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प्रशासन बेखबर, चौसा में संक्रमण की तरह फैल रहा है ताश व जुआ चौसा : प्रखंड अंतर्गत तेरहों पंचायत ताश और जुआ के दाग से शायद ही अछूता रहा हो. आप चाहे जिस भी पंचायतों में भ्रमण करें. चौसा पूर्वी, पश्चिमी, पंचायत घोषई, लौआलगान, भटगामा, फुलौत, सहित कई अन्य जगहों पर यत्र-तत्र तशेरियों की टोली […]
प्रशासन बेखबर, चौसा में संक्रमण की तरह फैल रहा है ताश व जुआ
चौसा : प्रखंड अंतर्गत तेरहों पंचायत ताश और जुआ के दाग से शायद ही अछूता रहा हो. आप चाहे जिस भी पंचायतों में भ्रमण करें. चौसा पूर्वी, पश्चिमी, पंचायत घोषई, लौआलगान, भटगामा, फुलौत, सहित कई अन्य जगहों पर यत्र-तत्र तशेरियों की टोली देखने को मिल जायेंगे. हर दस ताश की टोली में से एक-दो टोली ताश पर आधारित जुआ जैसे निकृष्ट खेलों को अंजाम दे रहे होते हैं. गौरतलब यह है कि जुआ से जहां खेलने वालों का जीवन तो बरबाद हो ही रहा है. वहीं परिवार वाले भी ऐसे लोगों से खासा परेशान रहा करते हैं. यही परेशानियां तब और भी बढ़ जाया करती हैं जब ये लोग खेलने के क्रम में तू-तू, मैं – मैं पर उतर कर आपस में उलझ अश्लील शब्दों का प्रयोग करने लगते हैं. ऐसे में यह खेल विवाद का कारण तो बनता ही है, साथ – साथ चल रहे खेल के आसपास उपस्थित समाज की महिलाओं को भी गाहे – बगाहे भद्दी – भद्दी व अश्लील भाषा को मजबूरन सुनकर शर्मसार होना पड़ता है.
फुलौत से उठी आवाज : चौसा प्रखंड अंतर्गत फुलौत के ग्रामीण क्षेत्र के बुद्धिजीवी वर्ग के लोगों ने ताश और जुआ से होने वाले दुष्परिणामों के बारे में आगाह करने का काम किया है. वहीं स्थानीय प्रशासन को भी इस मुद्दे से अवगत कराने का उनका यह पहल बुद्धिजीवियों द्वारा सराहनीय माना जा रहा है. अनिल मोदी ने बताया कि फुलौत पूर्वी पंचायत के वार्ड नंबर – सात जुआरियों का अड्डा सा बनता जा रहा है.
यहां बाबा जयसिंह मंदिर के पास एकांत जगह जान पुरे फुलौत के जुआरियों का सुबह से शाम तक खेल चलते रहता है. मोदी ने अपनी चिंता प्रकट करते हुए फुलौत में जुआ का यह लत अब युवाओं के बीच भी फैलने लगा है,और इस लत में डूबे हुए लोगों के परिवार वालों के साथ-साथ आसपास की महिलाएं भी इन लोगों द्वारा प्रयोग किये जाने वाले भद्दी भाषा के प्रयोग से परेशानी का सामना करने को मजबूर बनी हुई हैं. जबकि पुलिस ओपी भी फुलौत में कार्यरत हैं. यहा तक की फुलौत पंचायत के पांच सौ मीटर दूरी दूरी पर दोनों पंचायत के मुखिया व जिलापरिषद के रहते हुए भी यहां के लोगों को जुआ खेलने से मना नहीं किया जाता है.
कानून की नजर में भी हैं दोषी : अधिवक्ता विनोद आजाद बताते हैं कि जुआ खेलने से मन में झूठी आशा पैदा हो जाती है. ये खेलने वाले को इस झूठी कल्पना में विश्वास में जीने के लिये मजबूर कर देता है कि एक दिन मुझे ढेर सारा पैसा मिलेगा और मेरा जीवन अचानक ही अप्रत्याशित लाभ से गुलाबी आनंदित हो जायेगा. उन्होंने बताया कि लघु अधिनियम के अंतर्गत 4 (क) जुआ एक्ट, धारा 13 सी जुआ खेलना, सट्टा लगाने में एक वर्ष की सजा और 1000 रुपये जुर्माना का भी प्रावधान है.
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