मधुबनी : जमाबंदी पंजी के कंप्यूटरराइजेशन कार्य में उदासीनता बरतने को लेकर जिला पदाधिकारी शीर्षत कपिल अशोक ने रहिका एवं पंडौल प्रखंड के अंचलाधिकारी से स्पष्टीकरण पूछा है. राजस्व विभाग पटना द्वारा 22 नवंबर को जमाबंदी पंजी कंप्यूटरराइजेशन कार्य के सत्यापन से संबंधित प्रतिवेदन ऑनलाइन प्रकाशन में रहिका अंचल में कंप्यटरराइजेशन के बाद सत्यापन कार्य शून्य तथा पंडौल अंचल में कंप्यूटरराइजेशन के बाद सत्यापन कार्य मात्र 2 मौजा दर्शाया गया है.
इससे यह स्पष्ट है कि जिले की स्थिति अत्यंत खराब है. डीएम ने कहा कि सात अक्टूबर को प्रमंडल स्तरीय राजस्व बैठक में उपलब्ध प्रतिवेदन में रहिका अंचल को 23 मौजा एवं पंडौल अंचल को 25 मौजा कंप्यूटरराइजेशन के कार्य का सत्यापन के लिए राजस्व कर्मचारियों को उपलब्ध कराने का निर्देश दिया गया था. डीएम ने कहा कि दोनों अंचलों के वर्णित प्रतिवेदन अवलोकन से स्पष्ट होता है कि जमाबंदी पंजी कंप्यूटरराइजेशन के कार्य के प्रति अभिरूचि नहीं ली गयी है
तथा राजस्व कार्य के प्रति उच्चाधिकारी के आदेश की अवहेलना एवं मनमाने रूप से कार्य करने को दर्शाता है. डीएम ने निर्देश दिया है कि पत्र प्राप्त के दो दिनों के अंदर स्पष्टीकरण दें कि किस कारणवश जमाबंदी पंजी के कंप्यूटरराइजेशन कार्य सत्यापन के प्रति उदासीनता बरती गयी है. साथ ही जमाबंदी पंजी के कंप्यूटरराइजेशन कार्य सत्यापन पूर्ण होने तक एवं मौजावार अंतिम रूप से शुद्ध प्रविष्टि ऑनलाइन होने तक अंचल अधिकारी रहिका, पंडौल के साथ-साथ राजस्व कर्मचारियों संविदा सहित के वेतन को स्थगित किया गया है. ज्ञात हो कि जिन अंचलों का जमाबंदी पंजी डिजिटाइजेशन का कार्य संपन्न हो गया है, उस अंचल में एक दिसंबर से ऑनलाइन दाखिल खारिज प्रक्रिया प्रारंभ किया जाएगा. जमाबंदी पंजी का डिजिटाईजेशन कार्य का सत्यापन शत प्रतिशत 30 नवंबर तक पूरा किया जाना है.