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श्रद्धा व हर्षोल्लास के साथ छठ पर्व संपन्न

श्रद्धा व हर्षोल्लास के साथ छठ पर्व संपन्नअस्ताचलगामी व उदीयमान सूर्य को दिया अर्घ सुरक्षा के थे पुख्ता इंतजामवाच टावर से होती रही निगरानीएसडीआरएफ की टीम की तालाबों में तैनातीफोटो: 1,2,3,4,5,6,7,8,9,10प्रतिनिधि, मधुबनीआस्था और श्रद्धा का महापर्व छठ हर्षोल्लास के साथ मनाया गया. मंगलवार को श्रद्धालुओं ने विभिन्न नदियों व तालाबों में अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ […]

श्रद्धा व हर्षोल्लास के साथ छठ पर्व संपन्नअस्ताचलगामी व उदीयमान सूर्य को दिया अर्घ सुरक्षा के थे पुख्ता इंतजामवाच टावर से होती रही निगरानीएसडीआरएफ की टीम की तालाबों में तैनातीफोटो: 1,2,3,4,5,6,7,8,9,10प्रतिनिधि, मधुबनीआस्था और श्रद्धा का महापर्व छठ हर्षोल्लास के साथ मनाया गया. मंगलवार को श्रद्धालुओं ने विभिन्न नदियों व तालाबों में अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ दिया. जबकि बुधवार सुबह उदीयमान सूर्य को अर्घ दिया गया. छठ को लेकर जिला मुख्यालय सहित जिले के विभिन्न भागों में हर्ष व खुशी का माहौल रहा. लोग पर्व मनाने के लिए परिवार के साथ घाटों तक आये. वहीं युवाओं व बच्चों ने जमकर आतिशबाजी की. हर गांव में छठ पर्व की तैयारी बुधवार के शाम तक की जाती रही. व्रतियों ने नदियों व तालाबों में खड़े होकर भगवान भास्कर को नमन किया व परिवार के सुख शांति की कामना की. घाटों पर लोग बड़े आस्था के साथ पहुंचे थे. लोगों ने विभिन्न प्रकार के मन्नतें मांगी. तो कहीं -कहीं मन्नतें पूरा होने पर घाटों पर श्रद्धालुओं ने नटुआ भी नचाया. दंडाधिकारियों की थी नियुक्तिछठ पूजा को लेकर जिला प्रशासन ने सुरक्षा के पुख्ता इतजाम किये थे. जिला मुख्यालय से लेकर हर संवेदनशील घाटों पर दंडाधिकारी व पुलिस अधिकारी के साथ जवानों की प्रतिनियुक्त की थी. मुख्यालय के गंगासारगर, मुरलीमनोहर एवं नगर परिषद तालाब सहित 21 घाटों पर शहर के लोगों ने छठ पूजा किया व भगवान भास्कर को अर्घ दिया गया. गंगासागर तालाब पर कई वरीय समाहर्ता को दंडाधिकारी के रूप में प्रतिनियुक्त किया गया था. सादे लिबास में भी पुलिस के बल घाटाें पर सुरक्षा के लिए मुस्तैद रहे. हर चौक-चौराहों पर पुलिस बल को तैनात किया गया था. इसके साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों में भी जिला प्रशासन द्वारा चिह्नित संवेदनशील घाटों पर सुरक्षा के लिए दंडाधिकारी व पुलिस बल को तैनात किया गया था.हर स्थिति पर थी नजर वहीं, वाच टावर से भी स्थिति पर नजर रखी जा रही थी. जिला प्रशासन सुरक्षा के लिए काफी सतर्कता बरत रही थी. गंगासागर तालाब पर बने वाच टावर पर पुलिस कर्मी मुस्तैदी के साथ हर स्थिति पर नजर रखे हुए थे. सुरक्षा वोट का इंतजामघाटों पर किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए एसडीआरएफ वोट को भी पानी में उतारा गया था. काली मंदिर, गंगासागर तालाब में दो बोट पर गोताखोर जवान तालाबों के चारों ओर बने घाटों का शाम व सुबह के अर्घ्य के दौरान निरीक्षण करते रहे. वहीं गोताखोर के जवान मुरली मनोहर मंदिर के तालाब व नगर परिषद के तालाब में भी बोट से घाटों की निगरानी कर रहे थे. नगर प्रशासन ने विभिन्न तालाबों में डेंजर जोन को संकेत करने के लिए लाल कपड़े में बांस को गाड़ कर बेरिकेट बना दिया था और व्रतियों को इस बेरिकेट के आगे जाने की मनाही की जा रही थी. लोग हर्षोल्लास के साथ छठ पूजा मनायें इसके लिये प्रशासन की हर संभव प्रयास किया गया. छठ घाटों पर श्रद्धालु भक्तों द्वारा जमकर आतिशबाजी की गयी. हालांकि छठ घाटों पर प्रशासन के मुस्तैदी के कारण इस वर्ष पटाखों की बिक्री नहीं हुई. अधिकारियों ने किया घाटों का निरीक्षणछठ पूजा को लेकर घाटों पर जिला