मधुबनी : महीनों से कालाजार से ग्रसित मरीज की खोज स्वास्थ्य विभाग की सहयोगी संस्था केयर द्वारा बुधवार को पहचान कर गुरुवार को सदर अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में भर्ती कर उपचार शुरू करवाया गया. पीड़ित 13 वर्षीय अमला कुमारी का हेमोग्लोबीन मात्र पांच प्रतिशत है, जिसके लिए उसे तत्काल केयर के डीपीओ कृष्ण कुमार द्वारा ब्लड डोनेट किया गया. इस बीच परिजनों द्वारा उसने इलाज में लगभग 50 हजार रुपये निजी चिकित्सक के यहां खर्च किया गया.
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केयर ने की कालाजार मरीज की पहचान, इलाज शुरू
मधुबनी : महीनों से कालाजार से ग्रसित मरीज की खोज स्वास्थ्य विभाग की सहयोगी संस्था केयर द्वारा बुधवार को पहचान कर गुरुवार को सदर अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में भर्ती कर उपचार शुरू करवाया गया. पीड़ित 13 वर्षीय अमला कुमारी का हेमोग्लोबीन मात्र पांच प्रतिशत है, जिसके लिए उसे तत्काल केयर के डीपीओ कृष्ण कुमार […]
क्या है मामला : जयनगर निवासी रामचंद्र की 13 वर्षीय पुत्री अमला कुमारी जुलाई 17 से बुखार से पीड़ित थी. परिजनों द्वारा बेहतर चिकित्सा के लिए दरभंगा के एक निजी चिकित्सक डाॅ. केडी यादव के यहां ले जाया गया. चिकित्सक द्वारा पीड़ित का उपचार शुरू किया गया. महीनों उपचार के बाद कालाजार की पहचान होने के बाद भी चिकित्सक द्वारा उसे सरकारी अस्पताल में उपचार नहीं कराकर स्वयं उपचार जारी रखा. इस बीच मरीज की हालत बद से बदतर होकर उसका हेमोग्लोबीन 5 प्रतिशत ही रह गया. जिसके कारण वह बेड से उठ भी नहीं पा रही थी. इधर परिजनों द्वारा एक वर्ष में 50 हजार रुपये इलाज के नाम खर्च कर दिया गया.
केयर ने किया केयर : स्वास्थ्य विभाग की सहयोगी संस्था केयर के प्रखंड समन्वयक सूर्य मोहन दास के द्वारा सक्रिय मरीज खोज अभियान के अंतर्गत उक्त मरीज की खोज बुधवार को किया गया. श्री दास ने इसकी सूचना तत्काल केयर के डीपीओ कृष्ण कुमार भारती को दिया. श्री भारती द्वारा इस संबंध में जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डा. सीके सिंह व उपाधीक्षक डा. एएन प्रसाद से संपर्क कर मामले की जानकारी दिया गया. दोनों पदाधिकारियों द्वारा तत्काल मरीज को सदर अस्पताल लाने की सलाह दिया गया. केयर द्वारा मरीज को जयनगर से सदर अस्पताल लाया गया. चिकित्सकों द्वारा मरीज का हेमोग्लोबीन जांच की गयी तो हेमोग्लोबीन महज पांच प्रतिशत पाया गया. केयर के डीपीओ द्वारा तत्काल मरीज के लिए ब्लड डोनेट किया गया. जिसके बाद मरीज का उपचार प्रारंभ हुआ. इस क्रम में मरीज को सदर अस्पताल में खाने- पीने से लेकर सभी आवश्यकताओं की पूर्ति किया गया. उपचार के बाद मरीज को मुख्यमंत्री राहत योजना से 6 हजार 6 सौ तथा एनवीवीडीसीपी के तहत 5 सौ रुपये दिया जायेगा. इस अवसर पर वीवीडीसी नीरज सिंह, केटीएस राकेश कुमार व ए ग्रेड चंद्रकला देवी कालाजार परिचारिका मौजूद रहे.
जुलाई 17 से दरभंगा का एक निजी चिकित्सक
कर रहा था इलाज
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