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24 लाख खर्च, नहीं आयी बिजली

पंडौल : रास नारायण महाविद्यालय की बिजली कटे लगभग साल भर होने को है, लेकिन इस सेवा को बहाल किये जाने की दिशा में कोई सार्थक कदम नहीं उठाये जाने से अब तक महाविद्यालय विद्युत सेवा से वंचित है.ऊपर से सितम यह कि तीन महीने पहले ही पूरे कैंपस को वाई-फाई से युक्त एवं सीसीटीवी […]

पंडौल : रास नारायण महाविद्यालय की बिजली कटे लगभग साल भर होने को है, लेकिन इस सेवा को बहाल किये जाने की दिशा में कोई सार्थक कदम नहीं उठाये जाने से अब तक महाविद्यालय विद्युत सेवा से वंचित है.ऊपर से सितम यह कि तीन महीने पहले ही पूरे कैंपस को वाई-फाई से युक्त एवं सीसीटीवी कैमरे से लैस करने के क्रम में लगभग दो लाख रुपये खर्च किये गये हैं.
अब सवाल यह है कि जब बिजली ही नहीं है तो फिर कैंपस को वाई-फाई युक्त और सीसीटीवी कैमरी से लैस करने का क्या फायदा है.
पत्रिका शुल्क के नाम पर भी हो रही उगाही
छात्रों को बताया जाता है कि वे पूरे कैंपस में कहींभी वाई-फाई के सहारे फ्री में इंटरनेट सेवा का लाभ उठा सकते हैं, लेकिन बिजली के अभाव में इस सेवा का लाभ कोई भी छात्र नहीं ले पाते हैं. विद्यार्थियों का यह कहना है कि बिजली की कमी के कारण वाई-फाई या सीसीटीवी कैमरे की सुविधा उन्हें नहीं मिल पायी है. एडमिशन के समय में सभी छात्रों से पत्रिका शुल्क के नाम पर भी पैसे लिये जाते हैं, लेकिन इस तरह की कोई सुविधा महाविद्यालय में उपलब्ध नहीं है. महाविद्यालय प्रशासन का अपना जेनेरेटर होते हुए भी कभी इसे चलाया नहीं जाता है.
बंद पड़ा कंप्यूटर लैब
महाविद्यालय के छात्रों के लिए 48 कंप्यूटरों वाले लैब का उद्घाटन कुल सचिव ने किया गया. इस पर अब धुल जमने लगा है. यदि ऐसा ही रहा तो आज के इस टेक्नोलॉजी के युग में कंप्यूटर शिक्षा से छात्र वंचित रह जायेंगे. आखिर ऐसे कंप्यूटर लैब का क्या लाभ जब यह चल ही नहीं रही हो.
वर्क कल्चर पर असर
कार्यालय प्रधान से पता चला कि इस गरमी में बिजली नहीं होने से महाविद्यालय के कार्य प्रणाली में भारी गिरावट आई है. वहीं एक शिक्षक ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि एक ओर जहां महाविद्यालय प्रशासन के अन्य कर्मचारी गरमी से जुझते हुए कार्य करने पर मजबूर हैं. वहीं दूसरी ओर प्रधानाचार्य के चैंबर को सौर ऊर्जा से चलित इन्वर्टर सहित वातानुकूलित किया गया है. जो कि उच्च पदाधिकारी व निचले स्तर के कर्मचारी में व्याप्त भेद-भाव को उजागर करता है.
बिजली के नाम पर 24 लाख हो गये खर्च
महाविद्यालय प्रशासन को पूर्ण विद्युतीकरण के नाम पर राज्य सरकार से 18 लाख रुपये मिले थे. इसका कुल व्यय कर दिया गया. लगभग तीन महीने पहले छह लाख रुपये जमा किया गया था बिजली विभाग को, लेकिन अब तक विद्युत व्यवस्था का बहाल न होना महाविद्यालय प्रशासन पर सशंकित इशारा करता है. ज्ञात हो कि लगभग साल भर पहले बिजली चोरी के आरोप में रास नारायण महाविद्यालय का विद्युत कनेक्शन काट दिया गया था. साथ ही प्रधानाचार्य पीके झा के विरुद्ध पंडौल थाना में प्राथमिकी भी दर्ज की गयी थी.
क्या कहते हैं प्रधानाध्यापक
बिजली विभाग के बकाये राशि का भुगतान कर दिया गया है. जल्द ही विद्युत कनेक्शन विभाग की ओर से कर दिया जायेगा. उन्होंने बताया कि जरूरत पड़ने पर जेनेरेटर का उपयोग किया जाता है.

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