मधुबनीः पटना में विद्युत कर्मी पर हुए लाठीचार्ज में एक कर्मी के निधन का मधुबनी के कार्यालय पर व्यापक असर पड़ा. शोक संवेदना व्यक्त कर कर्मी अपने अपने संभाग में ताला जड़ कर चलते बने. वहीं विभाग के कामकाज ठप होने का उपभोक्ता व अन्य कार्यो पर जबरदस्त असर पड़ा है. इन कर्मियों विद्युत आपूर्ति सेवा को भी बाधित रखा. आपूर्ति किये गये 10 मेगावाट का वितरण भी सही तरीके से नहीं हो सका जिससे लोग तेज धूप व गरमी से उबल पड़े. दफ्तरों के कामकाज पर भी व्यापक असर पड़ा.
मालूम हो कि शुक्रवार की रात को 2.30 बजे में उपभोक्ता को विद्युत आपूर्ति चालू की गयी. घटना के बाद गया के जेइ रंजन कुमार के मृत्यु के बाद ट्रेड यूनियन के तरफ से शनिवार को जिला मुख्यालय सहित सभी प्रखंडों के बिजली विभाग के कार्यालय को बंद कर दिया. मधुबनी सब डिवीजन के जेइ पंकज कुमार ने बताया कि अभी तक कोई ठोस जानकारी नहीं मिली है. लेकिन जो जानकारी मिल रही है उसके तहत तीन आदमी का मृत्यु हो चुका है. उन्होंने बताया कि अभी आपूर्ति बाधित नहीं है. ग्रिड से मिली जानकारी के अनुसार जिले को 25 मेगावाट बिजली की जरूरत है जिस एवज 10 मेगावाट आपूर्ति की गयी. ट्रेड यूनियन के आदेश से जिला मुख्यालय में दिन के 11 बजे से सभी कर्मी कार्यालय बंद कर चले गये.
गया के जेइ के निधन के बाद विभाग द्वारा उपभोक्ता के सुविधा को देखते हुए तत्काल आपूर्ति चालू रखने की सूचना है. वहीं बंद के कारण शनिवार को राजस्व शाखा, तकनीकी शाखा, लेखा शाखा में ताला लटका रहा. वहीं बिल सेक्शन में सहायक पवन कुमार ने बताया कि बंदी के कारण दो दिन से बिल निकासी का काम नहीं हो रहा है. उन्होंने बताया कि प्रत्येक माह के पंद्रह तारीख को बिल निर्गत करने एवं उपभोक्ता को पहुंचाने का काम होता है. लेकिन बंदी होने के कारण इस माह बिल निर्गत होने मे विलंब होगा. जिस कारण राजस्व उगाही पर भी प्रभाव पड़ेगा. जेइ पंकज कुमार ने बताया कि अगर मृतक के बारे में सूचना सही है तो आने वाले समय में आपूर्ति बंद हो सकती है. फुलपरास प्रतिनिधि के अनुसार, चिलचिलाती धूप व उमस भरी गरमी के बीच बिजली गुल रहने से आम जन जीवन अस्त व्यस्त है. अनुमंडल क्षेत्र में बिजली की लचर आपूर्ति का खामियाजा ङोल रहे विद्युत उपभोक्ताओं को पिछले 24 घंटे से विद्युत आपूर्ति ठप है लोगों में बेचैनी बनी हुई है. विद्युत आपूर्ति ठप रहने से बिजली संचालित उपकरण शोभा की वस्तु बनी हुई है.
मोटर बंद होने से पानी टंकी बेकार साबित हो रहा है बिजली के माध्यम से अपने कार्यो के निबटारे के लिए बिजली के अभाव में जेनेरेटर पर निर्भर रहना पड़ता है. जो महंगा एवं असहज है. सबसे गंभीर स्थिति अनुमंडल मुख्यालय स्थित रेफरल अस्पताल सहित विभिन्न प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर इलाज के लिए भरती मरीजों की अनुमंडल क्षेत्र के चारों प्रखंडों के 67 पंचायतों में पिछले 24 घंटों से पूर्ण रूपेण विद्युत आपूर्ति ठप है. आम लोगों का जन जीवन अस्त व्यस्त हो गया है. भीषण गरमी में रात भर जग कर रात काटने पर लोग मजबूर हो गया है.