मधुबनी. जिला न्यायालय का 47 वें स्थापना दिवस पर न्यायालय परिसर में सोमवार को कार्यक्रम का आयोजन किया गया. कार्यक्रम की शुरुआत जिला एवं सत्र न्यायाधीश अनामिका टी, प्रधान न्यायाधीश आर के बच्चन, संघ अध्यक्ष अमरनाथ झा, लायर्स एशोसिमन अध्यक्ष बोध कृष्ण झा, वरीय अधिवक्ता रामचन्द्र सिन्हा व कमल नारायण यादव ने संयुक्त रुप से दीप जला कर किया. इस दौरान जिला एवं सत्र न्यायाधीश ने कही कि जिस तरह गाड़ी चार चक्के के बीना नही चलती है. उसी तरह न्यायालय रुपी गाड़ी भी जज, वकील, न्यायालय कर्मी व पक्षकार रुपी चक्का के एक साथ चले बिना आगे नहीं बढ़ सकती. इसमें से यदि एक भी कम हो गया तो गाड़ी का चलना असंभव है. जिस तरह जज के बिना वकील अधूरे हैं, उसी तरह वकील के बिना जल भी अधूरा ही रहते हैं. न्यायालय व न्यायिक कार्य में बार का अधिक सहयोग होता है. सहयोग के कारण ही स्थापना के बाद से न्यायालय का विकास हो रहा है. उन्होंने जल्द ही न्यायालय का नया भवन का भूमि पूजन व लायर्स भवन का निर्माण होने का आश्वासन दिया. वहीं अन्य वक्ताओं ने न्यायालय के 8 अप्रैल 1978 के जिला न्यायालय के स्थापना से व पूर्व के इतिहास के बारे में जानकारी दी.
वरीय अधिवक्ता हुए सम्मानित