्व को सूर्य षष्ठी के नाम से भी जाना जाता है. सूर्य उपासना से धन वैभव व पुत्र रत्न की प्राप्ति होती है. पुत्र से वंचित लोगों की मनोकामना जब कहीं भी पूरा नहीं होती है तो वे भगवान भास्कर से प्रार्थना करते हैं. छठ पर्व में श्रद्धा आस्था के साथ पूजा अर्चना करने वालों की हमेशा ही मनोकामना पूरा होती है.
पंडित ऋषिनाथ झा बताते हैं कि इस व्रत में शक्ति अर्थात माता षष्ठी एवं सूर्यदेव दोनों की उपासना होती है. इसलिए इसे सूर्य षष्ठी के नाम से भी जाना जाता है. इस व्रत से प्रसन्न होकर व्रती को जहां भगवान भास्कर समस्त वैभव , धन, संपदा प्रदान करते हैं, वहीं माता षष्ठी प्रसन्न होकर पुत्र देती हैं. साथ ही संतान की रक्षा करती है. राम ने राज्याभिषेक के बाद सीता जी के साथ यह व्रत किया था. द्रौपदी ने भी अज्ञात वास में अपने छिन गये राजपाट की वापसी के लिये यह व्रत किया था.