मधुबनी : जिले के लोगों की गाढ़ी कमाई के करीब 10 करोड़ रुपये लेकर विशाल ग्रुप ऑफ कंपनीज नाम चिटफंड कंपनी चंपत हो गयी है. इसका खुलासा तब हुआ, जब ममाला कोर्ट तक पहुंचा. कंपनी के स्थानीय सहायक प्रबंधक शिव शंकर मंडल ने मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी के कोर्ट में मामला दर्ज कराया है. इसमें कंपनी के मुख्य प्रबंधक निदेशक रतन चौधरी समेत पांच लोगों को आरोपित बनाया गया है.
कहा गया है कि कंपनी में काम करनेवाले कर्मचारियों, एजेंटों व ग्राहकों का दस करोड़ रुपये पांचों लोगों ने हड़प लिया है. कोर्ट ने मामले की जांच नगर थाने को सौप दी है. शहर का कंपनी कार्यालय पिछले कई महीनों से बंद है. इससे ग्राहकों में आक्रोश है.
एसपी राजेश कुमार ने बताया है कि चिट फंड कंपनियों के खिलाफ ऐसी शिकायतें गंभीर हैं. कोर्ट ने थाने को मामला सौंप दिया है. जांच में गड़बड़ी पाये जाने पर कार्रवाई की जायेगी.
आवेदक शिव शंकर ने दर्ज अर्जी में कहा है कि विशाल ग्रुप नाम की कंपनी ने विशाल हार्टी कल्चर एंड एनिमल प्रोजेक्ट लि., गणोश वाणी कंस्ट्रक्शन प्रा. लि., विशाल स्टॉक ब्रोकिंग इंडिया प्रा. लि., विशाल अवाशन इंडिया लिमिटेड, विशाल इन प्रा. लि. यूके फिन सर्विस इंडिया लिमिटेड, सीताराम प्रोजेक्ट प्रा.लि. नाम की कंपनियों में लोगों को नियुक्त किया. इसमें 319 लोग भर्ती किये गये. इनसे 10 करोड़ रुपये की वसूली की गयी.
कंपनी के सीएमडी पश्चिम बंगाल के नदिया जिला के रतन चौधरी, सीमा चौधरी, सुचित आचार्य, हुगली जिला के कुणाल भट्टाचार्य, नदिया जिला के सुमंतो मोदक को आरोपित बनाया गया है. बताया जाता है कि कंपनी जिले में 2010 से काम कर रही थी. मई 2011 में कार्यालय खोला था.
विभिन्न स्कीम के तहत जमा राशि के एवज में दो से तीन गुना बढ़ोतरी का झांसा देकर पैसा लिया गया, लेकिन जब पैसा वापस करने का समय आया, तो कंपनी की ओर से कोई जवाब नहीं दिया गया. शिव शंकर का कहना है कि मैं कोलकाता जाकर आरोपितों को जानकारी देता रहा. बाद में कानूनी कार्रवाई के तहत नोटिस भी भेजवाया, लेकिन किसी का जवाब नहीं दिया गया.