मधुबनी : राजनगर थाना क्षेत्र के रामपट्टी श्रीगंज टोल में प्रशासन द्वारा अतिक्रमण मुक्त कराये गये जमीन पर जबरन कब्जा करने वालों पर प्रशासन कठोर कार्रवाई करेगी. राजनगर प्रखंड के बीडीओ सह प्रशिक्षु आइएएस अधिकारी नवल किशोर चौधरी ने कहा है कि उच्च न्यायालय के आदेशानुसार श्रीगंज टोल निवासी रामबाबू यादव के घर तक जाने […]
मधुबनी : राजनगर थाना क्षेत्र के रामपट्टी श्रीगंज टोल में प्रशासन द्वारा अतिक्रमण मुक्त कराये गये जमीन पर जबरन कब्जा करने वालों पर प्रशासन कठोर कार्रवाई करेगी. राजनगर प्रखंड के बीडीओ सह प्रशिक्षु आइएएस अधिकारी नवल किशोर चौधरी ने कहा है कि उच्च न्यायालय के आदेशानुसार श्रीगंज टोल निवासी रामबाबू यादव के घर तक जाने वाली सरकारी जमीन तीन कट्ठा, 13 धूर को अतिक्रमण मुक्त करा लिये जाने का दावा विभाग कर रही है. अब यदि इस जमीन पर किसी पक्ष द्वारा अतिक्रमण किया जाता है तो उस व्यक्ति के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की जायेगी. इधर उक्त जमीन पर रास्ता बनाये जाने के दिशा में पहल की जा रही है. जिसमें स्थानीय कुछ लोगों द्वारा अब तक विरोध जारी है.
न्यायालय के आदेश पर हुई पहल
श्रीगंज टोला में रामबाबू यादव के घर तक जाने वाले सरकारी रास्ता के जमीन को पटना उच्च न्यायालय के आदेश पर अतिक्रमण मुक्त किये जाने की पहल की गयी है. अतिक्रमित जमीन को खाली कराने के लिये आवेदन रामबाबू यादव ने राजनगर अंचल से लेकर मधुबनी डीसीएलआर कार्यालय का वर्षो चक्कर लगाया. बाद में इस मामले को लेकर पटना उच्च न्यायालय में वाद दायर किया गया. जिसे पटना उच्च न्यायालय के न्यायाधीश राजेश कुमार मिश्र ने गंभीरता से लेते हुए मधुबनी जिला प्रशासन को 5 फरवरी 15 को 15 दिनों के अंदर जमीन को अतिक्रमण मुक्त कराने का आदेश पारित किया. पर इस आदेश की अनदेखी करते हुए महिनों तक जमीन को पूर्ण रूप से खाली नहीं कराया जा सका. हालांकि राजनगर प्रखंड प्रशासन व अंचल प्रशासन जमीन को पूर्ण रूप से अतिक्रमणमुक्त कर दिये जाने का दावा कर रही है. ग्रामीण सूत्रों का कहना है कि अब भी उक्त जमीन पर अतिक्रमण किया जा रहा है. इसकी साजिश कुछ लोगों द्वारा की जा रही है.
होगी कार्रवाई
इधर राजनगर बीडीओ सह प्रशिक्षु आइएएस अधिकारी नवल किशोर चौधरी ने कहा है कि जमीन को पूरी तरह अतिक्रमण मुक्त करा लिया गया है. अब यदि किसी भी पक्ष द्वारा जमीन का अतिक्रमण करने की कोशिश की गयी तो उस व्यक्ति के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जायेगी. पटना उच्च न्यायालय के आदेश का हर हाल में पालन होगा.