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पैसे को एक से दूसरे एटीएम का चक्कर लगाना मजबूरी

मधुबनी : नोटबंदी के एक साल पूरे हो गये है. इस एक साल में बहुत कुछ लोगों ने देखा व झेला है. शुरूआती के कुछ माह तो लोगों के लिये पल पल भारी गुजरा. लोग सौ – पचास के नोट के लिये भटकते व दूसरों के खुशामद में लगे रहे. एटीएम में सुबह से शाम […]

मधुबनी : नोटबंदी के एक साल पूरे हो गये है. इस एक साल में बहुत कुछ लोगों ने देखा व झेला है. शुरूआती के कुछ माह तो लोगों के लिये पल पल भारी गुजरा. लोग सौ – पचास के नोट के लिये भटकते व दूसरों के खुशामद में लगे रहे. एटीएम में सुबह से शाम तक लंबी कतारें लगी रहती थी. पर बीते एक साल में अब मामला सामान्य होता जा रहा है. हालांकि अब भी एटीएम की स्थिति बेहतर नहीं हो सकी है. जिस कारण लोगों की परेशानी कायम ही है. खासकर जिला मुख्यालय में पैसे के लिये आने वाले जरूरतमंदों को एटीएम धोखा ही दे रहा है.

अधिकतर एटीएम बेकार . दिन के करीब 12 बज रहे थे. स्टेशन के समीप एक एटीएम में हड़बड़ाते हुए एक छात्र आया. पर ठीक एक मिनट बाद वह वापस उदास होकर निकला. चेहरे पर परेशानी के भाव थे. युवक बताया कि उसका नाम इरफान खान है. वह राजनगर के ठिकहा गांव से आया है.

वह बी कॉम का छात्र है. उसे आज अखिल भारतीय इंजीनियरिंग एवं मेडिकल के स्कॉलरशिप प्रवेश परीक्षा का फार्म भरना था. करीब एक घंटे से शह के दर्जनों एटीम में घूम रहा है. इनका खाता कॉरपोरेशन बैंक में है. पहले वहां के एटीएम में गये. पर पैसे नहीं निकले. इसके बाद से कई एटीएम में गया है. कहीं एटीएम में पैसे नहीं तो कहीं पर मशीन में ही समस्या है. कुल मिलाकर उसे पैसे नहीं निकल सके.

इसी प्रकार भिठ्ठी गांव की दुर्गा देवी भी अपने दो बच्चों के साथ स्टेशन के समीप के एटीएम से निराश निकली. वह भी पैसे के लिये आयी थी. बताती है कि यूनियन बैंक में उनका खाता है.

पारिवारिक कार्य से पैसे के लिये आयी थी. पर पैसा नहीं निकल सका है. कई एटीएम में गयी हैं. पर पैसे नहीं मिल सके. बताती है कि जिस जिस एटीएम मे गयी कहीं पर मशीन काम नहीं कर रहा था तो कहीं पर रुपये ही नहीं थे. यहीं हाल टाउन क्लब निवासी प्रदीप कुमार का भी था. पैसे के लिये एटीएम लिये मोटरसाईकिल से हड़बड़ाते हुए आया. पर जैसे ही लोगों ने कहा कि एटीएम खराब है वापस चला गया. यह तो महज तीन लोगों की बानगी है. शहर में इस प्रकार की समस्या से हर दिन लोग जूझ रहे हैं.

रुपये की कमी. इधर, बैंक सूत्रों की मानें तो बीते एक साल में भी अब तक आवश्यकता के अनुसार रुपये नहीं प्राप्त हो सके हैं. जिस कारण अधिकांश एटीएम में पैसे नहीं रहते हैं. जिस प्रकार से यहां के उपभोक्ता पैसे ले रहे हैं उस हिसाब से चेस्ट से पैसे नहीं मिल रहे.क्षेत्रीय प्रबंधक अजीत कुमार पोद्दार ने बताया है कि एसबीआइ के अधिकांश एटीएम में पैसे रहते हैं.

जहां तक बंद होने की बात है तो तकनीकी खराबी के कारण कुछ एटीएम में जरूर लेन देन बाधित रहता है.

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