प्रशासन द्वारा किये गये सुरक्षा व विधि व्यवस्था का जायजा सदर एसडीओ शाहिद परवेज, नगर परिषद कार्य पालक पदाधिकारी जटाशंकर झा ने अन्य अधिकारियों के साथ गंगासागर तालाब, नगर परिषद तालाब पर जाकर छठ पूजा देखी व विधि व्यवस्था की भी जायजा लिया. उन्होंने घाट पर प्रतिनियुक्त दंडाधिकारियों को कई आवश्यक निर्देश भी दिये. घाट पर थी चिकित्सा की व्यवस्थामुख्यालय के काली मंदिर परिसर में इंद्र पूजा समिति द्वारा बने पंडाल में समिति द्वारा भगवान भास्कर को अर्घ देने के लिए दुध की मुफ्त में व्यवस्था थी. वहीं, इसी पंडाल में चिकित्सा सुविधा भी प्रशासन के द्वारा उपलब्ध कराया गया था. किसी भी आकस्मिक घटना के प्रथम चिकित्सा के लिए दवा व मलहम की व्यवस्था एवं चिकित्सक की प्रतिनियुक्त किया गया था. नियंत्रण कक्ष में तैनात रहे कर्मीजिला भर की स्थिति पर नजर रखने व लोगों को सुविधा मुहैया कराने के लिए जिला मुख्यालय में नियंत्रण कक्ष की भी स्थापना की गयी थी. समाहरणालय के सभागार में बनाये गये नियंत्रण कक्ष में जिला के कई आला अधिकारी हर क्षेत्र से सुरक्षा की जानकारी लेते रहे. कहीं से किसी प्रकार की अप्रिय घटना की जानकारी प्राप्त नहीं हुई है. नदियों में भी बना घाटविभिन्न नदियों के किनारे भी घाट बना कर श्रद्धालुओं ने छठ पूजा किया. मुख्यालय से सटे जीवछ नदी, रामपट्टी स्थित सर्वाडीह नदी, नाजिरपुर, सुगरवे नदी, कमला, कोसी के विभिन्न घाटों, अधवारा समूह के नदियों में विभिन्न गांवों मेंं घाटों की साफ सफाई कर श्रद्धालुओं ने हर्षोल्लास के साथ छठ पूजा किया. घाटों की सफाई का काम बुधवार के दोपहर तक किया जाता रहा. नटुआ नचायाछठ पूजा में मन्नतें मांगने का रिवाज वर्षों पुराना है. मान्यता है कि इस पूजा में घाट पर जिस किसी भी वस्तु की कामना की जाती है वह पूरा होता है. खासकर पुत्र व पुत्री की प्राप्ति व नौकरी तथा रोगों से छुटकारा पाने के लिए महिलाओं के साथ-साथ पुरुष भी मन्नतें मांगते हैं. इसमें घाटों पर अर्घ्य के लिये सामान के साथ साथ मन्नतें पूरा होने पर नटुआ नचाने का प्रचलन भी वर्षों से जारी है. इस रिवाज को इस साल भी लोगों ने निभाया. विभिन्न घाटों पर नटुआ को नाचते देखा गया. कहीं महिलाआें के आंचल पर तो कहीं बच्चे को गोदी पर नटुआ नाच किया गया. दूध का वितरण छठ पूजा में श्रद्धालुओं द्वारा कई प्रकार की सामग्री का वितरण मुफ्त में किया जाता है. इस क्रम में गंगासागर तालाब पर मुफ्त में दूध का वितरण छठ व्रतियों के बीच किया गया. वहीं इंद्र पूजा समिति, वार्ड पार्षद कृष्णा देवी व नगर परिषद प्रशासन के तत्वावधान में कई सुविधा प्रदान की गयी. वहीं नगर परिषद तालाब सहित अन्य घाट पर मुुख्य पार्षद खालिद अनवर, कार्यपालक पदाधिकारी जटाशंकर झा, वार्ड पार्षद सुभाष चंद्र मिश्र, रूमी देवी, हेना कौसर, अनुजा झा, समीतुल्ला खान,सुनीता देवी, मखनी देवी व अन्य वार्ड पार्षद के साथ साथ अन्य पदाधिकारी भी गोवा पोखर, महादेव मंदिर पोखर, सुड़ी स्कूल के पीछे अवस्थित पोखर सहित अन्य तालाब घाटों पर विधि व्यवस्था बनाये रखने में तत्पर रहे. भीड़ पर आस्था रही भारीमधुबनी: हल्के बादल के बीच सूर्य देव की लुका छुपी एवं ठंडी हवा चल रही थी. हम दिन के करीब साढ़े तीन बजे गंगासागर तालाब पर बने घाट पर पहुंचे. चारों ओर घाट पर केला पत्ता पर श्रद्धालुओं ने केला, नारियल व अन्य पूजा सामग्री को फैलाना शुरू कर दिया था. सभी अपने अपने स्थान ग्रहण करने की कोशिश में जुटे हुए थे. लोगों का छठ घाट पर आने का सिलसिला शुरू हो गया था. कोई रिक्शा से अपने सामान ला रहे थे. तो कोई ठेला गाड़ी पर छठ पर्व का हर सामान लादे नंगे पांव ही घाटों की ओर बढ़े जा रहे थे. हम मुख्य द्वार पर इन लोगों के आने व घाटों पर सामान रखने को देख रहे थे.

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