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जिप अध्यक्ष पर अविश्वास का फैसला आज

मधुबनी : जिला परिषद अध्यक्ष की कुरसी बचेगी या जायेगी. इसका निर्णय शनिवार को होना है. अविश्वास प्रस्ताव संबंधी आवेदन पर विशेष बैठक का निर्धारित तिथि 14 मार्च तय है. इसको लेकर जिला मुख्यालय सहित अन्य क्षेत्रों में जिप की राजनीति पर व्यापक रूप से चर्चा हो रही है. दोनों खेमा अपने पक्ष में अधिक […]

मधुबनी : जिला परिषद अध्यक्ष की कुरसी बचेगी या जायेगी. इसका निर्णय शनिवार को होना है. अविश्वास प्रस्ताव संबंधी आवेदन पर विशेष बैठक का निर्धारित तिथि 14 मार्च तय है. इसको लेकर जिला मुख्यालय सहित अन्य क्षेत्रों में जिप की राजनीति पर व्यापक रूप से चर्चा हो रही है. दोनों खेमा अपने पक्ष में अधिक से अधिक सदस्यों को मनाने की कोशिश में जुटे हुए हैं.
होटलों में आने लगे सदस्य
दोनों खेमा किसी भी तरह अपने पक्ष को मजबूत करने में जुट गया है. इसके लिए जिप सदस्यों का आव-भगत भी खूब किया जा रहा है. दोनों खेमा ने जिले के बड़े होटलों में कई कमरे बुक किये हैं, जिनमें सदस्यों को ठहराया जा रहा है. अधिकांश सदस्य देर शाम तक जिला मुख्यालय पहुंच गये थे.
प्रशासनिक तैयारी पूरी
इधर, अविश्वास प्रस्ताव पर विशेष बैठक को लेकर प्रशासनिक स्तर पर भी तैयारी पूरी कर ली गयी हैं. कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच शांति एवं निष्पक्ष रूप से बैठक आयोजित करने के लिए जिला पदाधिकारी ने व्यापक रूप से दिशा निर्देश जारी कर दिये हैं. इसके तहत बिहार पंचायत राज अधिनियम 2006 की धारा 70(4)(6) के आलोक में अपर समाहर्ता मो शमीम को गुप्त मतदान संपन्न कराने की जिम्मेदारी दी गयी है. इनके सहायता के लिए पंचायती राज पदाधिकारी मो तारिक इकबाल, जिला विधिक शाखा के लिपिक अशोक झा, सामान्य शाखा के सुरेंद्र कुमार एवं जिला विकास शाखा के कुमुद रंजन भी शामिल होंगे.
अविश्वास के लिए 29 मत जरूरी
वर्तमान जिप अध्यक्ष के विरुद्ध लगाये गये अविश्वास प्रस्ताव को पारित करने के लिए अविश्वास के पक्ष में कम से कम 29 सदस्यों की आवश्यकता है. जिप में कुल 56 सदस्य हैं. अविश्वास प्रस्ताव को पारित करने के लिए कुल सदस्यों की संख्या के आधे से एक मत अधिक की जरूर होती है. इसके अनुसार 29 मत अविश्वास प्रस्ताव को पारित करने के लिए आवश्यक है.
संख्या बल पर नजर
दोनों खेमा 29 के आंकड़ों पर नजर गड़ाये हैं. विरोधी खेमा जहां हर हाल में 29 सदस्य को अपने पक्ष में करने की कोशिश में जुटा है. वहीं जिप अध्यक्ष का खेमा 29 के आंकड़े को तोड़ने की जुगत कर रहा है.
विकास के लिए ठीक नहीं
इधर, एक बार फिर कई जिप सदस्यों ने अविश्वास प्रस्ताव को विकास हित के लिए दुखद बताया है. जिप सदस्य गौड़ी देवी, विजय कुमार झा भोला, मो कलीम, वीरेंद्र यादव सहित कई अन्य सदस्यों ने कहा है कि वित्तीय वर्ष समाप्ति में महज कुछ दिन बच गया है. ऐसे में विकास योजना को लेकर हर सदस्य को पहल करनी चाहिए न कि अविश्वास की राजनीति. जिप सदस्यों से अविश्वास को खारिज करने की अपील की है.

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